वृश्चिक राशि के जातकों के लिए शक्तिशाली यंत्र
vrishchik rashi yantra – वृश्चिक राशि कुदरती कुंडली की आठवीं राशि मानी जाती है | यह राशि जल तत्व वाली है | इस राशि वाले तुरन्त गुस्सा होने वाले, अकेलापन पसंद करने वाले और लोगों के प्रति षडयंत्र रचने में कुशल होते हैं | ये शारीरिक सुख के चाहने वाले होते हैं लेकिन इन्हें आसानी से सुख प्राप्त नहीं होता और जब आसानी से प्राप्त नहीं होता तो इनमें छीनने की प्रवृत्ति जन्मजात पायी जाती है | इस राशि वालों में अच्छा व्यक्तित्व, शक्ति और साथ ही शारीरिक आकर्षण पाया जाता है | कभी-कभी छुप के बार करना, अपने दुःख में बेहद दुखी होना किन्तु अपने सुख के लिये किसी की भी परवाह नहीं करते | परन्तु ये मेहनती स्वभाव, अच्छी इच्छाशक्ति, होने के बाद भी हाँथ में लिए हुए काम को पूरा करने का अभाव और कभी-कभी ढोंग करते भी देखे गए हैं |
वृश्चिक राशि और स्वास्थ (vrishchik rashi yantra)
इस राशि वालों को विशेषकर गुप्तारोगों से भय रहता है | महिलाओं में मासिक धर्म की समस्या, रक्त प्रदर, स्वेत प्रदर आदि रोग, बुरी आदतों के कारण होने वाले यौन रोग, अपेंडिक्स आदि, शराब पीने से होने वाले रोग तथा जहरीली सामग्री का सेवन से उत्पन्न रोग होते हैं |
वृश्चिक राशि वालों के गुण
इस राशि वाले जातक क्रोधी स्वाभाव वाले, अविश्वाशी और इन्हें कभी संतोष नहीं होता | ये बहुत ही पराक्रमी होते हैं बड़े से बड़े शत्रु को परास्त करें की क्षमता रखते हैं | इनके बहुत सारे नौकर होते हैं किन्तु इन्हें पिता और गुरु जनों का पूर्ण सुख प्राप्त नहीं होता | ये स्वावलंबी, स्वेत वस्त्रों के शौकीन और मादक पादर्थों में रूचि रखने वाले होते हैं | ऐसे जातकों की पत्नी बड़ी ही पतिव्रता होती है | ये व्यापार में बहुत ही निपुण होते हैं |
वृश्चिक राशि यंत्र धारण क्यों करें ?
यदि आपको क्रोध जल्दी आ जाता है, मित्रों से नहीं पटती, घर-परिवार में कलह बनी रहती है, या किसी प्रकार के दुर्व्यसन की आदत लगी हो अथवा कोई लम्बे समय तक चलने वाली बीमारी से पीड़ित हों और दवा कराने पर भी आराम नहीं लगता हो, गुप्त रोग की समस्या हो, व्यापर में लगातार हानि हो रही हो, पैतृक संपत्ति को लेकर विवाद चल रहा हो, कमर के नीचे दर्द रहता हो, मित्रों से जल्दी विवाद हो जाता हो, धन आता हो पर रुकता नहीं हो, ज्वर आदि से पीड़ित रहते हों, या अधिक कामवासना सताती हो या चेहरा निस्तेज होता जा रहा हो यदि उपरोक्त समस्याओं में से कोई भी समस्या हो तो आपको वृश्चिक राशि यंत्र धारण करना चाहिए |
यह यंत्र किसे धारण करना चाहिए (vrishchik rashi yantra)
यदि आपका जन्म वृश्चिक राशि में हुआ है और ऊपर बताये गए गुण आपमें नहीं हैं अर्थात आपके ऊपर उपरोक्त बातें लागू नहीं होतीं तो निश्चित है कि आपको शुभ फल प्राप्त नहीं हो रहा है | इसलिये आपको उपरोक्त सुख प्राप्त नहीं हो रहे हैं | ऊपर बताये गए सभी सुख आपको प्राप्त हो इसलिये आप सभी वृश्चिक राशि वालो के लिए भोजपत्र पर निर्मित यह वृश्चिक राशि यन्त्र धारण करना चाहिए |
वृश्चिक राशि कवच कैसे बनाया जाता है
इस यंत्र का निर्माण शुभ मुहूर्त में धारण करने वाले जातक के नाम, गोत्र, स्थान आदि के उच्चारण के साथ शुभ होरा में, शुभ घडी में तैयार किया जाता है | इसमे उपयुक्त होने वाले द्रव्य रक्त चंदन, गौलोचन, केशर, तथा खादिर मूल की स्याही से ताँवें की कलम से भोजपत्र पर निर्माण किया जाता है । तत्पश्चात प्राण प्रातिष्ठा कर वृश्चिक राशि कवच की विधिवत पूजन करने के बाद तांत्रिक मंत्र का जाप किया जाता है | उसके बाद हवन किया जाता है | हवनोपरांत यंत्र को ताबीज में वेष्टित किया जाता है |
यंत्र मंगाने की विधि – जिस व्यक्ति के लिए यन्त्र धारण करना है, उस व्यक्ति का नाम, पिता/पति का नाम तथा गोत्र एवं वर्त्तमान स्थान तथा अपना पोस्टल एड्रेश हमारे (7470 9 3408 9) Whatsapp नम्बर पर भेजें | यन्त्र निर्माण के बाद आपके दिए पते पर पोस्ट ऑफिस द्वारा भेज दिया जायेगा |
यह यंत्र यदि आप धारण नहीं कर सकते हैं तो आप इसे अपने पर्स में या व्यापार स्थल में भी रख सकते हैं |
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