putra prapti yog in kundli –
putra prapti – विवाह के थोड़े समय बाद ही संतान उत्पत्ती की चिंता होने लगती है। कि संतान कब होगी प्रथम संतान पुत्र होगा या पुत्री | हमारे ज्योतिष शास्त्र में कुण्डली के माध्यम से यह बताया जा सकता है कि आपकी पत्रिका में संतान सुख है या नहीं |
महान ज्योतिर्विदों में कुण्डली के पंचम भाव को संतान का भाव बताया है | गुरु संतान का करक माना जाता है | पंचम भाव तथा गुरु की सुद्रढ़ स्थिति संतान सुख देती है | संतान का विचार करते समय इस बात का ख़ास ध्यान रखा जाना चाहिए कि पंचम भाव तथा गुरु किसी भी प्रकार से पीड़ित नहीं होने चाहिए | यदि गुरु नीच राशि में है या सप्तमांश में शुभ स्थिति में नहीं है या गुरु किसी भी प्रकार से पीड़ित है तप संतान सुख में बाधा उत्पन्न होगी |
putra prapti ka sahi samay निकालने के लिए गुरु गोचर वश शुभ योग कब बनाएगा और पंचम भाव का स्वामी तथा दुसरे भाव का स्वामी शुभ स्थिति में होकर सप्तमांश में शुभ हों |
इस रिपोर्ट में संतान योग तथा समय, और संतान उतपत्ती में यदि कोई वाधा है तो उसके सरल एवं सटीक उपाय बताये जायेंगे । यह रिपोर्ट आपको 5 दिन के अंदर आपके इमेल पर भेज दी जायेगी।
जानिए आपको कौनसा यंत्र धारण करना चाहिए ?