अपनी कुंडली देखने का सबसे आसान तरीका
हमारे इस (free janam kundali analysis part 1) कुण्डली कैसे देखें कार्यक्रम में आपको गणित नहीं पढ़ना है | इसमे सिर्फ आपको अपनी कुण्डली सामने रखना है और देखना है की आपके ग्रह क्या कहते हैं | यह कैसे संभव होगा ? इसलिए संभव होगा कि गणित के लिए हम साफ्टवेयर की मदद लेंगे | किन्तु फलादेश में ज्योतिष शास्त्र के नियम तथा 30 वर्षों का अनुभव सम्मलित करेंगे |
कुण्डली देखने के लिए हमें जितना ज्ञान होना चाहिए पहले उसकी बात करते हैं | व्यक्ति को ग्रहों के नाम, राशि नाम, राशियों के स्वामी, नक्षत्रों के नाम, नक्षत्रो के स्वामी, ग्रहों की परष्पर शत्रुता-मित्रता, ग्रहों का उच्च-नीच होना आदि की मामूली जानकारी होने पर आप आसानी से कुण्डली का निरीक्षण कर सकते हैं |
9 ग्रह, 12 राशियाँ तथा 27 नक्षत्र ये आपको किसी भी कैलेण्डर अथवा पंचांग में उपलब्ध हो जायेंगे | वैसे आपकी सुविधा के लिए नीचे सभी का चार्ट दिया गया है | जिससे आप आसानी से देख सकते हैं |
कुण्डली किसे कहते हैं :- (free janam kundali analysis)
कुण्डली अर्थात आपके जन्म के समय आकाश में ग्रहों की जो स्थिति रही होगी वही स्थिति आपकी कुण्डली में होगी | ठीक उसी तरह जैसी आकाश में है |
इसे आप ऐसे समझ सकते हैं, जैसे कि पूर्व दिशा अर्थात लग्न या प्रथम भाव, ठीक इसी तरह कुण्डली की दिशाओं को भी समझें | आपके जन्म के समय जिस लग्न का उदय होगा वही लग्न (अंक) आपके प्रथम भाव में आएगा | आगे किस प्रकार ग्रह और राशियों की स्थापना होती है निम्नलिखित कुण्डली से समझ सकते हैं |
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ज्योतिष को और भी आसान बनाने के लिए हमने इसके आठ विभाग किये हैं | जिसके कारण हमें ज्योतिष जानने में आसानी होगी | पहला वाल्यकाल, दूसरा शिक्षा, तीसरा रोजगार, चौथा विवाह, पांचवां संतान, छटवां धन सुख, सातवाँ स्वास्थ और अंत में आठवां आयु विचार | उपरोक्त सभी विभागों को क्रमशः जानेंगे |
9 ग्रह –
सूर्य | चन्द्र | मंगल |
बुध | गुरु | शुक्र |
शनि | राहु | केतु |
12 राशियाँ –
1- मेष | 2- वृषभ | 3- मिथुन |
4- कर्क | 5- सिंह | 6- कन्या |
7- तुला | 8- वृश्चिक | 9- धनु |
10- मकर | 11- कुंभ | 12- मीन |
27 नक्षत्र
1- अश्वनि | 2- भरणी | 3- कृतिका |
4- रोहिणी | 5- मृगशिरा | 6- आद्रा |
7- पुनर्वसु | 8- पुष्य | 9- अशलेषा |
10- मघा | 11- पूर्वा फाल्गुनी | 12- उत्तरा फाल्गुनी |
13- हस्त | 14- चित्रा | 15- स्वाती |
16- विशाखा | 17- अनुराधा | 18- ज्येष्ठा |
19- मूल | 20- पूर्वाषाढा | 21- उत्तराषाढा |
22- श्रवण | 23- धनिष्टा | 24- शतभिषा |
25- पूर्वा भाद्रपद | 26- उत्तरा भाद्रपद | 27- रेवती |
कुण्डली कैसे देखे भाग 1 को यहीं समाप्त करते हैं | भाग दो में नयी जानकारियाँ लेकर पुनः उपस्थित होंगे | दूसरे भाग में राशियों के स्वामी, नक्षत्रों के स्वामी, ग्रहों की मित्रता-शत्रुता के बारे में और ग्रहों का उच्च-नीच आदि के बारे में सम्पूर्ण जानकारी लेकर उपस्थित होंगे || धन्यबाद ||
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