मेष लग्न की कुंडली के तीसरे भाव स्थित सूर्य
तीसरे भाव में अपने मित्र बुध की राशि पर स्थित सूर्य के प्रभाव से जातक के बुद्धिवल एवं पराक्रम में वृद्धि होगी | तृतीय भाव पराक्रम का माना गया है | तथा तीसरे भाव में सूर्य (sun in 3rd house) शुभ फल देने वाला होता है |
सूर्य की सातवीं दृष्टि भाग्य भाव पर होने से जातक अपने पराक्रम से अपने भाग्य की बृद्धि करता है | अर्थात अपना भाग्य स्वयं बनता है | ऐसे जातक भाग्य उन्नति के लिए मन से कार्य करने वाले होते हैं |
नवम भाव से धर्म का विचार करते हैं | नवम भाव में गुरु की शुभ राशि होने के कारण व्यक्ति धर्मात्मा, दानी तथा तीर्थसेवी होता है |
नवे भाव में सूर्य के मित्र तथा शुभ ग्रह गुरु की राशि होने के कारण जातक शुभ कार्य करने वाला, तथा भगवत भक्त होगा | ऐसे जातकों को धार्मिक कार्यों में विशेष रूचि रहती है |
किन्तु ये अपनी श्रेष्टता को नहीं भूलते इस कारण कहीं-कहीं इनके स्वाभिमान को ठेश पहुचने पर ये धर्म से बिमुख भी हो जाते हैं | तथा कभी-कभी तो आक्रामक भी हो जाते हैं |
तृतीय भाव से भाई तथा वाणी का तो विचार किया ही जाता है, साथ ही तीसरे भाव में बुध की राशि होने के कारण ऐसे व्यक्तियों की लेखन शैली बहुत अच्छी होती है | अर्थात ऐसे जातक अच्छे लेखक भी होते हैं |
इनकी वाणी मधुर तथा आकर्षक होती है | इसलिए इनकी वाणी का प्रभाव व्यक्तियों पर आसानी से होता है | ऐसे जातक अपनी मधुर वाणी से बड़े समूह को भी अपने वश में करने की क्षमता रखते हैं |
तृतीय भाव से छोटे भाई बहनों का विचार किया जाता है | इसलिये ऐसे जातकों को छोटे भाई-बहिन तथा इनके तुल्य व्यक्तियों का पूर्ण सुख तथा सहयोग प्राप्त होता है |
तीसरे भाव में सूर्य के उपाय (sun in 3rd house)
तीसरे भाव में अशुभ सूर्य होने पर उपाय –
तावें के लोटे में शहद (honey) शुद्ध जल, तीर्थ जल और सिंदूर डालकर सूर्य को जल देना चाहिए | जल देते समय “ॐ घृणि सूर्याय नमः” मन्त्र का जाप करते जाएँ |
लक्ष्मी नारायण मंदिर में पताका लगायें |
प्रति दिन स्नान के समय जल में तीर्थ जल डालकर स्नान करना चाहिए | रविवार को सत्यनारायण की कथा सुननी चाहिए |
इन्हें भी देखें –
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