Naag Dosh Pooja: ऑनलाइन: दुखों का अंत, घर-परिवार में सुख-शांति का आगमन
Naag Dosh pooja – जब जीवन अचानक दुख, कलह, तनाव, वैवाहिक परेशानियों या कार्यों में रुकावटों से भर जाए, तब इसका कारण केवल बाहरी परिस्थितियाँ ही नहीं होतीं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ऐसे भारी कष्टों का मूल कारण अक्सर नाग दोष होता है। यह दोष राहु और केतु के विशेष संयोगों से निर्मित होकर सम्पूर्ण जीवन, मन, परिवार और संबंधों पर गहरी छाया डाल देता है।
इसी कारण, सिद्ध नाग दोष शांति अनुष्ठान कराना अत्यंत आवश्यक माना गया है। यह अनुष्ठान न केवल कष्टों का निवारण करता है, बल्कि जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, मानसिक शांति और स्थिरता भी प्रदान करता है।
नाग दोष क्या है और यह जीवन को कैसे प्रभावित करता है?
नाग दोष तब बनता है जब राहु या केतु किसी शुभ ग्रह के साथ प्रथम भाव (लग्न), पंचम भाव या सप्तम भाव में युति या दृष्टि संबंध बनाते हैं। यह दोष जातक की मानसिक स्थिति, संबंधों, व्यवहार, निर्णय क्षमता और जीवन की प्रगति को गहराई से प्रभावित करता है।
राजगुरु ज्योतिष अनुसन्धान केंद्र में हमने हजारों से अधिक कुंडलियों का अध्ययन किया है और उनमें दो प्रमुख प्रकार के नाग दोष सर्वाधिक लोगों को प्रभावित करते देखे हैं:
राहु–चंद्र की प्रथम भाव में युति: जब मन अशांत हो जाए
जब राहु और चंद्र एक साथ प्रथम भाव में स्थित हो जाते हैं, तब यह संयोग गंभीर नाग दोष का निर्माण करता है।
इस दोष से पीड़ित व्यक्तियों में निम्न परिवर्तन दिखाई देते हैं—
- व्यक्ति का मन किसी भी काम में स्थिर नहीं रहता।
- उसकी भावनाएँ अनियंत्रित हो जाती हैं।
- जीवन से ऊब, निराशा और मानसिक भ्रम महसूस होने लगता है।
- स्वभाव चिड़चिड़ा, कठोर, उग्र और अस्थिर हो जाता है।
- परिवार के भीतर अनावश्यक तनाव और कलह बढ़ने लगती है।
- निर्णय गलत होते हैं, जिससे काम बिगड़ते जाते हैं।
ऐसे व्यक्तियों को कहीं शांति नहीं मिलती, और न ही वे दूसरों को शांति से रहने देते हैं। राहु-चंद्र युति का नाग दोष मानसिक और भावनात्मक जीवन को अत्यधिक प्रभावित करता है।
राहु–शुक्र की प्रथम भाव में युति: जब संबंध टूटने लगते हैं
यदि प्रथम भाव में राहु और शुक्र साथ हों, तो यह दाम्पत्य जीवन, प्रेम संबंधों और सामाजिक मान-प्रतिष्ठा पर भारी प्रभाव डालता है।
इस दोष के कारण —
- पति-पत्नी के बीच लगातार कलह और अविश्वास बढ़ता है।
- संबंधों में दूरी आ जाती है।
- विवाह में अवरोध उत्पन्न होते हैं।
- कभी-कभी वैवाहिक टूटन और तलाक जैसी स्थिति बन जाती है।
- मित्र शत्रु जैसे व्यवहार करने लगते हैं।
- साझेदारी में हानि और विश्वासघात होता है।
- जीवन में चुगलखोरी, गलतफहमी और वाणी की कठोरता बढ़ने लगती है।
यह नाग दोष जातक के सामाजिक और दाम्पत्य जीवन को गंभीर रूप से प्रभावित करता है।
