कुण्डली में 3 ग्रहों की युति का फल
सूर्य, चन्द्र, मंगल युति का फल-(3 graho ki yuti)
3 graho ki yuti – कुण्डली में सूर्य, चंद्र और मंगल एक साथ हो तो ऐसे व्यक्ति शूरवीर होते हैं | ऐसे जातक धीर, ज्ञानी, बली तथा वैज्ञानिक होते हैं | शिल्पकला के कार्य क्षेत्र में भी कुशल होते हैं |
surya chandra budh ki yuti – कुण्डली के एक ही भाव (घर) में सूर्य, चंद्र और बुध एक साथ हो तो ऐसे व्यक्ति तेजस्वी तथा विद्वान होते हैं | ऐसे जातक शास्त्र प्रेमी और राजमान्य तो होते ही हैं साथ ही भाग्यशाली एवं नीति विशारद भी होते हैं |
सूर्य, चन्द्र, गुरु युति का फल-
जिनकी कुण्डली के किसी भाव में सूर्य, चंद्र और गुरु एक साथ हो तो ऐसे व्यक्ति योगी, ज्ञानी और मर्मज्ञ होते हैं | ऐसे जातक सोम्यवृत्ति के होते हैं | कुशल विचारक, सभी से प्रेम करने वाले, कुशल कार्यकर्ता एवं आस्तिक होते हैं |
सूर्य, चन्द्र, शुक्र युति का फल-
यदि कुण्डली में सूर्य, चंद्र और शुक्र एक साथ हो तो ऐसे व्यक्ति वीर्यहीन अर्थात वीर्य से सम्बंधित रोग होता है | चूँकि कुशल व्यापारी, सुखी, निसंतान या अल्प संतान वाले होते हैं | ऐसे जातक कुछ लोभी प्रवृत्ति के एवं साधारण धनी होते हैं |
सूर्य, चन्द्र, शनि युति का फल-
कुण्डली में सूर्य, चंद्र एवं शनि एक साथ हो तो ऐसे व्यक्तियों में कुछ ज्ञान की कमी पायी जाती है | ऐसे जातक वाचाल (किन्तु झूठ वोलने वाले) अविवेकी और चंचल स्वभाव के होते हैं | इन पर विशेष विशवास करना चाहिए |
सूर्य, मंगल, बुध युति का फल-(3 graho ki yuti) surya mangal budh yuti
यदि कुण्डली में सूर्य, मंगल, बुध एक साथ हो तो ऐसे व्यक्ति बहुत ही साहसी होते हैं | ऐसे जातक कुछ कठोर स्वभाव के, कुछ तामसी प्रवृति और अहंकारी होते हैं | ये एश्वर्यहीन तथा व्यर्थ वक्बादी अर्थात वेवजह की बातें करने वाले होते हैं |
सूर्य, मंगल, गुरु युति का फल- (3 graho ki yuti in hindi)
जिनकी कुण्डली में सूर्य, मंगल और गुरु एक साथ हो तो ऐसे व्यक्ति राजमान्य तथा सत्यवादी होते हैं | ऐसे जातक तेजस्वी, धनवान और बहुत ही प्रभावशाली होते हैं | ये बड़े ईमानदार भी होते हैं |
जानिये सूर्य की महादशा का जातक के ऊपर प्रभाव –
सूर्य, मंगल, शुक्र युति का फल-
यदि कुण्डली के किसी भाव में सूर्य, मंगल तथा शुक्र एक साथ हो तो ऐसे व्यक्ति कुलीन, निरोग और वैभवशाली होते हैं | ऐसे जातक प्रत्येक कार्य में बड़े ही प्रवीन होते हैं, किन्तु कुछ कठोर स्वभाव वाले होते हैं |
सूर्य, मंगल, शनि युति का फल- (3 graho ki yuti)
जिन जातकों की कुण्डली में सूर्य. मंगल और शनि एक साथ हो तो धन-जनहीन अर्थात हमेशा धनाभाव में जीने वाले होते हैं | ऐसे व्यक्ति लोभी होने के कारण अधिक दुखी रहते हैं | कभी-कभी इन्हें अपामान भी सहन करना पड़ता है |
