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shrimad bhagwat mool path

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श्रीमद्भागवत महापुराण भक्ति तथा मुक्ति दोनों प्रदान करने वाली है | जिस परिवार के नाम से श्रीमद्भागवत महापुराण का पाठ होता है उस परिवार में भक्ति का प्रादुर्भाव स्वतः ही हो जाता है | माता लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहती है | शत्रु स्वतः ही नष्ट हो जाते हैं | व्यक्ति को मान-सम्मान की प्राप्ति होती है | उस परिवार में दरिद्रता कभी नहीं आती |

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shrimad bhagwat mool path – श्रीमद् भागवत मूल पाठ

पोथी स्थापना अर्थात श्रीमद्भागवत महापुराण का पाठ प्रत्येक परिवार को कराना चाहिए | वैसे तो श्रीमद्भागवत महापुराण अपने बंधु-बांधवों सहित बड़े ही उत्सव के साथ करानी चाहिए परन्तु अभाववश shrimad bhagwat mool path  हमारे योग्य आचार्यों द्वारा अपने घर बैठे भी करा सकते हैं |

भागवत का मूल पाठ से लाभ  – श्रीमद्भागवत महापुराण भक्ति तथा मुक्ति दोनों प्रदान करने वाली है | जिस परिवार के नाम से श्रीमद्भागवत महापुराण का पाठ होता है उस परिवार में भक्ति का प्रादुर्भाव स्वतः ही हो जाता है | माता लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहती है | शत्रु स्वतः ही नष्ट हो जाते हैं | व्यक्ति को मान-सम्मान की प्राप्ति होती है | उस परिवार में दरिद्रता कभी नहीं आती |

भाग्योदयेन बहुजन्मसमार्जितेन, सत्सङ्गमं च लभते पुरुषो यदा वै ।

यह पाठ कराने का अथवा इस पाठ के श्रवण का सौभाग्य ऐसे ही प्राप्त नहीं हो जाता यह आपके अनेक जन्मों का पुण्य जब उदय होता है तब इस पाठ कराने का सौभाग्य प्राप्त होता है |

bhagawat path  –  पाठ से बड़े से बड़े पापों का नाश होता है श्रीमद्भागवत में लिखा है- कि..

ये मानवाः पापकृतस्तु सर्वदा, सदा दुराचाररता विमार्गगाः ।

क्रोधाग्निदग्धाः कुटिलाश्च कामिनः, सप्ताहयज्ञेन कलौ पुनन्ति ते ॥

अर्थात जो मनुष्य सदा पाप कर्म में लिप्त रहा हो, कुमार्ग पर चलने वाला हो, क्रोधी, कुटिल, कामी पुरुष भी मात्र सप्ताह यज्ञ से पापों से मोक्ष पाता है |

सत्येन हीनाः पितृमातृदूषका-स्तृष्णाकुलाश्चाश्रमधर्मवर्जिताः ।

ये दाम्भिकाः मत्सरिणोऽपि हिंसकाः सप्ताहयज्ञेन कलौ पुनन्ति ते ॥

अर्थात जो असत्य भाषण करने वाला हो, माता-पिता का आदर न करता हो, कुल के अनुसार आचरण करने वाला न हो, धर्म से विमुख हो, दंभी हो, मास-मदिरा का सेवन करने वाला ही क्यों न हो सप्ताह यज्ञ से कुल सहित उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है |

पूजन विधि – विधिवत समस्त पीठों का निर्माण कर उस परिवार के नाम से संकल्पित होकर हमारे आचार्य द्वारा सप्ताह परायण कराया जाता है |

bhagwat path के लिए आपके द्वारा प्राप्त जानकारी –(shrimad bhagwat)

जिस व्यक्ति के नाम से अनुष्ठान होना हो उसका नाम, पिता/पति का नाम, गोत्र तथा स्थान | आप अपना पोस्टल एड्रेस निचे दिए Whatsapp नम्बर पर भेजें जिसके माध्यम से आपके पास प्रसाद भेजा जा सके |

कैसे कराएँ यह पूजन – (shrimad bhagwat mahapuran mool path)

आप राजगुरु ज्योतिष अनुसन्धान केंद्र में फोन 91 7470934089 कर या Whatsapp  नम्बर 7470934089 पर संपर्क कर पूजन करवाने के लिए समय ले सकते हैं | यह पूजन शुभमुहूर्त देखकर ही आरम्भ की जाएगी | जिसके फलस्वरूप आपको पूरा लाभ प्राप्त हो सके |

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न –

1 – पोथी पाठ क्या होता है ?
– श्रीमद भागवत जी में कुल 18000 अठारह हजार श्लोक होते हैं किसी ब्राम्हण द्वारा जब आप संकल्पित होकर इनका पाठ कराते हैं उसे पोथी पाठ कहते हैं |
2 – भागवत मूल पाठ का महत्त्व –
– इस पाठ का महत्त्व शब्दों में कह पाना बहुत ही मुश्किल है क्योंकि इस पाठ से परिवार में खुशहाली बनी रहती है, सभी प्रकार के दोषों का समन होता है, बिगड़ते काम बनने लगते हैं, प्रेत बाधा से मुक्ति मिलती है, मन में भक्ति का प्रादुर्भाव होता है और भगवन की कृपा प्राप्त होती है |

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