गुरु ग्रह (guru gochar report)
guru gochar – गुरु शब्द सुनते ही मस्तिष्क में एक अलग छवि बनने लगती है| देवताओं से लेकर आज तक गुरु की परम्परा चली आई है| गुरु के बिना हम सभी अधूरे हैं|हमें पग-पग पर मार्ग दिखाने वाला हमारा गुरु ही होता है|इसीलिए माता को सबसे पहला गुरु माना जाता है|जो सबसे पहले हमें कुछ सिखाती है|फिर शिक्षा गुरु तत्पश्चात दीक्षा गुरु इस प्रकार देखा जाय तो गुरु हमारे जीवन का अभिन्न अंग है|गुरु बृहस्पति देवताओं के गुरु माने जाते हैं| इसीलिए इनका आकर बड़ा बताया गया है|
हमारे ज्योतिष शास्त्र में भी गुरु ग्रह की स्थति बहुत ही शुभ मानी गयी है| परन्तु जब भी गुरु रुष्ट होते हैं तो व्यक्ति ज्ञान विहीन हो जाता है | गुरु की एक अपनी शीमा होती है| नों ग्रहों में गुरु ग्रह की दो राशियाँ है धनु तथा मीन| गुरु कर्क में उच्च तथा मकर में नीच माने जाते हैं| नक्षत्रों में पुनर्वशु, विशाखा तथा पूर्वा भाद्रपद के स्वामी माने जाते हैं| इनकी महादशा सोलह वर्ष की होती है|
ज्योतिष में गुरु के गुण:-
गुरु शांत स्वभाव्, धार्मिक, तत्व को जानने वाले, साधक, अच्छे मार्गदर्शक, न्यायप्रिय, श्रेष्ठ सलाहकार, उचित इन्साफ दिलाने वाले माने जाते हैं|
शरीर के अंग और गुरु ग्रह :-
गुरु से चर्वी, लीवर, रक्त प्रवाह, कान का विचार किया जाता है| गुरु की धनु तथा मीन राशि है अर्थात पैरों के ऊपरी भाग तथा पैरों तलवे का विचार भी गुरु से ही किया जाता है|
गुरु से होने वालीं बीमारियाँ बताएगी guru gochar report:-
चर्वी का कारक गुरु है इसलिए चर्वी का बढ़ जाना, लीवर का कारक होने के कारण पीलिये रोग, रक्त दोष, रक्त प्रवाहक होने के कारण रक्त का या किसी प्रकार के रस का निर्माण होने के कारण कैंसर, सूजन, बड़े फोड़े, हांथी रोग, (इसमे पैर सूज जातक है ) मस्से, गांठे बनना, कान से सम्बंधित बीमारियाँ आदि गुरु से देखे जाते हैं|
guru gochar report से जानें गुरु के ब्यवसाय:-
गुरु ग्रह के व्यवसाय गुरु के नाम से ही प्रख्यात हो जाते है, जैसे पुजारी, पुरोहित, भजन करने वाले, मंदिर, मस्जिद, या प्रार्थना स्थानों के अधिकारी, स्कूल, कालेज के शिक्षक, कानून या अदालत से जुड़े कारोबार, गुरु संतान का भी कारक है इसलिए बच्चों को पालना, बालसुधार संस्था, पदार्थों में घी, दूध, चर्वी, मिठाई, काजू, बादाम तथा कागज़ से सम्बंधित व्यवसाय गुरु ग्रह के अंतर्गत आते हैं|
गोचर रिपोर्ट क्यों ? Why the guru gochar report?
आपकी पत्रिका में गुरु ग्रह की जन्म के समय क्या स्थिति है, उसके आधार पर गुरु आपके किस अंग, वस्तु, धन, संतान आदि पर क्या प्रभाव् डालता है | इसके बाद लगभग 13 महीने में गुरु राशि परिवर्तन करता है जिसे गोचर कहलत हैं| वह किस राशि में भ्रमण करता है उसका आपके जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है| तथा उसे अनुकूल करने के लिए आपको क्या उपाय करने चाहिए| उपरोक्त सारी समस्याओं का समाधान करती है गुरु गोचर रिपोर्ट|
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