कुंडली में कालसर्प दोष: जानिए इसके प्रभाव और उपाय
जब व्यक्ति की जन्म कुण्डली में राहु और केतु के बीच सभी ग्रह आ जाते हैं तो उसे kalasarpa dosha कहते हैं | उदहारण के लिए लग्न में राहु और सप्तम में केतु तथा लग्न से सप्तम पर्यंत सभी ग्रहों का आ जाना कालसर्प दोष कहलाता है |
कालसर्प दोष के प्रभाव –
जिस व्यक्ति की कुण्डली में कालसर्प दोष होता है वह अथक प्रयास के बाद भी सफल नहीं होता | उसके कम बनते-बनते आखरी समय में बिगड़ ही जाते हैं | राहु और केतु के प्रभाव में आने से व्यक्ति के द्वारा किये गए सारे प्रयास निरर्थक सिद्ध होते हैं | कालसर्प दोष व्यक्ति को आत्महत्या करने को भी विवश कर देता है |
कालसर्प दोष की पूजा –kalasarpa dosha
यह दोष रहू और केतु से बनता है इसकी पूजा की सही विधि यही है कि राहु और केतु का विधिवत जप, नांग पूजा, नांदी श्राद्ध, हवन, तर्पण आदि यन्त्र धारण करने से कालसर्प दोष की शान्ति होती है |
कालसर्प दोष पूजा के लाभ –
व्यक्ति को प्रत्येक कार्य में सफलता मिलाती है |
व्यक्ति को अन्य ग्रहों का शुभ फल प्राप्त होने लगता है |
बुरे स्वप्न आना बंद हो जाता है |
धन संचय होने लगता है |
परिवार में सुख शान्ति बनी रहती है |
आपके द्वारा प्राप्त जानकारी – kalasarpa dosha
जिस व्यक्ति के नाम से अनुष्ठान होना हो उसका नाम, पिता/पति का नाम, गोत्र तथा स्थान | आप अपना पोस्टल एड्रेस नीचे दिए Whatsapp नम्बर पर भेजें जिसके माध्यम से आपके पास यन्त्र भेजा जा सके |
कैसे कराएँ यह पूजन – kalasarpa dosha
आप राजगुरु ज्योतिष अनुसन्धान केंद्र में फोन 91 7470934089 कर या Whatsapp नम्बर 7470934089 पर संपर्क कर पूजन करवाने के लिए समय ले सकते हैं | यह पूजन शुभमुहूर्त देखकर ही आरम्भ की जाएगी | जिसके फलस्वरूप आपको पूरा लाभ प्राप्त हो सके |
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