केतु गोचर रिपोर्ट –
ketu graha केतु प्रत्येक राशि में लगभग डेड़ (1-1/2) वर्ष तक रहता है। केतु एक छाया ग्रह है किंतु इसके अच्छे या बुरे प्रभाव बहुत ही प्रबल होते हैं। केतु जिस भाव में तथा उसमें स्थित राशि में गोचर वश आयेगा उससे जातक पर क्या प्रभाव पड़ेगा तथा उसके शुभ अशुभ प्रभावों से बचने के लिये क्या उपाय करना चाहिये यह रिपोर्ट केतु गोचर से होने वाले दुष्परिणामों से बचायेगी ॥
केतु के प्रभाव-(ketu graha )
ग्रह के अशुभ स्थिति में होने पर रीड़ की हड्डी में दर्द, पिशाच बाधा, शिक्षा में रूकावट, त्वचा की बीमारियाँ, कोढ़ जैसी भयानक बीमारी, भगंदर, तंत्र-मन्त्र का प्रभा शीघ्र हो जाना आदि होता है | कहीं आपकी कुण्डली में केतु का गोचर अशुभ तो नहीं और यदि है तो इसके लिया क्या upay करना चाहिए |
केतु के शुभ होने पर कारोबार की बृद्धि करता है | अध्यात्म में मन लगता है | औशधि शीघ्र काम करती है अर्थात अस्वस्थ व्यक्ति शीघ्र स्वस्थ हो जाता है |
जन्म कुण्डली न होने पर-
जिन व्यक्तियों की कुण्डली नहीं है या जिन्हें अपना जन्म समय जन्म तारीख सही मालूम नहीं है और यदि आप उपरोक्त समस्याओं से परेशान हैं तो आपको केतु यन्त्र धारण करना चाहिए | इसे पहनते ही आपकी उपरोक्त समस्यायें कम होने लगेगीं | केतु यन्त्र प्राप्त करने के लिए केतु यन्त्र पर किलिक करें |