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8 Mukhi Rudraksha

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1)त्वचा का रूखापन.

2)निम्न सोच.

3)पागलों जैसा वर्ताव.

4)पिशाच बाधा से पीड़ा.

5)पितृदोष.

6)स्वन में मृत ब्यक्तियों का दिखना.

आठ मुखी रुद्राक्ष: दिव्य आशीर्वाद और बुद्धि का प्रतीक

परिचय: 8 Mukhi Rudraksha

रुद्राक्ष की माला हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म और अन्य आध्यात्मिक परंपराओं में अपने रहस्यमय और आध्यात्मिक महत्व के लिए सदियों से पूजनीय रही है। विभिन्न प्रकार की रुद्राक्ष मालाओं में आठ मुखी रुद्राक्ष अपने अद्वितीय गुणों और आध्यात्मिक लाभों के कारण एक विशेष स्थान रखता है। इस लेख में, हम आठ मुखी रुद्राक्ष की दुनिया में गहराई से उतरेंगे और इसके इतिहास, महत्व, लाभ और इसे पहनने और देखभाल करने के तरीके का पता लगाएंगे।

आठ मुखी रुद्राक्ष: एक अवलोकन

आठ मुखी रुद्राक्ष, जिसे “आठ मुखी रुद्राक्ष” भी कहा जाता है, एक शक्तिशाली मनका है जो इसकी सतह पर आठ प्राकृतिक चेहरों या पहलुओं की उपस्थिति की विशेषता है। प्रत्येक चेहरा एक गहरी दरार या रिज है जो मनके के ऊपर से नीचे तक चलता है। ये मुखी बीज के भीतर विभाजनों या खंडों से बनते हैं, और वे ही प्रत्येक रुद्राक्ष को अद्वितीय बनाते हैं।

ऐतिहासिक महत्व

रुद्राक्ष की माला का इतिहास हजारों साल पुराना है, जिसका उल्लेख प्राचीन हिंदू धर्मग्रंथों और ग्रंथों में मिलता है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, माना जाता है कि रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसुओं से उत्पन्न हुई थी। ऐसा कहा जाता है कि भगवान शिव ने गहरे ध्यान की स्थिति में कई वर्षों के बाद अपनी आंखें खोलीं और उनके आंसू पृथ्वी पर गिरे, जिससे रुद्राक्ष के पेड़ों का जन्म हुआ। रुद्राक्ष की माला पर प्रत्येक मुखी दिव्य तत्वों में से एक का प्रतिनिधित्व करता है, जो इसे भक्ति की एक पवित्र और शक्तिशाली वस्तु बनाता है।

8 mukhi rudraksha – आठ मुखवाला रुद्राक्ष अष्ट्मूर्ति भैरव का रुप माना जाता है उसको धारण करने से मनुष्य पूर्णायु होता है। और मृत्यु के पश्चात सूलधारी शंकर के समान हो जाता है।

Who should wear Eight Mukhi Rudraksha:

आठ मुखी रुद्राक्ष किसे धारण करना चाहिए – जिन ब्यक्तियों को त्वचा का रूखापन, निम्न सोच, पागलों जैसा वर्ताव, पिशाच बाधा से पीड़ा, पितृदोष, या स्वन में मृत ब्यक्तियों का दिखना तथा किये कराये दोष आदि की समस्याओं से निपटने के लिए आठ मुखी रुद्राक्ष धारण से अवश्य लाभ होता है । राहु के लिए भी 8 mukhi rudraksha धरण कर सकते हैं | क्योंकि राहु के द्वारा उत्पन्न होने वाले दोष को शमन करने की की क्षमता इस रुद्राक्ष में समाहित है |

यदि आप रुद्राक्ष नहीं पहनना चाहते तो आप राहु यन्त्र पहन सकते हैं | यन्त्र प्राप्त करने के लिए राहु यन्त्र पर किलिक करें |

महत्व और लाभ

आठ मुखी रुद्राक्ष कई आध्यात्मिक और चिकित्सीय लाभों से जुड़ा है:

