मेष लग्न की कुंडली के षष्ठ भाव में स्थित सूर्य
sun in 6th house – छठे भाव में अपने मित्र बुध की राशि पर स्थित सूर्य के प्रभाव से जातक अपने शत्रुओं पर निरंतर विजय प्राप्त करता रहेगा | किन्तु स्वास्थ का विशेष ध्यान रखना चाहिए |
छटे भाव से रोग का विचार किया जाता है | और सूर्य आत्मा का कारक होने के कारण ह्रदय से सम्बंधित रोग उत्पन्न करेगा | फेफड़ों की टीवी का भय रहेगा |
षष्ठ भाव में बुध की राशि है, इसलिए बुध से सम्बंधित रोगों पर भी विचार करना चाहिए | बुध की राशि में सूर्य की स्थिति पेट में अल्सर (ulsar), जलन आदि रोग उत्पन्न करता है |
पंचम भाव का स्वामी षष्ठ भाव में होने के कारण विद्या अध्ययन में कुछ कठिनाइयां तो आएंगी | क्योंकि षष्ठ स्थान से पंचम स्थान बारहवां होता है, किन्तु बुध की राशि में स्थित होने के कारण जातक परम विद्वान तथा बुद्धिमान भी होगा |
सूर्य की दृष्टि व्यय स्थान में मित्र गुरु की राशि पर पड़ने के कारण जातक शहरी संबंधों से लाभ एवं सफलता पाने वाला होगा | ऐसे जातक विदेशों में सम्मानित होते हैं |
बारहवें भाव के स्वभानुसार अधिक खर्च करने वाला भी होगा | ऐसे व्यक्तियों को संतान पक्ष से कुछ चिंताएं अवश्य बनी रहेगी | ऐसे व्यक्ति कर्ज लेने में बहुत संकोच करते हैं | और यदि एक बार कर्ज हो जाये तो चुकाना मुश्किल हो जाता है |
शत्रु पक्ष कठिनाइयां खड़ी करता रहेगा | परंतु ऐसे जातक हार नहीं मानते | अपने स्वाभिमान की रक्षा करते हुए अंततः विजय प्राप्त कर ही लेते हैं | और अपने सम्मान को भी बचाए रहते हैं |
षष्ठ भाव में स्थित सूर्य के उपाय –(sun in 6th house)
- रविवार को किसी ब्रम्हाण को लाल वस्तुओं का दान करना चाहिए |
- अपने शयन कक्ष में चांदी की डिब्बी में गंगाजल भरकर रखना चाहिए |
- मंदिर में श्रमदान करना चाहिए |
- रविवार को सूर्यदेव को खीर का भोग लगाकर कन्याओं में बाँटें |
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