Naag Dosh pooja शांति अनुष्ठान के चमत्कारी लाभ
नाग दोष शांति पूजन प्राचीन वैदिक विधियों के अनुसार किया जाता है। यह अनुष्ठान राहु-केतु के दोषों को शांत कर जातक के जीवन में अद्भुत परिवर्तन लाता है।
इस अनुष्ठान से प्राप्त होने वाले प्रमुख लाभ—
- दांपत्य जीवन में प्रेम, मिठास और स्थिरता आती है।
- मानसिक तनाव, क्रोध, अवसाद और भ्रम दूर होते हैं।
- मन एकाग्र होता है, निर्णय शक्ति बढ़ती है और काम बनना शुरू होते हैं।
- शत्रु, विरोधी और नकारात्मक ऊर्जाओं का नाश होता है।
- परिवार में शांति, समृद्धि और सहयोग बढ़ता है।
- जातक का सामाजिक सम्मान बढ़ता है।
- राहु-शुक्र और राहु-चंद्र जनित बाधाएँ समाप्त होने लगती हैं।
- जीवन में सकारात्मक दिशा और नई ऊर्जा आती है।
नाग दोष शांति अनुष्ठान वास्तव में उन व्यक्तियों के लिए वरदान है, जिनके जीवन में अचानक समस्याएँ बढ़ने लगती हैं और जिनके काम बार-बार रुक जाते हैं।
Naag Dosh pooja कैसे कराएँ? – सरल बुकिंग प्रक्रिया
राजगुरु ज्योतिष अनुसन्धान केंद्र में नाग दोष पूजा पूरी शुद्धता, सिद्ध मंत्रों और प्राचीन विधि-विधान से संपन्न की जाती है।
पूजा करवाने की सरल प्रक्रिया:
- पूजा बुक करने के लिए आप हमें फोन कर सकते हैं:
📞 91-7470934089 - आप WhatsApp पर भी संदेश भेजकर पूजा का समय ले सकते हैं:
📱 7470934089 - आपकी कुंडली, जन्म विवरण और दोष की प्रकृति का विश्लेषण कर
शुभ मुहूर्त में ही अनुष्ठान प्रारंभ किया जाता है।
अनुष्ठान के लिए आवश्यक जानकारी
आपको केवल निम्नलिखित जानकारी भेजनी है—
- जिस व्यक्ति के नाम से पूजा होनी है, उसका पूरा नाम
- पिता/पति का नाम
- गोत्र
- निवास स्थान
- आपका डाक पता (ताकि पूजन पश्चात सिद्ध यंत्र आपको भेजा जा सके)
पूजा विधि पूर्ण होने के बाद आपके नाम से स्थापित सिद्ध यंत्र आपके पते पर भेज दिया जाता है, जो लंबे समय तक रक्षा और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
- Naag Dosh kya hota hai?
उत्तर: कुंडली में जब राहु–केतु अशुभ स्थानों में बैठकर ग्रहों पर संकट उत्पन्न करते हैं और पूर्व जन्म के नाग-संबंधित ऋण सक्रिय होते हैं, तब नाग दोष बनता है। इससे जीवन में बाधाएँ, मानसिक तनाव, विवाह में विलंब और आर्थिक रुकावटें आती हैं।
- Naag Dosh pooja kaise ki jaati hai?
उत्तर: यह पूजन विशेष मंत्रों, अभिषेक, होम और नाग देवता के शांति कर्म के साथ किया जाता है। योग्य एवं अनुभवी ब्राह्मण द्वारा ही यह पूजा पूर्ण विधि-विधान से की जाती है, जिससे दोष शांत होकर शुभ परिणाम मिलते हैं।
- Naag Dosh Pooja kab karni chahiye?
उत्तर: नाग पंचमी, श्रावण मास, सोमवार, पंचमी तिथि तथा शास्त्रानुसार शुभ मुहूर्त में यह पूजा कराना अत्यंत शुभ माना जाता है। तीव्र बाधाएँ हों तो तुरंत भी कराई जा सकती है।
- Naag Dosh Pooja ke fayde kya hain?
