
balarishta yoga in kundali-अल्पायु योग
कुण्डली में अल्पायु योग- (balarishta yoga in kundali) – ज्योतिष शास्त्र के अनुसार व्यक्ति की आयु को तीन भागों में विभक्त किया गया है |
कुण्डली में अल्पायु योग- (balarishta yoga in kundali) – ज्योतिष शास्त्र के अनुसार व्यक्ति की आयु को तीन भागों में विभक्त किया गया है |
कुण्डली में 5 ग्रहों की युति का फल- सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, गुरु युति का फल- 5 graho ki yuti (5 graho ki yuti) –
4 ग्रहों की युति का फल- सूर्य, चन्द्र, मंगल, बुध युति का फल- surya chandra mangal budh yuti (4 graho ki yuti) – यदि कुण्डली के
कुण्डली में 3 ग्रहों की युति का फल सूर्य, चन्द्र, मंगल युति का फल-(3 graho ki yuti) 3 graho ki yuti – कुण्डली में सूर्य,
कुण्डली में दो ग्रहों की युति का फल- सूर्य और चंद्र युति का फल- (do graho ki yuti) (do graho ki yuti) – यदि सूर्य
प्रथम भाव पर राहु की पूर्ण दृष्टि का फल- (Rahu drishti ka fal) – लग्न भाव को राहु पूर्ण दृष्टि से देखता हो तो ऐसे जातक
प्रथम भाव पर शनि की पूर्ण दृष्टि का फल- (shani drishti ka fal) – लग्न भाव को शनि पूर्ण दृष्टि से देखता हो तो ऐसे
प्रथम भाव पर शुक्र की पूर्ण दृष्टि का फल- (shukra drishti ka fal) – शुक्र प्रथम भाव को पूर्ण दृष्टि से देखता हो तो ऐसे
प्रथम भाव पर गुरु की पूर्ण दृष्टि का फल- (guru drishti ka fal) – गुरु प्रथम भाव को पूर्ण दृष्टि से देखता हो तो ऐसे
प्रथम भाव पर बुध की पूर्ण दृष्टि का फल- (budh drishti ka fal) – बुध जब लग्न भाव को पूर्ण दृष्टि से देखता है तो