Pandit Ji

anapha yoga

अनफा योग (anapha yoga)

क्या है अनफा योग

हमारे महर्षियों ने बारह राशियों और नव ग्रहों की जन्म कालीन स्थति के अनुसार राशियों और नवग्रहों की जो अलग-अलग आकृतियाँ बन जातीं हैं | उन आकृतियों का अलग – अलग नाम रखा है | ग्रहों का राशियों में स्थिति के अनुसार योगों का नाम दिया है |उसी में एक नाम anapha yoga का आता है | इसी योग का जो फल जातक को प्राप्त होता है वह बतलाया है |

कैसे बनता है अनफा योग (anapha yoga)

चन्द्रमा से बारहवें घर में कोई ग्रह हो और चन्द्रमा से दूसरा घर ग्रह शून्य हो तो अनफा योग बनता है | यहाँ पर यदि सूर्य स्थित है तो उसकी गणना नहीं की जायेगी | सूर्य के अतिरिक्त कोई भी ग्रह है तो अनफा योग बनता है |

\"anapha

अनफा योग के बारे में विशेष विचारनीय विषय यह है की चन्द्रमा शीघ्रगामी ग्रह है | चन्द्रमा सत्ताईस दिनों में बारह राशियों का भ्रमण करता है | जबकि शनि एक ही राशी में लगभग दो वर्ष छः माह तक रहता है | इस प्रकार प्रत्येक सत्ताईस दिन की बाद जब चन्द्रमा सवा दो दिन तक शनि से दुसरे घर में रहेगा और उस सवा दो दिन में जितने जातकों का जन्म होगा उन सभी की कुण्डली में अनफा योग बनेगा | परन्तु यह तर्कसंगत नहीं है |

सर्वप्रथम यह देखना जरुरी है की चन्द्रमा जिस राशि में स्थित है वह राशि चन्द्रमा के लिए कितना बल प्रदान करती है | चन्द्रमा स्वराशी में स्थित है या उच्च का है या शत्रु राशि में है या नीच राशि में है तथा किस नक्षत्र में बैठा है उस नक्षत्र का स्वामी किस भाव तथा किस राशि में बैठा है | तत्पश्चात यह विचार करें कि चन्द्रमा से जो ग्रह बारहवें भाव में बैठा है वह किस राशि में, किस नक्षत्र में, बैठा है | उसका चन्द्रमा के साथ क्या सम्बन्ध है |

विशेष विचारणीय विषय

चन्द्रमा तथा उससे द्वादस स्थान में स्थित ग्रह पर किन ग्रहों की दृष्टि है | तथा अन्य होरा, द्रेष्काण, नवमांश, दशमांश, द्वादशांश और त्रिशांश आदि में चन्द्रमा तथा बारहवें भाव में स्थित ग्रह की क्या स्थिति है | उपरोक्त सभी बातों पर विचार करने के बाद निर्णय होत्ता है कि जातक की पत्रिका में जो अनफा योग बन रहा है उसका फल विचारना चाहिए |

यदि जातक की कुण्डली में शुद्ध अनफा योग (anapha yoga) बन रहा है तो उसका फल निम्नानुसार होगा |

सही अनफा योग के फल

चन्द्रमा से द्वादशस्थ मंगल से निर्मित अनफा योग (anfa yoga) वाले जातक झगड़े के लिए तत्पर रहते हैं | अत्यंत क्रोधी स्वभाव के होने के कारण किसी की बात सहन नहीं करते इसके प्रभाव् से कभी – कभी अपराधी हो जाते हैं | वहां पर भी अपराध जगत के शिरमौर बनते हैं | तथा ऐसे जातक रूपवान होते हैं | 

चन्द्रमा से द्वादशस्थ बुध से निर्मित अनफा योग (anfa yoga) में जन्म लेने वाले जातकों को चित्रकारी का विशेष शौक रहता है | गान विद्द्या में विख्यात होते हैं | अच्छे विद्वान्, चतुर वक्ता, यश फैलाने वाले तथा देखने में सुन्दर होते हैं | इस प्रकार के व्यक्ति राजा से सम्मानित होते हैं |

चन्द्रमा से द्वादशस्थ गुरु से निर्मित अनफा योग (anfa yoga) में जन्म लेने वाले जातक अत्यंत ही मेधावी होते हैं | ऐसे जातक प्रत्येक कार्य गंभीरता पूर्वक करते हैं | ये विशेष गुणी तथा इनका व्यौहार सीधा और सरल होता है | धन संपन्न तथा सम्मानीय होते हैं |

चन्द्रमा से द्वादशस्थ शुक्र से निर्मित अनफा योग (anfa yoga) के जातक बहुत ही आकर्षक होते हैं ऐसे जातक यदि पुरुष हैं तो स्त्रियाँ इनकी ओर शीघ्र ही आकर्षित होतीं है और यदि स्त्रियाँ हैं तो पुरुषों को आकर्षित करने की विशेष शक्ति होती है | ये अत्तयंत बुद्धिमान, धन से संपन्न तथा वैभवशाली होते हैं |

चन्द्रमा से द्वादशस्थ शनि से निर्मित अनफा योग (anfa yoga) में जन्म लेने वाले जातक अजान बाहु अर्थात इनके हाँथ अपेक्षाकृत कुछ लम्बे होते हैं | ऐसे व्यक्ति गुणवान, किसी पार्टी के लीडर, तथा इनकी वाणीं बहुत ही मधुर होती है परन्तु इनका दाम्पत्य जीवन अच्छा नहीं होता |

इन्हें भी देखें –

जानिए आपको कौनसा यंत्र धारण करना चाहिए ?

जानें कैसे कराएँ ऑनलाइन पूजा ?

श्री मद्भागवत महापूर्ण मूल पाठ से लाभ

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top