केमद्रुम दोष और जीवन: कारण, प्रभाव और समाधान
केमद्रुम दोष के लक्षण – केमद्रुम योग दो प्रकार का होता है | व्यक्ति की कुंडली में चन्द्रमा अकेला हो और उसके आगे-पीछे के भाव में कोई भी ग्रह न हों तो साधारण केमद्रुम योग बनता है | लेकिन इसी स्थिति में चन्द्र निर्बल हो, नीच राशिगत हो, पापी ग्रहों से देखा जाता हीहो और किसी शुभ ग्रह की दृष्टि न पड़ती हो तो प्रबल अनिष्टकारी kemdrum dosh बनता है |
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार केमद्रुम दोष बहुत ही हानिकारक होता है | जिन व्यक्तियों की कुंडली में केमद्रुम दोष होता है, ऐसे व्यक्ति चाहकर भी सुखी एवं सफल नहीं हो पाते |
केमद्रुम दोष के प्रभाव –
दरिद्रता पीछा नहीं छोड़ती |
संतान सुख नहीं मिलता |
पारिवारिक सुख प्राप्त नहीं होता |
कभी-कभी इतनी बिपरीत परिस्थिति आ जाती है कि भोजन भी नशीब नहीं होता |
केमद्रुम भंग योग –
यदि कुण्डली में लग्न से केंद्र में चन्द्रमा हो, चन्द्रमा शुभ स्थान में हो, पूर्ण चन्द्रमा लग्न में हो, दशवें भाव में उच्च का हो या सुनफा, अनफा, दुरुधरा योग आदि बन रहे हो तो केमद्रुम योग भंग माना जाता है | जो विशेष अशुभ नहीं माना जाता |
केमद्रुम दोष की पूजा में चन्द्रमा का जप करके बलवान बनाया जाता है तथा अशुभ ग्रहों का जप कर उनके दोष को कम किया जाता है |
आपके द्वारा प्राप्त जानकारी –(kemdrum dosh)
जिस व्यक्ति के नाम से अनुष्ठान होना हो उसका नाम, पिता/पति का नाम, गोत्र तथा स्थान | आप अपना पोस्टल एड्रेस निचे दिए Whatsapp नम्बर पर भेजें जिसके माध्यम से आपके पास यन्त्र भेजा जा सके |
कैसे कराएँ यह पूजन –kemdrum dosh
आप राजगुरु ज्योतिष अनुसन्धान केंद्र में फोन 91 7470934089 कर या Whatsapp नम्बर 7470934089 पर संपर्क कर पूजन करवाने के लिए समय ले सकते हैं | यह पूजन शुभमुहूर्त देखकर ही आरम्भ की जाएगी | जिसके फलस्वरूप आपको पूरा लाभ प्राप्त हो सके |
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