हनुमान जयन्ती -hanuman jayanti
(hanuman jayanti) – जिसके ऊपर शनि देव की कुदृष्अटि चल रही है वो इस हनुमान जयंती पर करें ये खास उपाय। मित्रो इस प्रकार के दुर्लभ संयोग मुश्किल से मिलते हैं। हनुमान जी का जन्मोत्सव वैसे तो हम लोग बड़े ही धूम धाम से मनाते हैं।
और मनाना ही चाहिये क्योकि “संकट कटे मिटै सब पीरा, जो सुमरे हनुमत बलबीरा” मात्र हनुमान जी का नाम सुमरन करेने से सभी संकटों से मुक्ति मिल जाती है। और यदि इस संयोग में शनि से पीड़ित ब्यक्ति ये उपाय करते हैं तो निश्चित शनि देव का प्रकोप कम होगा।
hanuman jayanti पर जानते हैं उपाय के बारे में –
जिन ब्यक्तियों की अढ़ैया या साड़ेसाती चल रही है वो उपाय नम्बर एक – आधा मीटर काला कपड़ा, सात कील लोहे की, सात सिक्के, थोड़ी काली तिल, थोड़े साबुत उड़द, थोड़ा सरसों तेल (पोलीथिन में रखलें), एक पानी वाला नारियल, ये तो हो गई सामग्री।
जानते हैं इसकी विधी- कपड़े के ऊपर समस्त सामग्री को रखें। उसे चारों ओर से लपेट लें ध्यान रखें इसमें गाँठ न लगायें। अब अपने ऊपर से सात बार सीधे उतारें। तथा दिन के रहते अर्थात प्रातः 5:52 से शायं 6:14 के बीच बहते हुए जल में बिसर्जित करें।
उपाय नम्बर दो –
थोड़ा सरसों तेल (पोलीथिन में रखलें) लेकर अपने ऊपर से सीधे सात बार उतार कर हनुमान जी के चरणों में डालदें। ध्यान रखें यह आपके ऊपर से उतरा हुआ तेल है हनुमान जी के चरणों में ही डालें।
मित्रो यह तो हुए उपाय अब जानते हैं कुछ खास मंत्रों के बारे में जो देंगे चमत्कारी लाभ- तो पहले जानते हैं ध्यान मंत्र –
ध्यान –
दहनतप्तसुवर्ण समप्रभं,
भयहरं हृदये विहिताज्जतिम्।
श्रवण कुण्डल शोभिमुखाम्बुजं,
नमत वानरराज मिहादुभुतम्॥
इस मंत्र से ध्यान करना है। ध्यान के उपरांत निम्न लिखित मंत्र का यथा शक्ति जाप करना चाहिए।
मंत्र – हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुँ फट्॥
आप चाहें तो हनुमत गायत्री का भी जाप कर सकते हैं।
हनुमान गायत्री – ॐ अंजनी सुताय विद्महे वायु पुत्राय धीमहि। तन्नो हनुमत प्रचोदयात्॥
मित्रो हनुमानजी के और भी मंत्र हैं जो उच्चारण में बहुत ही कठिन हैं इसलिए उनका यहां जिक्र नहीं किया गया। क्योंकि मंत्रों का उच्चारण शुद्ध एवं स्पष्ट होना चाहिये।
इन्हें भी देखें –
जानिए आपको कौनसा यंत्र धारण करना चाहिए ?