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free janam kundali analysis part 3 (कुण्डली कैसे देखें भाग 3)

अपनी कुंडली देखने का सबसे आसान तरीका (free janam kundali analysis 3)

free janam kundali analysis 3-कुण्डली कैसे देखें के तीसरे भाग में आपका पुनः स्वागत है | पिछले दो भागों में ज्योतिष की प्रारम्भिक जानकारी प्राप्त की, हाँलाकि यह सम्पूर्ण जानकारी नहीं है, फिर भी शुरुआत के लिए काफी है |

तीसरे भाग में किस भाव से क्या विचार करना है, कौन सा ग्रह किस का कारक है, और ग्रहों की दृष्टि अर्थात ग्रह अपने स्थान से किस भाव को देखते हैं |  इनके साथ कुछ जरुरी विषयों पर चर्चा करेंगे |

किस भाव से क्या विचरना चाहिये –

निचे दी गयी कुण्डली में प्रथम भाव से लेकर बारहवें भाव तक किस भाव से क्या विचारना चाहिये, यह संक्षिप्त रूप में बताया गया है | इसके बाद फलित में सीखते हुए आगे चलेंगे |

ग्रह, भाव और उनके कारकत्व – (free janam kundali analysis 3)

सूर्य, चन्द्र आदि नव ग्रह किस भाव के और किस के कारक हैं नीचे दिया गए चार्ट से स्पष्ट हो जाएगा | हालाकि यहाँ भी ग्रहों का कारकत्व संक्षिप्त में बताया गया है | आगे फलादेश के साथ जहां जिसकी जरुरत होती जायेगी हम भी उसी तरह सीखते जायेंगे |

ग्रह भाव कारक
सूर्य प्रथम भाव स्वास्थ, शरीर
सूर्य/चन्द्र द्वतीय भाव आँखें
गुरु द्वतीय/एकादश भाव धन
बुध द्वतीय भाव वाणी
मंगल तृतीय भाव पराक्रम, छोटे भाई-बहिन
चन्द्र चतुर्थ भाव माता
मंगल चतुर्थ भाव भूमि-भवन
शुक्र चतुर्थ भाव वाहन
गुरु पंचम भाव शिक्षा, संतान
बुध पंचम भाव बुद्धि, गणित
शनि षष्ठ भाव रोग, शत्रु
शुक्र सप्तम भाव पति-पत्नि, विवाह
शनि अष्टम भाव आयु, गुप्त धन
गुरु नवम भाव धर्म, भाग्य
सूर्य दशम भाव पिता, मान सम्मान
गुरु एकादश भाव धन लाभ
राहु द्वादश भाव विदेश यात्रा

ग्रहों की दृष्टि –

नीचे दिए गए चक्र में ग्रह ग्रह अपने स्थान से किस-किस भाव पर अपनी दृष्टि डालते हैं, अर्थात देखते हैं | इस चार्ट से स्पष्ट हो जाएगा |

ग्रह दृष्टि अपने घर से
सूर्य 7 वीं
चन्द्र 7 वीं
मंगल 4, 7, 8 वीं
बुध 7 वीं
गुरु 5, 7, 9 वीं
शुक्र 7 वीं
शनि 3, 7, 10 वीं
राहु 5, 7, 9 वीं
केतु 5, 7, 9 वीं

कुण्डली कैसे देखें के चौथे भाग में जानेगे मेष लग्न का फल | जिन व्यक्तियों का जन्म मेष लग्न में हुआ है, उनका शारीरिक गठन, स्वभाव कैसा होगा और उन्हें स्वास्थ को लेकर किस प्रकार की सावधानी रखनी चाहिए |  

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