sankat mochan hanuman ashtak,संकट मोचन हनुमान अष्टक
संकट मोचन हनुमान अष्टक पाठ sankat mochan hanuman ashtak, श्री पवन पुत्र हनुमान जी का नाम ही संकटमोचन है | त्रेता से द्वापर तक जब
संकट मोचन हनुमान अष्टक पाठ sankat mochan hanuman ashtak, श्री पवन पुत्र हनुमान जी का नाम ही संकटमोचन है | त्रेता से द्वापर तक जब
संकट नाशक गणेश स्त्रोत के लाभ sankat nashan ganesh stotram, श्री गणेशजी वेद शास्त्रों में प्रथम पूज्य माने जाते हैं | प्रायः सभी शास्त्रों में
अनेक रोग मन्त्र एक har bimari ka mantra, मानव जीवन में होने वाली समस्याएं या त्रिविध ताप किसी न किसी प्रकार धर्म-अधर्म से जोड़कर देखे
श्री तुलसीदास कृत हनुमान बाहुक hanuman bahuk छप्पय सिंधु तरन, सिय-सोच हरन, रबि बाल बरन तनु । भुज बिसाल, मूरति कराल कालहु को काल जनु
अधि योग क्या है ? (Adhi yoga) – ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुण्डली के बारह भावों में स्थित ग्रह कोई न कोई योग का निर्माण
कैसे बनता है अखण्ड साम्राज्य योग (Akhand samrajya yoga)अखंड साम्राज्य योग वो योग है जो कुंडली में होने पर आपकी सूरत बदल देता है। अखंड
रुचक योग की सही जानकारी (Ruchaka yoga) ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुण्डली के बारह भावों में स्थित ग्रह कोई न कोई योग का निर्माण करते
माँ का सुख देने वाले योग- (matr sukh aur jyotish) – इस लेख में माताजी के सुख के बारे में विचार करेंगे कि जातक को
कुंडली में अरिष्ट भंग योग (arishta bhanga yoga) – मित्रों पिछले लेख में अर्थात बालारिष्ट योग मैं जाना की ऐसे कौन से योग कुंडली में
कुण्डली में अल्पायु योग- (balarishta yoga in kundali) – ज्योतिष शास्त्र के अनुसार व्यक्ति की आयु को तीन भागों में विभक्त किया गया है |