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sun in 4th house (चौथे भाव में सूर्य)

मेष लग्न की कुंडली के चतुर्थ भाव में स्थित सूर्य का फल

sun in 4th house – चौथे भाव में सूर्य अपने मित्र चंद्रमा की राशि पर स्थित सूर्य के प्रभाव से जातक भूमि, भवन, वाहन आदि अनेक प्रकार के सुख प्राप्त करेगा | चौथा भाव माता का कारक है अतः जातक को माता का सुख तथा सहयोग प्राप्त होगा |

वाहन का विचार चौथे भाव से किया जाता है इसलिए वाहन का सुख होगा किन्तु वाहन में व्यय अधिक होगा | अर्थात वाहन में खर्च ज्यादा लगेगा |

सूर्य पंचम भाव का स्वामी है और पंचम भाव से विद्द्या तथा संतान का विचार किया जाता है | इसलिए व्यक्ति उपरोक्त सारी चीजों का विद्या द्वारा अर्जित धन से सुख प्राप्त करेगा |

परन्तु इन सभी सुखों में बीच-बीच में नुकसान भी उठाना पड़ेगा | क्योंकि सूर्य अपनी स्वराशी से बारहवें भाव में बैठा है | परन्तु व्यक्ति को शिक्षा के क्षेत्र में और संतान पक्ष से सुख प्राप्त होगा |

यहां सूर्य सातवीं दृष्टि से अपने शत्रु शनि की राशि वाले दशम भाव को देखता है | इसलिए जातक की अपने पिता से वैचारिक वैमनस्यता रहेगी | जिसके कारण पिता-पुत्र के सम्बन्ध अच्छे नहीं रहेंगे |

दशम भाव से सफलता का विचार किया जाता है, इसलिए व्यक्ति को अपने कार्य में कई बार विफल होना पड़ेगा | परन्तु सूर्य के प्रभाव से कुछ ना कुछ सम्मान अवश्य बना रहेगा |

राजकीय मामलों में जातक को नहीं उलझाना चाहिए, अन्यथा सम्मान की हानि होगी | और राजकीय दण्ड भी भोगना पड़ सकता है |

चतुर्थ भाव में स्थित सूर्य के उपाय – (sun in 4th house)

  • छोटे बालकों की सेवा करनी चाहिए |या छोटे बालकों को कुछ खिलाते रहें |
  • विद्द्या का दान कारण सर्वश्रेष्ठ रहेगा | विद्द्या दान में कापी-किताब या पेन-पेन्सिल आदि जो संभव हो, किन्तु दान अवश्य करें |
  • विद्द्या दान संभव न हो तो विद्द्यालय में दान दीजिये |
  • यदि क्रोध ज्यादा आये तो रामायण का पाठ करना चाहिए |

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Pandit Rajkumar Dubey

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