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शनि गोचर विचार

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शनि एक राशि पर लगभग ढाई (2-1/2) वर्ष तक रहता है। प्रत्येक भाव और उसमें स्थित राशि के ऊपर शनि के गोचर का क्या प्रभाव पड़ेगा तथा उसके लिये क्या उपाय करना चाहिये यह रिपोर्ट आपको शनि के गोचर की सम्पूर्ण जानकारी देगी ॥

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शनि गोचर विचार

shani graha नों ग्रहों में सूर्य को राजा एवं शनि को सेवक माना गया है | शनैश्चर शनै-शनै अर्थात धीरे-धीरे चलने वाला ग्रह है इसलिए यह जिस राशि या जिस भाव में बैठता है उसका शुभ या शुभ फल ग्रह की स्थिति के अनुसार बिलम्ब से देता है |

शनि का सेवक भाव होने के कारण शनि व्यक्ति को मेहनती, हमेशा काम करने वाला और कभी-कभी अपमान भी बर्दास्त भी करके काम करता रहता है |

शनि का शरीर के घुटने, कमर अर्थात विशेषकर जोड़ों पर अधिकार होता है | शनि जन्म कुण्डली में शुभ होने पर शरीर के जोड़ों को मजबूत बनाता है और अशुभ होने पर जोड़ों में dard, बीमारी उत्पन्न करता है |

शुभ शनि व्यक्ति को लोहे के कारोबार में, कोयले के कारोबार में, पर्वत, तंत्र मन्त्र काले रंग के कारोबार से अच्छा लाभ करता है | किन्तु अशुभ शनि ब्यक्ति के सारे कारोबार बंद करा देता है |

shani graha शनि एक राशि पर लगभग ढाई (2-1/2) वर्ष तक रहता है। प्रत्येक भाव और उसमें स्थित राशि के ऊपर शनि के गोचर का क्या प्रभाव पड़ेगा तथा उसके लिये क्या उपाय करना चाहिये यह रिपोर्ट आपको शनि के गोचर की सम्पूर्ण जानकारी देगी ॥

यदि आपके व्यापार की गति धीमी पद गई है या आप जोड़ों के dard से परेशान रहने लगे हैं, नौकरी में झंझटें आने लगीं हैं, या नौकर परेशान कर रहे हैं | उपरोक्त स्थिति में यदि आपके पास सही जन्म तारीख़ जन्म समय नहीं है तो आप शनि यन्त्र धारण करें | शनि यन्त्र प्राप्त करने के लिए शनि यन्त्र पर किलिक करें |

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