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तीन मुखी रुद्राक्ष

900.00

1)रक्त प्रदर.

2)रक्त दोष.

3)किसी भी प्रकार का बुखार.

4)खुजली.

5)बार बार जख्म होना.

6)महिलाओं को मासिकधर्म सम्बंधी समस्या.

7)स्नायु की बीमारी.

8)अल्सर (Ulcer) आदि रोग

3 mukhi rudraksha original certified

3 mukhi rudraksha – तीन मुखवाला रुद्राक्ष सदा साक्षात साधन का फल देने वाला है, उसके प्रभाव से सारी विद्याऐं प्रतिष्ठित होतीं हैं। भूमि, भवन, वाहन आदि के सुख में बृद्धि होती है | त्रनेत्र अर्थात छठी इंद्री (six sense) बहुत ही सक्रिय हो जाती है | नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होकर शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होने लगता है | साथ ही अनेक प्रकार की बीमारियों से छुटकारा दिलाएगा तीन मुखी रुद्राक्ष |

जिन ब्यक्तियों को रक्त प्रदर, रक्त दोष, किसी भी प्रकार का बुखार, खुजली, बार बार जख्म होना, मासिकधर्म सम्बंधी समस्या, स्नायु की बीमारी, अल्सर (Ulcer) आदि रोग होने पर तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिये। उपरोक्त सभी समस्यायों सेछुटकारा मिलेगा ।

तीन मुखी रुद्राक्ष मेष राशि वालों को तथा ब्रिश्चिक राशि वालों को धारण करना चाहिए | 3 mukhi rudraksha मंगल से सम्बन्ध रखता है | मंगल अग्नि ग्रह होने के कारण व्यक्ति में उत्तेजना उत्पन्न करता है | मंगल का मज्जा पर अधिकार होता है तथा पेट से सम्बंधित बीमारियाँ उत्पन्न करता है | तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करने से मंगल से उत्पन्न होने वाले सारे दुष्प्रभाव को नष्ट करने की क्षमता रखता है | यदि आप रुद्राक्ष धारण नहीं करना चाहते हैं और उपरोक्त समस्याओं में से कोई भी समस्या है तो आप मंगल यन्त्र धारण कर सकते हैं | यन्त्र प्राप्त करने के लिए मंगल यन्त्र पर किलिक करें |

तीन मुखी रुद्राक्ष को सिद्ध करने का मंत्र –(3 mukhi rudraksha)

ॐ क्लीं नमः ॥

रुद्राक्ष के फायदे – रुद्राक्ष धारण करने वाले मनुष्य को देखकर भूत प्रेत पिशाच  डाकिनी शाकिनी तथा जो अन्य द्रोहकारी राक्षस होते हैं वे सब डरकर भाग जाते हैं। जो कृत्रिम अभिचार आदि होते हैं वे रुद्राक्ष धारण करने वाले के पास नहीं आते या जिनके ऊपर अभिचार कर्म किया गया हो वे रुद्राक्ष धारण करते ही अभिचार कर्मों से मुक्त हो जाते हैं।

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श्री मद्भागवत महापूर्ण मूल पाठ

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