Pandit Ji

vrischika lagna

बृश्चिक लग्न (vrischika lagna)

vrischika lagna-वृश्चिक लग्न के जातकों का शारीरिक गठन –

vrischika lagna – जन्म कुंडली का पहला खाना जिसे हम प्रथम भाव या लग्न के नाम से जानते हैं | ज्योतिषी किसी की भी जन्म कुंडली एवं लग्न के स्वामी की स्थिति देखकर उस लफं के जातक के रंग-रूप, शारीरिक गठन, आचरण, स्वाभाव एवं स्वास्थ आदि के बारे में विवेचना करते हैं |

किसी भी जातक की कुंडली का प्रथम फलादेश जातक की लग्न, लग्नेश तथा उसकी राशि देखकर अधिकतम फलादेश किया जाता है | तत्पश्चात भावानुसार एवं भावेश के अनुसार फलादेश किया जाता है |

यदि आपका जन्म (vrischika lagna) बृश्चिक लग्न में हुआ है तो आप देखने में सुन्दर जंघा तथा पैर गोल आकृति के होंगें |

\"vrischika

वृश्चिक लग्न के जातकों का स्वभाव –

आप बहुत  सतर्क परन्तु झगड़ालू किस्म के होंगें | विवाद में आप पक्ष विपक्ष की बात तथा अपनी हानि का भी विचार नहीं कर दृढ़ता था संलग्नता पूर्वक झगडे में लग जायेंगें |

आपका स्वाभाव  कुछ बिगड़ैल झगडे में तत्पर तथा शीघ्र ही क्रोधित हो जाने वाले होंगें | आप सच्ची बात को स्पष्ट रूप से कहने वाले अर्थात काने को काना कहने में आपको तनिक भी हिचकिचाहट नहीं होगी | 

आपके मन में बदला  चुकाने की प्रबल भावना रहेगी अपने उचित अथवा अनुचित ध्येय के लिए अथक परिश्रम करेंगें | आपकी अपने मित्रों से तथा कुटुम्बियों से नहीं पटेगी |

हठी होने के कारणआप अपने बुजुर्गों तथा गुरुजनों से भी विवाद कर बैठेगें | कुसंयम तथा अपनी बुरी आदतों के कारण आप अपने स्वास्थ को बिगाड़ लेंगें |

वैसे आप उच्च कक्षा के ब्यक्ति होंगें परन्तु कभी कभी आपका ब्यौहार बड़ा ही भयावह रहेगा | आप बहुत ही जोशीले होंगें आपके बिरुद्ध यदि कोई अपने विचार प्रकट करता है तो आप उसे अपना शत्रु मान बैठते हैं |

ध्यान रखना आप्पके मित्रों में से ही आपके शत्रु होंगें | आप अत्यंत स्त्री प्रिय होंगें आपकी संतान विद्वान होगी |

कन्या जन्म के कुछ विशेष फल

सुन्दर, आज्ञाकारिणी, भगयती, सुशीला, सच्ची, आनंदप्रिया और अच्छे आचरण की होगी |

सावधानी

आपको कंठ और छाती को रोगों से बचाना अनिवार्य है | मल मूत्रादि की सफाई पर पूर्ण ध्यान रखना चाहिए | छूत छात की बीमारी से बचने का पूरा प्रबन्ध रखना चाहिए | नशीले पदार्थों का सेवन भूल कर भी नहीं करना चाहिए | 

नोट – ध्यान रखें यह स्थूल फलादेश है | जब तक किसी व्यक्ति की कुण्डली का सम्पूर्ण निरिक्षण नहीं किया जाता तब तक सही फलादेश नहीं किया जा सकता | सटीक फलादेश जानने के लिए व्यक्ति की जन्म तारीख, जन्म समय और जन्म स्थान सही होना आवश्यक है |

इन्हें भी देखें :-

जानिए आपको कौनसा यंत्र धारण करना चाहिए ?

जानें कैसे कराएँ ऑनलाइन पूजा ?

श्री मद्भागवत महापूर्ण मूल पाठ से लाभ

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top