सूर्य, बुध, गुरु युति का फल-
जिस कुण्डली के एक ही भाव में सूर्य, बुध तथा गुरु एक साथ हो तो ऐसे व्यक्ति बहुत विद्वान होते हैं | ये बड़े ही चतुर शिल्पी, कुशल लेखक, अच्छे कवि और शास्त्र जैसे ग्रंथों की रचना करने की सामर्थ्य होती है | किन्तु नेत्र रोगी, बात रोगी होते हैं | परन्तु एश्वर्यवान होते हैं |
सूर्य बुध-शुक्र की युति के फल– (kundli me 3 graho ki yuti)
यदि कुण्डली में सूर्य, बुध और शुक्र एक साथ हो तो ऐसे व्यक्ति अक्सर दुखी रहते हैं | ये विशेष भ्रमणशील, तथा अति बोलने वाले होते हैं | ऐसे जातक प्रायः बेबजह द्वेष रखने वाले और इसी द्वेषता के कारण कभी-कभी घृणित कार्य करने से भी नहीं चूकते |
सूर्य, बुध, शनि युति का फल-
कुण्डली में सूर्य, बुध तथा शनि एक साथ हो तो ऐसे जातक कला से द्वेष करने वाले होते हैं | ऐसे व्यक्ति कपटपूर्ण व्यौहार करने वाले तथा अपने पैतृक संपत्ति का नाश करने वाले होते हैं | ये छोटी अवस्था में सुंदर पर 36 वर्ष की अवस्था में विकृत देही एवं निम्न कार्य करने वाले होते हैं |
सूर्य, गुरु, शुक्र युति का फल-
यदि कुण्डली में सूर्य, गुरु एवं शुक्र एक साथ हो तो ऐसे व्यक्ति बड़े ही परोपकारी होते हैं | ये बहुत सज्जन एवं राजमान्य होते हैं | ये लब्ध प्रतिष्ठित एवं सफल कार्य संचालक होते हैं | किन्तु इन्हें नेत्रों की पीड़ा रहती है |
सूर्य, गुरु, शनि युति का फल- (3 graho ki yuti)
जन्म पत्रिका में सूर्य, गुरु और शनि एक साथ हो तो ऐसे व्यक्ति चरित्र हीन होते हैं | ये हमेशा दुखी रहने वाले, शत्रुओं द्वारा पीड़ित और इनका मन सदा ही उद्विग्न रहता हैं | ऐसे जातक निम्न प्रकार के लोगों से मित्रता रखने वाले तथा इन्हें चर्म रोग की शिकायत रहती है |
सूर्य, शुक्र, शनि युति का फल-
जिनकी कुण्डली में सूर्य, शुक्र तथा शनि एक साथ हो तो ऐसे व्यक्तिओं का चरित्र अच्छा नहीं होता | ये निम्न कार्यों में रत रहने वाले होते हैं | ये घृणित रोग से पीड़ित एवं लोक तिरस्कृत होते हैं |
चन्द्र, मंगल, बुध युति का फल-
कुण्डली में चंद्र, मंगल और बुध एक साथ हो तो ऐसे जातक बड़े ही कठोर होते हैं | इनकी कठोरता इतनी बढ़ जाती है कि ये पाप कर्म करने से भी नहीं डरते | कभी-कभी ये इतने उग्र स्वभाव के हो जाते हैं कि लोग इन्हें दुष्ट स्वभाव वाला मानने लगते हैं |
चन्द्र, बुध, गुरु युति का फल-
यदि चंद्र, बुध, गुरु, एक साथ हो तो ऐसे व्यक्ति बहुत ही धनि तथा सुखी रहते हैं | ऐसे जातक बोलने में बड़े ही कुशल और तेजस्वी होते हैं | और ये हमेशा प्रसन्न रहने वाले एवं कार्य कुशल होते हैं |
