नवें भाव में चन्द्रमा का फल -moon in 9th house
moon in 9th house – नवे भाव में अपने मित्र गुरु की राशि पर स्थित चंद्रमा के प्रभाव से जातक धार्मिक प्रवृत्ति के होते हैं | धर्म-कर्म में इनकी बड़ी रूचि रहती है |
ऐसे जातक दान-पुण्य, तीर्थ यात्रा आदि की ओर अधिक आकर्षित रहते हैं | माता-पिता तथा बुजुर्गों को तीर्थ सेवन कराने में तन-मन-धन से समर्पित रहते हैं | और स्वयं तीर्थासेवी होते हैं |
इन्हें माता, भूमि तथा संपत्ति का यथेष्ठ सुख भी प्राप्त होता है | ऐसे व्यक्ति भाग्य को मानने वाले होते हैं | अर्थात यदि किसी प्रकार की क्षति होती है तो उसे भाग्य का लिखा मानकर संतुष्टि कर लेते हैं |
हाँलाकि ऐसे व्यक्ति कर्म प्रधान होते हैं | और इनका भाग्योदय भी कम उम्र में ही हो जाता है | और अल्प परिश्रम में हो इनको सफलता प्राप्त होती है |
सातवीं दृष्टि से चंद्रमा अपने मित्र बुध की राशि वाले तृतीय भाव को देखने के कारण जातक को छोटे भाई बहन तथा इनके तुल्य व्यक्तियों का सुख तथा सहयोग प्राप्त होता है |
चन्द्रमा की तीसरे भाव पर दृष्टि व्यक्ति के पराक्रम में भी वृद्धि करती है | ऐसे व्यक्ति शारीरिक परिश्रम की अपेक्षा मानसिक परिश्रम करते हैं | और इसी मानसिक परिश्रम से पर्याप्त धन तथा सुख भी प्राप्त करते हैं |
यदि चन्द्रमा शुभ ग्रहों से दृष्ट है तो इस ग्रह स्थिति का जातक सौभाग्यशाली, धन संपत्ति वान, भाई-बहनों से युक्त तथा धार्मिक आचार विचार वाला होता है |
नवे भाव में चन्द्रमा के उपाय-moon in 9th house
- घर में अलमारी का मुख उत्तर की ओर रखना चाहिए |
- अलमारी में एक चांदी का चोकोर टुकड़ा रखना चाहिए |
- मंदिर में दूध का भोग लगाकर भिखारियों में बांटना चाहिए |
- दीवार पर चन्द्रमा की पेंटिंग लगानी चाहिए |
- चांदी का चन्द्रमा बनवाकर भी रख सकते हैं |
- वांवी में दूध चढ़ाना चाहिए |
- मछली को चावल खिलाना चाहिए |
- सोमवार को वेसन युक्त रोटी बनाकर गाय को खिलानी चाहिए |
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