बुद्धि और ज्ञान: आठ मुखी रुद्राक्ष अक्सर ज्ञान और बुद्धि के देवता भगवान गणेश से जुड़ा होता है। ऐसा माना जाता है कि इस मनके को पहनने से व्यक्ति के ज्ञान, एकाग्रता और निर्णय लेने की क्षमता में वृद्धि होती है।

बाधाओं को दूर करना: जिस तरह भगवान गणेश को बाधाओं को दूर करने वाले के रूप में जाना जाता है, ऐसा माना जाता है कि आठ मुखी रुद्राक्ष व्यक्तियों को उनके जीवन में चुनौतियों और बाधाओं को दूर करने में मदद करता है।

सद्भाव और संतुलन: धार्मिक ग्रंथों के अनुसार यह मनका आंतरिक शांति और संतुलन की भावना को बढ़ावा देता है। ऐसा माना जाता है कि यह व्यक्तियों को तनाव और चिंता को अधिक प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने में मदद करता है।

स्वास्थ्य लाभ: आठ मुखी रुद्राक्ष उपचार गुणों से भी जुड़ा है। ऐसा माना जाता है कि यह शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करता है, प्रतिरक्षा को बढ़ावा देता है और विभिन्न बीमारियों के इलाज में सहायता करता है।

आध्यात्मिक विकास:

ऐसा कहा जाता है कि इस रुद्राक्ष को पहनने से व्यक्ति की आध्यात्मिक यात्रा में तेजी आती है और परमात्मा के साथ उसका संबंध गहरा होता है।

रुद्राक्ष के फायदे – रुद्राक्ष धारण करने वाले मनुष्य को देखकर भूत, प्रेत, पिशाच,डाकिनी,शाकिनी तथा जो अन्य द्रोहकारी राक्षस होते हैं वे सब डरकर भाग जाते हैं। जो कृत्रिम अभिचार आदि होते हैं वे रुद्राक्ष धारण करने वाले के पास नहीं आते या जिनके ऊपर अभिचार कर्म किया गया हो वे रुद्राक्ष धारण करते ही अभिचार कर्मों से मुक्त हो जाते हैं।

आठ मुखी रुद्राक्ष कैसे पहनें:

इसको पहले मन्त्रों के द्वारा सिद्ध किया जाता है तब जाकर यह धारण करने पर अपना प्रभाव पूर्णरूप से दिखता है | यह किसी भी अशुद्धता को दूर करने में मदद करता है और मनके को ऊर्जावान बनाता है।

धागा: रुद्राक्ष की माला को एक साफ और मजबूत धागे पर पिरोया जाना चाहिए, जो अधिमानतः रेशम या कपास से बना हो। इसे अक्सर पेंडेंट के रूप में या माला (प्रार्थना माला) के हिस्से के रूप में पहना जाता है।

धारण: आठ मुखी रुद्राक्ष को विशेषकर शुभ अवसरों पर पूजन के समय पहनने की सलाह दी जाती है। इसे त्वचा के करीब पहना जा सकता है, आदर्श रूप से हृदय चक्र को छूते हुए।

8 Mukhi Rudraksha Mantra

मंत्र: माला पहनते समय “ओम हुं नमः” मंत्र का जाप करने से इसके आध्यात्मिक लाभ में वृद्धि होती है।

संपर्क से बचना: रुद्राक्ष को साबुन, इत्र या रसायनों के संपर्क में आने से बचने की सलाह दी जाती है। इसकी चमक बरकरार रखने के लिए इसे साफ, सूखे कपड़े से धीरे-धीरे पोंछ लें।

निष्कर्ष

आठ मुखी रुद्राक्ष दिव्य आशीर्वाद, ज्ञान और आध्यात्मिक विकास का प्रतीक है। चाहे आप अपना ज्ञान बढ़ाना चाहते हों, बाधाओं पर काबू पाना चाहते हों, या आंतरिक शांति का अनुभव करना चाहते हों, यह पवित्र मनका आपकी आध्यात्मिक यात्रा में मदद करने की क्षमता रखता है। हालाँकि, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि जहां रुद्राक्ष की माला शक्तिशाली उपकरण हो सकती है, वहीं सच्चे आध्यात्मिक विकास के लिए ईमानदारी, भक्ति और आंतरिक परिवर्तन के प्रति प्रतिबद्धता की भी आवश्यकता होती है।

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