“क्या आपकी कुंडली में है धन योग? जानें आर्थिक समृद्धि के ज्योतिषीय रहस्य!”
Dhan Yoga in hindi – क्या आपकी कुंडली में धन योग है? यह सवाल हर उस व्यक्ति के मन में उठता है जो अपने जीवन में आर्थिक समृद्धि चाहता है। धन योग का अर्थ है कुंडली में ऐसे ग्रह और भावों की स्थिति, जो व्यक्ति को धनवान बना सकते हैं।
धन योग का महत्व
धन योग केवल धनवान बनने की दिशा में मदद नहीं करता, बल्कि यह जीवन में स्थिरता और सुरक्षा भी लाता है। ज्योतिष के अनुसार, सही समय पर बनाए गए धन योग व्यक्ति को न केवल आर्थिक, बल्कि सामाजिक रूप से भी सफल बनाते हैं।

कुंडली में ग्रह और उनका प्रभाव
ग्रहों की भूमिका
धन योग के निर्माण में ग्रहों की स्थिति और युति का विशेष महत्व होता है। शुक्र, चंद्रमा, गुरु और बुध मुख्यतः धन योग में भूमिका निभाते हैं।
धन योग के प्रकार
गजकेसरी योग
यह योग गुरु और चंद्रमा की युति से बनता है। यह योग व्यक्ति को अपार धन और मान-सम्मान प्रदान करता है।
धन लक्ष्मी योग
यह योग तब बनता है जब शुक्र मजबूत हो और लाभकारी भावों से जुड़ा हो।
कुबेर योग
यदि कुंडली में लाभ भाव और धन भाव के स्वामी शुभ ग्रह हों, तो कुबेर योग बनता है।
धन योग कैसे बनता है?
ज्योतिष शास्त्र में कुंडली के आधार पर अनेक धन योग बताए गए हैं | जिनमें से कुछ मुख्य धन योग नीचे दिए गए हैं |
पंचम भाव में शुक्र की अर्थात वृषभ या तुला राशि हो और उसे शुक्र देखता हो तथा एकादश भाव में शनि हो तो ऐसे व्यक्ति बहुत धन के स्वामी होते हैं |
पांचवें भाव में बुध की राशि मिथुन या कन्या राशि हो और उसमें बुध युक्त हो तथा एकादश भाव में चंद्रमा और मंगल हो तो ऐसे व्यक्ति बहुत द्रव्य के स्वामी होते हैं |
पंचम भाव में शनि की राशि अर्थात मकर या कुंभ हो और उसमें शनि हो तथा एकादश भाव में बुध हो तो व्यक्ति अनेक प्रकार के द्रव्यों का स्वामी होता है | पांचवें भाव में सूर्य की राशि सिंह राशि हो और उसमें सूर्य हो तथा लाभ भाव में चंद्रमा हो तो ऐसे व्यक्ति बहुत धनवान होते हैं |
पांचवें भाव में गुरु की राशि धनु या मीन हो और उसमें गुरु हो और लाभ भाव में चंद्रमा और मंगल हो तो ऐसे व्यक्ति भी बहुत धनवान होते हैं |
कुंडली में धन योग कैलकुलेटर Dhan Yoga in hindi
सूर्य की राशि जन्म लग्न में हो और सूर्य युक्त हो और मंगल गुरु से युत या दृष्ट हो तो व्यक्ति धनी होता है |
चंद्रमा की राशि लग्न में हो और चंद्रमा से युक्त हो, और गुरु दृष्ट हो तो ऐसे व्यक्ति भी बहुत धनी होते हैं |
मंगल की राशि लग्न में हो और उसमें मंगल युक्त हो और बुध, शुक्र, शनि से दृष्ट हो तो ऐसे व्यक्ति भी बहुत धनी होते हैं |
गुरु की राशि लग्न में हो और बुध, मंगल से दृष्ट या युक्त हो तो व्यक्ति धनी होता है |
बुध की राशि लग्न में हो और उसमें बुध युक्त हो और शनि, शुक्र से युत या दृष्ट हो तो ऐसे व्यक्ति भी बहुत धनी होते हैं |
शुक्र की राशि लग्न में हो और शुक्रि युक्त हो और शनि, बुध से युक्त या दृष्ट हो तो ऐसे व्यक्ति भी बहुत धनी होते हैं |
जो-जो ग्रह भाग्येश, पंचमेश से युत या दृष्ट होते हैं वह अपने दशा – अंतर्दशा में शुभ फल देते हैं | और जो अष्टमेश, षष्ठेश और व्येश से युत होते हैं, वे तथा मारकेश ग्रह अपने समय में अच्छा फल नहीं देते | इस प्रकार क्रूर तथा शुभ ग्रह के अपने स्थानादि भेद से ग्रहों के बलावल का विचार कर फलादेश समझना चाहिए|
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs) Dhan Yoga in hindi
- प्रश्न: धन योग क्या है?
उत्तर: धन योग का अर्थ है कुंडली में ऐसे ग्रहों और भावों की स्थिति, जो व्यक्ति को आर्थिक समृद्धि, मान-सम्मान और स्थिरता प्रदान करते हैं। - प्रश्न: धन योग किन ग्रहों के आधार पर बनता है?
उत्तर: धन योग मुख्यतः शुक्र, चंद्रमा, गुरु और बुध की स्थिति और युति पर निर्भर करता है। इन ग्रहों का लाभ और पंचम भाव से संबंध धन योग को मजबूत बनाता है। - प्रश्न: गजकेसरी योग कैसे बनता है?
उत्तर: गजकेसरी योग गुरु और चंद्रमा की युति से बनता है। यदि यह शुभ भावों में हो तो व्यक्ति को अपार धन और मान-सम्मान प्राप्त होता है। - प्रश्न: कुंडली में धन लक्ष्मी योग कैसे पहचाना जा सकता है?
उत्तर: जब शुक्र मजबूत हो और लाभकारी भावों से जुड़ा हो, तो धन लक्ष्मी योग बनता है। यह योग व्यक्ति को धनवान और जीवन में स्थिरता प्रदान करता है। - प्रश्न: क्या सभी के जीवन में धन योग सक्रिय होता है?
उत्तर: नहीं, धन योग का फल ज्योतिषीय दशा और अंतर्दशा के समय पर निर्भर करता है। यदि योग शुभ ग्रहों से प्रभावित हो, तो इसका प्रभाव अधिक होता है। - प्रश्न: क्या अशुभ ग्रह धन योग को प्रभावित कर सकते हैं?
उत्तर: हां, यदि धन योग पर अशुभ ग्रहों का प्रभाव हो, तो उसका फल कम हो सकता है। ऐसे में ज्योतिषीय उपायों की मदद ली जा सकती है।
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