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Chandra Drishti ka fal-चन्द्र दृष्टि का फल

प्रथम भाव पर चन्द्रमा की पूर्ण दृष्टि का फल-

(Chandra Drishti ka fal) – जब चंद्रमा प्रथम भाव को पूर्ण दृष्टि से देखता है तो ऐसे जातक अधिकतर प्रवासी ही रहते हैं | ऐसे जातक उच्च व्यवसायी, भाग्यवान तथा शौकीन भी बहुत होते हैं | किन्तु कुछ कंजूस प्रवृत्ति के और स्त्री प्रेमी होते हैं |

द्वतीय भाव पर चन्द्रमा की पूर्ण दृष्टि का फल-

द्वितीय भाव को जब चंद्रमा पूर्ण दृष्टि से देखता है तो जातक अधिक संतति वाले होते हैं | सामान्य सुखी 8 से 10 वर्ष की अवस्था में शारीरिक कष्ट होता है | धन की हानि होती रहती है | ऐसे जातकों को जल से सावधान रहना चाहिए क्योंकि जल में डूबने की आशंका बनी रहती है | और चोट घाव खरोच आदि से दुख होते रहते हैं |

तृतीय भाव पर चन्द्रमा की पूर्ण दृष्टि का फल-chandra ki drishti ka fal

तृतीय भाव को चंद्रमा जब पूर्ण दृष्टि से देखता हो तो व्यक्ति धार्मिक, यात्रा प्रिय, अधिक वाहन तथा कम भाइयों वाले होते हैं | लगभग 24 वर्ष की अवस्था से पराक्रमी, सतसंगत प्रिय और मिलनसार भी बहुत होते हैं |

चतुर्थ भाव पर चन्द्रमा की पूर्ण दृष्टि का फल-

चतुर्थ भाव को जब चंद्रमा पूर्ण दृष्टि से देखता है तो ऐसे जातक लगभग 24 वर्ष की अवस्था से बहुत सुख भोगने वाले होते हैं | ऐसे जातक राजमान्य, अच्छे कृषक, वाहन आदि सुख को भोगने वाले होते हैं | ऐसे व्यक्ति मातृसेवी होते हैं |

पंचम भाव पर चन्द्रमा की पूर्ण दृष्टि का फल-(Chandra Drishti ka fal)

पंचम भाव को जब चंद्रमा पूर्ण दृष्टि से देखता है तो ऐसे व्यक्ति बहुत व्यवहार कुशल और बुद्धिमान होते हैं | ऐसे जातको को प्रथम संतान में पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है | ऐसे व्यक्ति कला कौशल के जानने वाले होते हैं |

छटवें भाव पर चंद्र की दृष्टि का फल-

षष्ठ भाव के ऊपर जब चंद्रमा की पूर्ण दृष्टि होती है तो ऐसे जातक बहुत शांत प्रवृत्ति के होते हैं | किंतु रोगी, शत्रुओं से कष्ट पाने वाले, विशेषकर गुप्त रोगों से आक्रांत और अधिक व्यय करने वाले होते हैं | ऐसे जातकों को लगभग 24 वर्ष की अवस्था में जल के द्वारा हानि होती है |

सातवें भाव पर चन्द्रमा की पूर्ण दृष्टि का फल- chandra ki drishti

सप्तम भाव को चंद्रमा सप्तम भाव को पूर्ण दृष्टि से देखता हो तो व्यक्ति सुंदर, सुखी और सुंदर स्त्री प्राप्त करने वाले होते हैं | ऐसे व्यक्ति सत्यवादी और व्यापार से धन संचित करने वाले होते हैं | किंतु कुछ कंजूस प्रवृत्ति के भी होते हैं |

आठवें भाव पर चन्द्रमा की पूर्ण दृष्टि का फल-(Chandra Drishti ka fal)

जब चंद्रमा अष्टम भाव को पूर्ण दृष्टि से देखता है तो व्यक्ति पित्र धन अर्थात पैतृक संपत्ति का नाश करने वाला होता है | ऐसे व्यक्ति विशेषकर कुटुंब विरोधी होते हैं | ऐसे जातकों को नेत्रों से सम्बंधित परेशानी होती है | और कुछ लंपट (लोफर) स्वाभाव के भी होते हैं |

नवम भाव पर चन्द्रमा की पूर्ण दृष्टि का फल-

नवम भाव पर चंद्रमा की पूर्ण दृष्टि होने के कारण ऐसे व्यक्ति धर्मात्मा और भाग्यशाली होते हैं | परंतु इन्हें भाइयों का सुख प्राप्त नहीं होता | चूँकि ऐसे व्यक्ति बहुत बुद्धिमान होते हैं |

दशम भाव पर चन्द्रमा की पूर्ण दृष्टि का फल-(Chandra Drishti ka fal)

दशम भाव को पूर्ण दृष्टि से जब चंद्रमा देखता है तो ऐसे जातक पशुओं का व्यवसाय करने वाले होते हैं | ऐसे व्यक्ति शीघ्र ही धर्मांतरण करने वाले होते हैं | पिताजी से इनका वैचारिक वैमनस्य रहता है | ऐसे जातक कुछ चिड़चिड़े स्वभाव के भी होते हैं |

एकादश भाव पर चन्द्रमा की पूर्ण दृष्टि का फल- chandrama ki drishti

ग्यारहवें भाव को चंद्रमा जब पूर्ण दृष्टि से देखता है तो ऐसे जातक अच्छा लाभ प्राप्त करने वाले होते हैं | ऐसे व्यक्ति कुशल व्यवसायी, अधिक कन्या संतति वाले होते हैं | ऐसे जातकों के बहुत सारे मित्र होते हैं, और ये मित्रों से अधिक प्रेम करने वाले होते हैं |

बारहवें भाव पर चन्द्रमा की पूर्ण दृष्टि का फल-(Chandra Drishti ka fal)

द्वादश भाव को जब चंद्रमा पूर्ण दृष्टि से देखता है तो ऐसे व्यक्तियों का धन शत्रुओं के द्वारा खर्च होता है | ऐसे व्यक्ति अधिकतर चिंता युक्त रहते हैं | फिर भी राजमान्य एवं अंतिम जीवन में सुख भोगने वाले होते हैं |

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Pandit Rajkumar Dubey

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