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बृषभ लग्न (vrishabha lagna)

free janam kundali analysis 5 – कुण्डली कैसे देखें भाग 5

कुण्डली कैसे देखें के पांचवे भाग में आपका पुनः स्वागत है | पिछले भाग में मेष लग्न के जातक के बारे में जाना | पांचवे भाग में जानेगे ( vrishabha lagna ) वृषभ लग्न का फल | जिन व्यक्तियों का जन्म वृषभ लग्न में हुआ है, उनका शारीरिक गठन, स्वभाव कैसा होगा और उन्हें स्वास्थ को लेकर किस प्रकार की सावधानी रखनी चाहिए |  

vrishabha lagna – वृषभ लग्न के जातकों का शारीरिक गठन –

यदि आपका जन्म (vrishabha lagna) बृषभ लग्न मैं हुआ है, तो आपका मुंह गोल, गर्दन छोटी परन्तु मोटी, जंग्घा पुष्ट होगी | आपके कंधे बलिष्ट तथा उन्नत और आपके बाहु छोटे तथा गठीले होंगे | आपके चहरे से प्रतिष्ठा तथा सद्वेष के लक्षण स्पष्ट दिखाई देंगें |

vrishabha lagna -1

वृषभ लग्न के जातकों का स्वभाव –

आप संगीत, आभरण,मनोहर बस्तु और भ्रमण के प्रेमी होंगें | आपके ब्यौहार तथा अभ्यास निश्चित प्रकार के होंगें | आप अधिकार प्रिय, शांति प्रिय, धीर, दुःख में धैर्य धारण करने वाले, कभी कभी चिड़चिड़े और कुटुम्बियों के कर्म के अनुसार उनसे डाह रखने वाले होंगें | 

आप प्रत्येक बात को अपने बिचरानुसार करेंगें आप दूसरों के परामर्श पर चलना पसंद नहीं करेंगें | आप दयालु, सदाशय, विद्या विवाद में चतुर, भाग्यवान और काम के प्रति विशेष लगाव रहेगा | आप सर्वदा आनंद तथा सुख के अन्वेषण में रहना पसंद करेंगें |

vrishabha lagna in hindi

आप गंभीर चित्त वाले और अपने विचार कभी भी दूसरों पर प्रकट न करने वाले, विचार शील और शांति प्रकृति के होंगें | आप शांति पूर्वक जीवन ब्यतीत करने वाले, प्रत्येक काम को दैर्य पूर्वक करने वाले, तथा आपके बहुत से मित्र होंगें | आप धनी, मिष्ट भाषी, प्रिय तथा दयालु होंगें |

मध्य जीवन और अंत जीवन विशेष सुखमय ब्यतीत होगा | आपका भाग्योदय प्रायः एकाएक होगा आपको द्रव्य सम्पत्ति तथा पृथ्वी संपत्ति की प्राप्ति होगी | आप गुरुजनों का आदर करने वाले तथा  बहुत से चौपायों के मालिक होंगें |

बृषभ लग्न बालों को आरम्भिक जीवन  में अनेक कष्टों से गुजरना पड़ता है, परन्तु जीवन के शेषभाग में विजयी होकर सुखसंपत्ति से आनंदित हो जाते हैं | 

कन्या जन्म के कुछ विशेष फल – 

वृषभ लग्न में जन्म लेने वाली कन्या बुद्धिमती, शुसीला, विश्वसनीय और कला कौशल की जानने वाली तथा अपने पुरुष की आज्ञाकारिणी होकर पुरुष पर अपना अधिकार ज़माने वाली होती हैं |

सावधानी  –

आपको छाती और कंठ जनित रोगों का प्रायः भय रहेगा |गर्म तथा रोगनदार भोजन हानिकारक होते हैं | भोजन  के परिमाण  पर विशेष ध्यान देना उचित रहेगा | उत्तेजना देने वाले तथा जल्दवाजी के कामों से सर्वदा सचेत रहना होगा | आपके लिए समयानुसार अपने काम को निर्भयता पूर्वक करना चाहिए |

नोट – ध्यान रखें यह स्थूल फलादेश है | जब तक किसी व्यक्ति की कुण्डली का सम्पूर्ण निरिक्षण नहीं किया जाता तब तक सही फलादेश नहीं किया जा सकता | सटीक फलादेश जानने के लिए व्यक्ति की जन्म तारीख, जन्म समय और जन्म स्थान सही होना आवश्यक है |

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