चन्द्र, बुध, शुक्र युति का फल-(3 graho ki yuti)
कुण्डली में चंद्र, बुध एवं शुक्र एक साथ हो तो ऐसे व्यक्ति धन लोभी, तथा कुछ ईर्ष्यालु प्रवृत्ति के होते हैं | ये बड़े ही मायावी, आचरण के कमजोर होते हैं | साथ ही कपटपूर्ण व्योहार करने वाले होते हैं |
सूर्य, बुध, शनि युति का फल-
यदि किसी भाव में चंद्र, बुध और शनि एक साथ हो तो ऐसे व्यक्तिओं का मन बहुत ही अशांत रहता है | इनकी वाचाल शक्ति बहुत ही अच्छी होती हिया | ये राजमान्य एवं कार्य परायण होते हैं |
चन्द्र, गुरु, शनि युति का फल-
कुण्डली के किसी भी भाव में चंद्र, गुरु और शुक्र एक साथ हो तो ऐसे व्यक्ति सुखी, सदाचारी, धनी और एश्वर्यवान होते हैं | ये बहुत ही कुशाग्र बुद्धि के और निष्ठा पूर्वक अपना कार्य करने वाले होते हैं | ये कुशल नेता होते हैं |
चन्द्र, गुरु, शनि युति का फल-
किसी भी भाव में चंद्र, गुरु एवं शनि एक साथ हो तो ऐसे जातक नीतिवान और कुशल नेता होते हैं | ऐसे व्यक्ति श्रेष्ठ बुद्धि वाले, शास्त्र में रूचि रखने वाले, कुशल व्यवसाई, अध्यापक एवं वकील आदि होते हैं |
चन्द्र, शुक्र, शनि युति का फल-
जिनकी कुण्डली में चंद्र, शुक्र तथा शनि एक साथ हो तो ऐसे व्यक्ति कुशल लेखक, शिक्षक तथा संपादक आदि होते हैं | ऐसे जातक सुकर्मरत, ज्योतिषी और कुशल व्यवसाई होते हैं | साथ ही बहुत ही परिश्रमी भी होते हैं |
मंगल, बुध, गुरु युति का फल-
यदि मंगल, बुध और गुरु एक साथ हो तो ऐसे व्यक्ति उत्तम कवि, श्रेष्ठपुरुष, गायन काला में निपुण होते हैं | ऐसे जातक स्त्री सुख से युक्त, परोपकार में तत्पर, उन्नति शील और बड़े ही महत्वाकांक्षी होते हैं | ये अपने जीवन में बड़े-बड़े कार्य करने वाले होते हैं |
मंगल, बुध, शुक्र युति का फल- (3 graho ki yuti)
किसी भी भाव में मंगल. बुध तथा शुक्र एक साथ हो तो ऐसे व्यक्तिओं का कुटुम्ब बहुत ही छोटा होता है कोई-कोई तो कुलहीन ही होते हैं | ये विकलांग किन्तु चपल मगर परोपकारी होते हैं | ये प्रत्येक कार्य को जल्दबाजी में करने वाले होते हैं |
मंगल, बुध, शनि युति का फल-
यदि मंगल, बुध और शनि एक साथ हो तो ऐसे व्यक्ति दुर्व्यसन के शिकार होते हैं | ये अक्सर प्रवासी ही रहते हैं | इन्हें मुख रोग से पीड़ा होती है तथा ये कर्तब्य हीन भी होते हैं |
मंगल, गुरु, शुक्र युति का फल-
एक ही भाव में मंगल, गुरु एवं शुक्र एक साथ हो तो ऐसे व्यक्तिओं के मित्र बड़े ही प्रभावशाली होते हैं | ये विलासप्रिय, सुपुत्र वान और ऐश्वर्यशाली होते हैं | ऐसे जातक बहुत ही सुखी एवं सफल व्यवसाई होते हैं |
मंगल, गुरु, शनि युति का फल-
यदि मंगल, गुरु तथा शनि एक साथ हो तो ऐसे व्यक्ति पूर्ण ऐश्वर्य संपन्न, सदाचारी, एवं सुखी जीवन ब्यतीत करने वाले होते
