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sun in 2nd house

sun in 2nd house (दूसरे भाव में सूर्य )

दूसरे भाव में सूर्य का फल –

sun in 2nd house – दूसरे भाव में अपने शत्रु शुक्र की राशि पर स्थित सूर्य के प्रभाव से, जातक को आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा | शारीरिक विचार में दायीं आँख का विचार किया जाता है | इसलिए जातक को दांयीं आँख में परेशानी हो सकती है |   

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इस कुंडली में सूर्य पंचम भाव का स्वामी होकर शत्रु की राशि पर बैठा है | अतः जातक के विद्या अध्ययन एवं संतान पक्ष में भी कठिनाइयां आती रहेंगी | परन्तु अपनी राशि से दशवें स्थान पर अर्थात केंद्र में बैठा है | केन्द्राधिपति होने के कारण विद्या एवं संतान के क्षेत्र में संघर्ष के बाद सफलता प्राप्त कर लेते है |

कुटुंब में श्रेष्ठता पाने के लिए शंघर्ष करना पड़ेगा | किन्तु शत्रु राशि में होने के कारण परिवार के सदस्य ही आपके शत्रु बन बैठेगे | और वाद-विवाद के बढ़ने पर बंधन तक हो सकता है |  

यहां से सूर्य अष्टम भाव को पूर्ण दृष्टि से देखता है, अतः जातक की आयु दीर्घ होगी, किन्तु जातक को खान-पान का विशेष ध्यान रखना पड़ेगा | सूर्य की द्वतीय भाव में स्थिति स्पष्ट यह दर्शाती है कि ऐसे जातक बदहजमी के शिकार होते हैं | अर्थात उन्हें अपच की शिकायत बनी रहती हैं |

ऐसे जातको को गुप्तांगों से सम्बंधित समस्या हो सकती है | विशेषकर महिलाओं को रुधिर सम्बन्धी समस्याएं आम पायीं जाती हैं | पुरुषों में अधिक उत्तेजना के कारण होने वाले रोग होते हैं |

हाँलाकि ऐसे जातको को अकस्मिक धन का भी लाभ होता है | किन्तु पैतृक संपत्ति में विवाद होता है |

sun in 2nd house – दूसरे भाव में सूर्य के उपाय

सूर्य के दुसरे भाव में स्थिति पर क्या upay करना चाहिए –

विशेषकर वाणी पर संयम रखें |

महिलाओं से सम्बंधित विवादों से बचें |

सफ़ेद वस्तुओं का दान न लें | (जैसे चांदी, चावल, दूध, कपास आदि) |

कौटुम्बिक विवाद में न पड़ें |

सदाचार का पालन करें |

धार्मिक स्थलों पर श्रम दान करें |

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