भिन्न-भिन्न भाव एवं राशि में स्थित बुध की महादशा का फल
Budh Mahadasha ka fal – केंद्र में स्थित बुध की महादशा में राजाओं से मित्रता, धन-धान्य, स्त्री और पुत्र आदि का सुख, यज्ञ आदि कर्म से यश, उत्तम भोजन तथा वस्त्र आभूषण की प्राप्ति होती है | बुध के साथ किसी पाप ग्रह की युति न हो और न ही किसी पाप गृह की दृष्टि पड़ती हो | लग्न में स्थित बुध की महादशा में अधिकार, कृषि से धन लाभ, यश की प्राप्ति, राज चिन्हों से अर्थात ढोल और बाजा इत्यादि से शोभा, उत्तम वाहन, संसार में प्रसिद्धि और तीर्थों में स्नान का सौभाग्य प्राप्त होता है | द्वितीय भाव में स्थित बुध की महादशा में विद्या की प्राप्ति, कीर्ति की वृद्धि, राजा के तुल्य भाग्य, और राज द्वार में प्रधानता होती है |
तृतीय स्थान में स्थित बुध की महादशा जब आती है उस अवधि में आलस्य, प्लीहा रोग, वमन, मंदाग्नि और भाइयों की हानि परंतु राजा से सम्मान होता है | चतुर्थ भाव में स्थित बुध की महादशा में मकान, संपत्ति सुख, रोजगार और नौकरी में हानि, मातृ पक्ष के जनों की मृत्यु और स्थान परिवर्तन होता है | पंचम स्थान में स्थित बुध की दशा में बुद्धि में क्रूरता, निम्न विचार की वृद्धि, धन संपत्ति की प्राप्ति में कठिनाई होती है | छठवें, आठवें अथवा बारहवें स्थान में यदि बुध बैठा हो तो उसकी महादशा में बात-पित्त, स्लेष्मा जनित नाना प्रकार के रोग से पीड़ा, खुजली और पांडु रोग तथा राजा, अग्नि एवं शत्रु से भय होता है | और शरीर दुबला पड़ जाता है |
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सप्तम स्थान में स्थित बुध की महादशा में विद्या, स्त्री पुत्र और उत्तम वस्त्र आदि का सुख, राजा से प्रेम तथा द्वितीय नाम अर्थात उपनाम की प्राप्ति होती है | नवम भाव में स्थित बुध होने से उसकी दशा में स्त्री पुत्र और धन की प्राप्ति तथा जप होम दान यज्ञ आदि क्रिया एवं तीर्थ आदि स्नान का सौभाग्य प्राप्त होता है | दशम स्थान में स्थित बुध की महादशा में सुख, राज दरबार में अधिकार, जातक के नाम से किसी गद्य पद्य में पुस्तक का प्रकाशन, उपनाम एवं स्त्री और पुत्र आदि से सुख प्राप्त होता है | राज्य की प्राप्ति, मनुष्यों पर अधिकार, स्वजनों और ब्राह्मण आदि का आदर करने वाला होता है |
ग्यारहवें भाव में स्थित बुध के होने से उस की महादशा में शुभ क्रिया द्वारा किसी को दान देने से और कृषि तथा वाणिज्य द्वारा धन की प्राप्ति होती है | बारहवें भाव में स्थित बुध की महादशा में राजा से भय, शरीर के किसी अंग का भंग होना, स्त्री और कुटुंब से मतभेद, प्रमाद तथा आकस्मिक घटना से मृत्यु का भय होता है |
राशि अनुसार बुध की महादशा का फल (Budh Mahadasha ka fal)
भिन्न भिन्न राशियों में स्थित बुध की महादशा का फल – मेष राशि में स्थित बुध की महादशा में जातक एक स्थान पर निवास नहीं करता, चोर, मिथ्यावादी और दरिद्र होता है | वृषभ राशि में स्थित बुध की दशा में धन आगमन से अधिक व्यय होता है, माता को कष्ट, स्त्री पुत्र और मित्र आदि की चिंता, चित्त की व्यग्रता तथा गले में रोग होता है | मिथुन राशि में स्थित बुध की महादशा में अनेक प्रकार की बातों में तर्क व्यक्त करने वाला, स्त्री पुत्र और सजातियों से सुखी परन्तु मात्र सुख विहीन होता है | कर्क राशि में स्थित बुध होने पर उसकी दशा में विदेश वासी, अल्प सुखी, मित्र विरोधी, कामकला से धन प्राप्त करने वाला और अनेक प्रकार का व्यवसाय करने वाला होता है |
सिंह राशि में स्थित बुध की दशा में स्थिर वैभव, धैर्य युक्त बुद्धि, नए मित्र बनते हैं किन्तु स्त्री और पुत्र के सुख से हीन होता है | कन्या राशि में स्थित बुध की महादशा में धन-धान्य का सुख, युद्ध में विजयी और बड़ा वैभव वाला होता है | लिखने और काव्य रचना में अनुरक्त, शत्रु विजय तथा नीतिबान होता है | यदि बुध मूल त्रिकोण का हो तो जातक विवेकी, चतुर और बुद्धिमान होता है | कीर्ति में विख्यात, प्रदेश यात्रा करने वाला और अपने बाहुबल से धन उपार्जन करने वाला होता है | यदि बुध मूल त्रकोण में न हो अर्थात 20 अंश से आगे बढ़ गया हो तो उसकी दशा में पशु सुख की हानि, बंधु जनों से झगड़े से हानि और शरीर में विकलता होती है |
तुला राशि में स्थित बुध की महादशा में व्याख्या करने की विधि, कारीगरी कार्य में निपुणता, व्यापार से धन लाभ, पशुओं को पीड़ा, और दृष्टि ज्योति कम होती है |
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वृश्चिक राशि में यदि बुध हो तो उसकी महादशा में अल्प सुखी, धन का अधिक व्यय करने वाला, सज्जनों से युक्त और धर्म कर्म तथा आचार्य आदि अनुराग वाला होता है | धनु राशि का बुध हो तो उसकी महादशा में बहु जनों का मालिक और जनता से मित्रता करने वाला होता है, तथा उसके प्रायः 2 नाम होते हैं | मकर राशि में स्थित बुध की महादशा में बहुत भोजन करने वाला, कपट पूर्ण व्यवहार करने वाला, निम्न वर्ग के मित्र, बुद्धिहीन और बहुरंगी होता है | कुंभ राशि में स्थित बुध की महादशा में जातक धनी किन्तु तेज हीन होता है, मित्र आदि से कष्ट पाता है तथा अनेक व्यसन से युक्त होकर परदेश वास करता है | मीन राशि में स्थित बुध की महादशा में जातक विवेक और सत्य से रहित, स्थानांतरण निवासी, शरीर से दुर्बल, व्यवसाय युक्त, परंतु अल्प लाभ उठाने वाला होता है |
बुध की महादशा के प्रथम खंड में धन और अन्य का लाभ, मध्य खंड में राज्य सम्मान तथा राजा से धन की प्राप्ति एवं अंतिम खंड में स्वजनों से मतभेद होता है |
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