हैं | ऐसे जातक अंतिम जीवन में महान कार्य करने वाले होते हैं |
गुरु, शुक्र, शनि युति का फल-
किसी भी भाव में गुरु, शुक्र और शनि एक साथ हो तो ऐसे व्यक्ति शीलवान, कुलदीपक, उत्तम शासक और उच्च पदाधिकारी होते हैं | ऐसे जातक नवीन कार्य संस्थापक एवं आश्रय दाता होते हैं |
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Mesh lagan ke 4th house me guru shukr ketu ki yuti ka kya phal hota hai
यदि गुरु, शुक्र पर किसी पाप ग्रह की दृष्टि नहीं पड़ती हो तो माता, भूमि, भवन, वाहन आदि का पर्याओत सुख प्राप्त होता है | केतु साथ में होने के कारण उपरोक्त वस्तुओं से थोड़ी निरासा अवश्य रहती है | ऐसे जातको की बुद्धि बहुत ही अच्छी रहती है |
sir ji meri kundali k 5th house m guru shukar or rahu ek sath h
आप अपनी जन्म तारीख, जन्म समय, एवं जन्म स्थान भेज दीजिये |
Kark lagn ki kundali me 4th house(tula rashi) me chandra guru rahu ki yuti he aur in par kissi aur grah ki drushti nahi he ketu ke sivay. To ye yuti kya phal dengi.
आप हमारे WhatsApp नंबर पर जन्म तारीख़, जन्म समय एवं जन्म स्थान भेज दीजिये तभी हम सही जानकारी दे पायेंगे | हमारा WhatsApp नंबर 7470934089
जन्म तिथि 21/11/1999 समय 11.05पीएम स्थान जयपुर राजस्थान
बहन जी आप से हमारी फोन पर बात हो चुकी है
लग्नेश वृष राशि में राहु 19°21 , सूर्य 20°37 चंद्र 23°1 मंगल 11°40 चतुर्थ भाव में सिंह राशि के साथ युति परिणाम ,और बुध 16°47 स्व राशि में पंचम भाव में ,
Tula lagan ke navam me Guru surya budh ki yuti kya phal degi
सूर्य, बुध तथा गुरु एक साथ हो तो ऐसे व्यक्ति बहुत विद्वान होते हैं | ये बड़े ही चतुर शिल्पी, कुशल लेखक, अच्छे कवि और शास्त्र जैसे ग्रंथों की रचना करने की सामर्थ्य होती है | किन्तु नेत्र रोगी, बात रोगी होते हैं | परन्तु एश्वर्यवान होते हैं |
परन्तु अन्य ग्रहों की क्या स्थिति है उस पर भी निर्भर करता है आप अपनी डिटेल भेजिए |
16-11-1985 ( 10:46 ) VAISALI- Bihar
Rajeev yadav sir Mera jeevan bekar hai kuch v acha nahi mere life me kya pura jeevan esahin rahega Mera
मिथुन लग्न की कुंडली मे 6वे भाव मे शुक्र राहु बुध की युति का क्या फल होगा।और वैवाहिक जीवन कैसा होगा।
Rushabh lgn ki mesh rashi me chadra guru aur shani ki yuti ke bare bataye krupaya…..
Swati
Date of birth- 04/03/1999
Timming-10:37PM
Orrisha
Mere pati ka janam date 12/03/1979 ,time 12:40 am hai aur birthplace gorakhpur hai ,unka businesses thik nahi chal raha hai.is samaye artihik rup se bhi thik nahi chal raha hai.kuch upaye bataye.