मेष लग्न की कुंडली के पंचम भाव में स्थित सूर्य
पांचवें भाव में स्थित स्वक्षेत्री सूर्य के प्रभाव से जातक बड़ा विद्वान और बुद्धिमान होता है |पांचवे भाव में (sun in 5th house) सूर्य व्यक्ति को शिक्षा के क्षेत्र में अच्छी सफलता देता है |
सूर्य जीवन देने वाला ग्रह है, इसलिए ऐसे जातकों को डाक्टरी आदि की शिक्षा ग्रहण करना चाहिए | या जिस विद्द्या से आप व्यक्ति की जीवन रक्षा कर सकें, वही विद्द्या अर्जित करनी चाहिए |
ऐसे जातक अपनी शिक्षा के माध्यम से यश प्राप्त करते हैं | पंचम भाव से संतान का विचार किया जाता है, इसलिए ऐसे व्यक्तियों को संतान का सुख तथा सहयोग प्राप्त होता है |
पंचम भाव से धर्म का भी विचार किया जाता है | ऐसे व्यक्ति धार्मिक होते हैं, और तंत्र-मन्त्र साधना में इनकी बड़ी रूचि रहती है | और यदि ये मन्त्र साधना करते है तो बहुत जल्दी ही सफलता प्राप्त करते हैं |
धार्मिक क्षेत्र में ऐसे व्यक्ति पुरुष देवता के पुजारी होते हैं | जैसे विष्णु भगवान, भूतभावन भगवान भोलेनाथ, कृष्ण, राम आदि देवताओं की पूजा करते हैं |
यहां से सूर्य की सप्तम दृष्टि अपने शत्रु शनि की राशि वाले ग्यारहवें भाव पर पड़ती है | इसलिए आय के साधनों में रुकावटें आती रहेगी, तथा आर्थिक लाभ के लिए विशेष प्रयत्न करना पड़ेगा |
एकादश भाव से बड़े भाई-बहिन का विचार करते हैं | सूर्य की शत्रु राशि होने के कारण ऐसे व्यक्तियों को बड़े भाई-बहिन तथा इनके तुल्य व्यक्तियों का सुख तथा सहयोग प्राप्त नहीं होता |
पंचम भाव में सूर्य अपने घर में होने के कारण व्यक्ति में कुछ अहंकार आ जाता है | इसलिए व्यक्ति कभी-कभी कटु भाषा का उपयोग भी करने से नहीं चूकते |
जिसके कारण लोग आपके समक्ष तो आपकी प्रंशसा करेंगे परन्तु परोक्ष में आपकी निंदा करने में भी कसर नहीं छोड़ते |
पंचम भाव में स्थित सूर्य के उपाय – (sun in 5th house)
- भवन का निर्माण वास्तु के अनुसार होना चाहिए |
- संतान से सम्बंधित किसी भी प्रकार की परेशानी होने पर गुरुवार का व्रत करना चाहिए |
- गुरुवार को पीली वस्तुओं का दान किसी ब्राम्हण को देना चाहिए |
- पीपल एवं बड़ वृक्ष जहाँ संयुक्त हों वहां जल देना चाहिए |
- पीपल का बांदा अपने घर में रखना चाहिए |
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