शुक्र गोचर का फल – (Venus transit)
(Venus transit) ब्रह्मांड में स्थित ग्रह अपने अपने मार्ग पर अपनी अपनी गति से सदैव भ्रमण करते हुए एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं | जन्म समय में एक ग्रह जिस राशि में पाए जाते हैं वह राशि उनकी जन्म कालीन राशि कहलाती है | जो की जन्मकुंडली का आधार है | और जन्म के पश्चात किसी भी समय वे अपनी गति से जिस राशि में भ्रमण करते हुए दिखाई देते हैं, उस राशि में उनकी स्थिति गोचर कहलाती है |
चन्द्र के ऊपर शुक्र गोचर का फल –
शुक्र चंद्रमा के ऊपर जब गोचर वश आए, तब सुख और धन की प्राप्ति होती है | शत्रु का नाश होता है, परंतु जातक कुछ दुराचार भी करता है | विवाह और संतान जन्म की संभावना होती है, तथा विद्या अध्ययन में सफलता प्राप्त होती है | सब प्रकार के आमोद प्रमोद और वैभव विलास होते हैं | सत्यता की ओर रुझान होता है | व्यापार में उन्नति होती है | तरल पदार्थों, सुगंधित द्रव्य, बनाव श्रृंगार तथा सौंदर्य प्रसाधन आदि से आय होती है |
चन्द्र से शुक्र गोचर का फल – (Venus transit)
शुक्र चंद्रमा से द्वितीय भाव में जब गोचर वश आता है, तब धन की बार-बार प्राप्ति होती है | शरीर स्वस्थ रहता है जातक नवीन वस्त्र तथा आभूषण धारण करता है | स्त्री सुख उत्तम रहता है संतान प्राप्ति का भी योग होता है | राज्य की ओर से मान प्राप्त होता है, तथा विद्या में रुचि होती है | जातक के सौंदर्य में निखार आता है | गायन वादन में रुचि बढ़ती है शत्रुओं का नाश होता है |
चन्द्र से तीसरे भाव में शुक्र गोचर का फल –
शुक्र चंद्रमा से जब तृतीय भाव में गोचर वश आता है, तब मित्रों से सुख तथा शत्रुओं की पराजय होती है | धन मिलता है और जातक का साहस बढ़ता है | नौकर-चाकरों का सुख मिलता है | मान सम्मान में वृद्धि होती है, तथा भाग्योदय होता है | राज्य की ओर से कृपा रहती है | बहन भाइयों का सुख रहता है तथा धर्म में रुचि बढ़ती है |
चन्द्र से चौथे भाव में शुक्र गोचर का फल – (Venus transit)
शुक्र जब चंद्रमा से चतुर्थ भाव में गोचर वश आता है, तो मनोकामनाएं पूर्ण होती है और धन की प्राप्ति होती है | वैभव विलास की सामग्री तथा वाहन आदि की प्राप्ति होती है | संबंधियों से सहायता मिलती है | सामान्य जन से संपर्क तथा प्रेम बढ़ता है, और शरीर तथा मन प्रफुल्लित रहते हैं |
चंद्र से पांचवे भाव में शुक्र गोचर का फल –
शुक्र चंद्रमा से पंचम भाव में जब गोचर वश आता है, तो पुत्र आदि से स्नेह बढ़ता है | अन्न धन की प्राप्ति होती है और उत्तम भोजन मिलता है | यश की वृद्धि होती है शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है | पुत्रादि आदि के जन्म की संभावना होती है | प्रेमी-प्रेमिका में निकटता प्रगाढ़ होती है | मनुष्य विभागीय परीक्षाओं में सफल होता है | आमोद प्रमोद के स्थानों सिनेमा क्लब आदि जाना रहता है |
चन्द्र से षष्ठ भाव में शुक्र गोचर का फल – (Venus transit)
शुक्र जब चंद्रमा से छठे भाव में गोचर वश आता है, तब शत्रुओं की वृद्धि और उनकी विजय होती है | तथा जातक को उनसे संधि करने पर विवश होना पड़ता है | व्यापारिक साझेदारों से झगड़ा होता है | यात्रादि में दुर्घटनाओं से हानि पहुंचती है स्त्री विमुख हो जाती है |
चन्द्र से सप्तम भाव में शुक्र गोचर का फल –
चंद्रमा से सातवें भाव में जब गोचर वश शुक्र आता है, तब व्यक्ति का अपमानित होने का भय रहता है | बड़े परिश्रम से आजीविका उपार्जन होता है | जननेंद्रिय संबंधी रोगों से कष्ट होता है | स्त्री से विवाद होता है और स्त्री के रोग ग्रस्त होने की संभावना रहती है | अन्य स्त्रियों से संबंध के कारण हानि और अपमान सहना पड़ता है यात्राएं अधिक करनी पड़ती है |
चन्द्र से अष्टम भाव में शुक्र गोचर का फल – (Venus transit)
शुक्र जब चंद्रमा से आठवें भाव में जब गोचर वश आता है, तब धन और सुख में वृद्धि होती है | जातक के समस्त कष्ट दूर हो जाते हैं | विलास की सामग्री में वृद्धि होती है | धन तथा सुख लाभ होता है तथा विद्या में रुचि होती है |
चन्द्र से नौवें भाव में शुक्र गोचर का फल –
चंद्रमा से जब शुक्र नवम भाव में गोचर वश आता है, तो उत्तम वस्त्र तथा आभूषणों की प्राप्ति होती है | शरीर स्वस्थ रहता है आशा से अधिक लाभ रहता है | कोई स्थाई लाभ भी होता है | राज्य द्वारा भाग्य वृद्धि होती है | मित्रों से लाभ रहता है | भाइयों से सहायता तथा स्नेह मिलता है | देश के अंदर लंबी यात्रा होती है |
चन्द्र से दशवें भाव में शुक्र गोचर का फल – (Venus transit)
चंद्रमा से शुक्र जब दशम भाव में गोचर वश आता है, तो शरीर में पीड़ा रहती है | मानसिक चिंता बढ़ती है धन की हानि होती है | नौकरी और व्यवसाय में विघ्न आते शत्रु शिर उठाते हैं | कार्यों में सफलता मिलती है जनसाधारण से विरोध रहता है | स्त्री वर्ग से दुख की प्राप्ति होती है | संबंधियों से अनबन रहती है राज्य की ओर से परेशानी होती है |
चन्द्र से ग्यारहवें भाव में शुक्र गोचर का फल –
शुक्र जब चंद्रमा से एकादश भाव में अर्थात ग्यारहवें भाव में गोचर वश आता है, तब जातक को धन लाभ होता है | और प्रताप बढ़ता है सभी कार्यों में सफलता मिलती है | उत्तम भोजन आदि की प्राप्ति होती है | स्त्री संबंधित सुखों में वृद्धि होती है | स्त्रियों से प्रेमा लाभ के कारण जातक प्रसन्नता का अनुभव करता है | मित्रों का पूर्ण सुख तथा सहयोग भी प्राप्त होता है |
चन्द्र से बारहवें भाव में शुक्र गोचर का फल – (Venus transit)
जब शुक्र चंद्रमा से बारहवें भाव में गोचर वश आता है, तो जातक को मित्रों, धन, अन्न तथा विलास के साधनों की प्राप्ति होती है | यद्यपि जातक का धन बढ़ता है, परंतु अंततोगत्वा उसको कपड़े के व्यापार में हानि उठानी पड़ती है |
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