उत्तर:
- शत्रु बाधा हटती है
- विवाह में आ रही रुकावटें दूर होती हैं
- मानसिक तनाव कम होता है
- धन बाधा और करियर में सुधार आता है
- दांपत्य जीवन में मधुरता आती है
- संतान प्राप्ति में होने वाली बाधाएँ दूर होती हैं
- 5. Kundli me Naag Dosh kaise pehchana jata hai?
उत्तर: जब राहु और केतु अशुभ भावों में स्थित होकर महत्वपूर्ण ग्रहों को पीड़ित करते हैं या पंचम भाव को प्रभावित करते हैं, तब ज्योतिषीय रूप से नाग दोष का निर्माण माना जाता है।
- 6. Naag Dosh ka ilaj kya hai?
उत्तर: इसका सबसे प्रभावी उपाय Naag Dosh Pooja, महामृत्युंजय जाप, राहु–केतु शांति और शिव अभिषेक हैं। उचित मार्गदर्शन में की गयी पूजा अत्यंत फलदायी होती है।
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. Naag Dosh Pooja ki cost kitni hoti hai?
उत्तर: पूजा का शुल्क स्थान, सामग्री, विधि और शामिल आचार्यों की संख्या पर निर्भर करता है। सामान्यत: यह एक दिवसीय या त्रिदिवसीय अनुष्ठान होता है।
- 8. Kya Naag Dosh shadi me rukawat dalta hai?
उत्तर: हाँ, नाग दोष होने से विवाह के योग में देरी, बार-बार रिश्ते टूटना और दांपत्य जीवन में असंतोष देखा जाता है। पूजा करवाने से यह बाधाएँ काफी हद तक शांत हो जाती हैं।
- 9. Kya Naag Dosh aur Kaal Sarp Dosh ek jaisa hai?
उत्तर: नहीं। दोनों दोष राहु–केतु से संबंधित होते हुए भी अलग हैं। नाग दोष पूर्व जन्म के नाग ऋण और राहु–केतु के विशेष अशुभ योग से बनता है, जबकि कालसर्प दोष सभी ग्रहों के राहु–केतु के मध्य स्थित होने से बनता है।
- 10. Naag Dosh Pooja ke baad kab tak asar dikhai deta hai?
उत्तर: पूजा के तुरंत बाद मानसिक शांति और बाधाओं में कमी का अनुभव होने लगता है। पूर्ण फल धीरे-धीरे शुभ समय के अनुसार प्राप्त होते हैं।
- 11. Kya Naag Dosh Pooja ghar par ki ja sakti hai?
उत्तर: कुछ सरल उपाय घर पर किए जा सकते हैं, परंतु पूर्ण Naag Dosh Pooja केवल सिद्ध स्थान और अनुभवी आचार्यों के द्वारा ही की जानी चाहिए ताकि दोष पूरी तरह शांत हो।
- 12. Naag Dosh ki wajah se kaun-kaun si samasya hoti hai?
उत्तर:
- मानसिक बेचैनी
- कार्यों में बार-बार रुकावट
- विवाह में बाधा
- संतान सुख में देरी
- करियर में गिरावट
- कोर्ट-कचहरी के मामले
- धन की कमी
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3. Naag Dosh Pooja ek din me ho jati hai kya?
उत्तर: सामान्यत: यह एक दिन में हो जाती है, लेकिन यदि विस्तृत विधि चाहिए तो यह 3 दिन तक भी चलती है।
- 14. Naag Dosh Pooja ke liye kya saman chahiye?
उत्तर: पूजा में नाग देवता की प्रतिमा, पंचामृत, रुद्राभिषेक द्रव्य, हवन सामग्री, पुष्प, वस्त्र, फल तथा विशेष मंत्रोच्चारण की व्यवस्था आवश्यक होती है।

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