द्वितीय भाव में स्थित चंद्रमा का फलादेश
moon in 2nd house – दूसरे भाव में सामान्य शुक्र की राशि पर स्थित उच्च के चंद्रमा के प्रभाव से जातक बहुत धनी तथा ऐश्वर्य शाली होता है | ऐसा चन्द्रमा व्यक्ति को श्रेष्ठ बुद्धि तथा ज्ञान प्रदान करता है | ऐसे जातक कुटुम्ब में सर्वश्रेष्ठ पद प्राप्त होता है. और सम्मान प्राप्त होता है |
इन्हें कौटुंबिक सुख भी यथेष्ट मिलता है | परंतु चतुर्थ भाव का स्वामी होने के कारण माता के पक्ष में त्रुटी का अनुभव भी होता है | क्योंकि चतुर्थ भाव से माता का विचार किया जाता है | और चन्द्रमा स्त्री ग्रह भी है |
हालांकि चतुर्थेश होने के कारण भूमि, भवन और वाहन का पर्याप्त सुख प्राप्त होता है | ऐसे जातकों को विशेष परिश्रम नहीं करना पड़ता | परिवार के स्नेहीजन परिश्रम करके धन को अर्जित करते हैं और ये उस धन का उपभोग करते हैं |
सातवीं नीच दृष्टि से मित्र मंगल की राशि वाले आठवें भाव को देखने के कारण जातक की आयु स्वास्थ्य तथा पुरातत्व विषयक त्रुटियों का सामना करना पड़ता है |
जैसे पैतृक संम्पत्ति के बटवारे में ऐसे जातकों को सम्पूर्ण भाग प्राप्त नहीं होता | किन्तु संम्पत्ति का बटवारा इनकी आयु के अंतिम भाग में होता है | ऊपर बताया गया है कि ऐसे जातक परिश्रम नहीं करते, इसलिए परिवार को लेकर चलने वाले होता हैं | जिसके कारण संम्पत्ति का बटवारा बहुत देर से होता है |
मंगल अष्टमेश के साथ लग्नेश भी है इसलिए ऐसे व्यक्तियो का जीवन कुछ अशांति पूर्ण भी रहता है | हालांकि यह अशांति मानसिक होती है और साधारणतया यह आसानी से समझ में नहीं आती |
द्वतीय भाव में स्थित चन्द्र के उपाय (moon in 2nd house)
- भवन के अंदर गुम्मद वाला मंदिर नहीं होना चाहिए
- ऐसे जातकों को कन्याये अधिक होतीं हैं |
- मानसिक अशांति के लिए चांदी का चोकोर टुकड़ा सदा अपने पास रखें |
- हरी मूंग का हलुआ बनाकर देवी को भोग लगाकर कन्याओं में बाँटें |
- सोमवार के दिन ब्रम्हाण को चावल, सफ़ेद कपड़ा और खोवा दान में दें |
- माताजी का आशीर्बाद आपके लिए सर्वोपरि है |
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