free janam kundali analysis 8 – कुण्डली कैसे देखें भाग 8
कुण्डली कैसे देखें के आठवें भाग में आपका पुनः स्वागत है | पिछले भाग में कर्क लग्न के जातक के बारे में जाना | आठवें भाग में जानेगे (singh lagna) सिंह लग्न का फल | जिन व्यक्तियों का जन्म सिंह लग्न में हुआ है, उनका शारीरिक गठन, स्वभाव कैसा होगा और उन्हें स्वास्थ को लेकर किस प्रकार की सावधानी रखनी चाहिए |
singh lagna-सिंह लग्न के जातकों का शारीरिक गठन –
यदि आपका जन्म (singh lagna) सिंह लग्न मैं हुआ है तो आपके मुख की आकृति चौड़ी और हड्डी पुष्ट होगी | आपकी आखें सुन्दर और भाव प्रगट करने वाली होंगी |
सिंह लग्न के जातकों का स्वभाव –
आप आनंद से जीवन ब्यतीत करने वाले रिपुओं (शत्रु ) और बिरोधियों पर विजय प्राप्त करने वाले होंगें | स्पष्टवादी होते हुए आप निष्कपट और मनसा वाचा से पवित्रता पालन करने वाले होंगें |
नीच कर्म से घृणा करने वाले धैर्यवान और उदार तथा आप जिस कार्य को करेंगे उसको पूरी ईमानदारी तथा निपुणता से करेंगें | आप अपने गुणों तथा साहस से बिघ्न बाधाओं का शीघ्र निपटारा कर सकते हैं | नीच कर्म से लाभ की सम्भावना होने पर भी आप उससे घृणा करेंगें |
अपनी मर्यादा के पालन में सर्बदा तत्पर रहेंगें | आपके रहन सहन से बड़प्पन प्रतीत होगा मित्रता में अटल तथा विश्वास पात्र होंगें | आप केवल दयालु ही नहीं बल्कि सत्पात्र की रक्षा में भी तत्पर रहेंगें |
दुःख के समय में आप अपनी सूझ बूझ को काम में लाकर दुःख के निवारण में समर्थ होंगें |
आप शत्रुओं से झगड़ा नहीं करके धैर्य से काम लेने वाले शांति पूर्वक ब्यौहार करने वाले तथा आपकी रूचि आलसी मनुष्यों के प्रति तथा ऐसे लोग जो उद्यम द्वारा अपनी अवस्था की उन्नति नहीं करते, अच्छी नहीं होती |
आपको अपने उद्यम और परिश्रम का फल पूर्ण रूप से प्राप्त नहीं होगा | लोगों पर आपके गुणों का प्रभाव विशेष रूप से पड़ता है |
आप अपनी आज्ञा तथा रूचि के अनुसार अन्य मनुष्यों को चलने में कुशल होंगें | आपका जीवन प्रायः सुखी और धन से परिपूर्ण रहेगा |
singh lagna में कन्या जन्म के कुछ विशेष फल –
दुबली-पतली, कफ प्रकृति की, रुग्ण और चिड़चिड़ी तथा झगड़ालू होगी | परन्तु दानशीला रहेगी |
सावधानी –
आपको गर्म पदार्थ तथा मादक वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए | उत्तेजना और जल्दवाजी के कामों से बचना चाहिए | शरीर के रुधिर की रक्षा सदा करना चाहिए ज्वर होने पर उसकी उचित ओषधि शीघ्रता पूर्वक लेनी चाहिए |
नोट – ध्यान रखें यह स्थूल फलादेश है | जब तक किसी व्यक्ति की कुण्डली का सम्पूर्ण निरिक्षण नहीं किया जाता तब तक सही फलादेश नहीं किया जा सकता | सटीक फलादेश जानने के लिए व्यक्ति की जन्म तारीख, जन्म समय और जन्म स्थान सही होना आवश्यक है |
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