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mangal ke upay-मंगल के सरल उपाय

मंगल दोष के लिए सरल और शक्तिशाली उपाय: जानें क्या करें

mangal ke upay – ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिस प्रकार सूर्य को राजा कहा गया है उसी प्रकार मंगल को मंत्री की पदवी प्राप्त है | मंगल को भौम नाम से भी जाना जाता है | भूमि पुत्र होने के कारण इनका एक नाम भौम भी पड़ा है | मंगल को अंगारक भी कहा जाता है | मंगल का रंग जलते हुए अंगार के समान होने के कारण इसका एक नाम अंगारक भी है | मंगल मेष और वृश्चिक राशि का स्वामी है | यह मकर में उच्च तथा कर्क में नीच का माना जाता है | चन्द्र नक्षत्र में मृगशिरा, चित्रा और धनिष्टा नक्षत्र का स्वामी है |

मंगल दोष कब बनता है? – एक, चार, सात, आठ और बारहवें भाव में स्थित होने पर यह मंगल दोष उत्पन्न करता है |

mangal ke upay
mangal ke upay

मंगल आपके किसी भी भाव में स्थित हो चाहे वह शुभ फल देने वाला हो या अशुभ फल देने वाला हो यहाँ पर दिए गए उपाय सभी के लिए समान रूप से फल देने वाले हैं |

हनुमान चालीसा और ध्वज का अद्भुत प्रयोग

किसी भी शुक्लपक्ष के मंगलवार को सिंदूरी कलर का तिकोना झंडा लाकर उसका पूजन करें | तत्पश्चात ग्यारह पाठ हनुमान चालीसा के करें पाठ करते समय दीपक जलता रहना चाहिए | पाठ समाप्त करके झंडा को किसी पीपल के वृक्ष पर इस तरह बांधें कि हवा में झंडा लहराता रहे | यदि मंगल अशुभ फल देने वाला होगा तो शुभ फल प्राप्त होने लगेंगे | और यदि मंगल शुभ फल देने वाला होगा तो और मजबूत होगा | इस प्रयोग से किसी प्रकार की हानि नहीं होगी |

हनुमान जी के सिंदूर का शक्तिशाली तिलक

हनुमान जी के दायें पैर का सिंदूर लाकर प्रतिदिन बीच वाली (मध्यमा) अंगुली से माथे पर तिलिक लगायें | आप चाहें तो जिस सिंदूर से हनुमान जी को चोला चढ़ाते हैं उसी सिंदूर को चमेली के तेल में मिलाकर और उसमे हनुमान जी के दायें पैर का सिंदूर मिला दें | उसी का तिलक किया करें |

आक के पत्तों की माला का चमत्कारी उपाय

सोमवार को आक (मदार) के ग्यारह पत्ते लाकर रखलें | मंगलवार को प्रातः स्नानादि से निवृत्त होकर पाटों को अच्छी तरह से साफ कर लें | तत्पश्चात प्रत्येक पत्ते पर श्रीराम लिखें और उसकी माला बना लें | माला बनाकर दक्षिण मुखी हनुमान जी को पहनावें यदि किसी कारण दक्षिण मुखी मंदिर न प्राप्त हो तो भी चलेगा | इस प्रकार इक्कीस माला प्रति मंगलवार को चढ़ाने से मंगल से सिर्फ शुभ फल ही प्राप्त होंगें | 

 (mangal ke upay) पीपल और सिंदूर से श्रीराम नाम का उपाय

सोमवार और शुक्रवार को पीपल के तीन पत्ते लाकर मंगलवार और शनिवार को सिंदूर तथा चमेली के तेल की स्याही से आनर की कलम से तीनों पत्तों पर राम लिखकर हनुमानजी को चढ़ाएं | और संभव हो तो हनुमान चालीसा का पाठ करें |

चना और गुड़ का भोग: मंगल को करें प्रसन्न

सोमवार को चने कि दाल फूलने के लिए डाल दें | मंगलवार को फूली हुई चने की दाल तथा गुड़ हनुमान जी को अर्पित कर बालकों में बाँट दें | यह प्रयोग भी मंगल के दोष को शांत करता है और यदि मंगल शुभ है तो उसे और बलवान बनाता है |

मंगल कवच: रोगों और शत्रुओं से मुक्ति का मंत्र

किसी भी शुक्लपक्ष के मंगलवार से निम्न लिखित मंगल कवच का पाठ आरम्भ कर सकते हैं | इस कवच के पाठ से अनेक प्रकार के रोगों से छुटकारा मिलता है | मंगल के किसी प्रकार के दुष्प्रभाव जातक पर नहीं पड़ते | विशेषकर जब किसी जातक की मंगल की महादशा चल रही हो तब इसे अवश्य करना चाहिए |   

श्रीगणेशाय नमः ।

विनियोग

अस्य श्री अङ्गारककवचस्तोत्रमन्त्रस्य कश्यप ऋषिः,

अनुष्टुप् छन्दः, अङ्गारको देवता, भौमप्रीत्यर्थं जपे विनियोगः ।

कवचम (mangal ke upay)

रक्ताम्बरो रक्तवपुः किरीटी चतुर्भुजो मेषगमो गदाभृत् ।

धरासुतः शक्तिधरश्च शूली सदा मम स्याद्वरदः प्रशान्तः ॥ १॥

अङ्गारकः शिरो रक्षेन्मुखं वै धरणीसुतः ।

श्रवौ रक्ताम्बरः पातु नेत्रे मे रक्तलोचनः ॥ २॥

नासां शक्तिधरः पातु मुखं मे रक्तलोचनः ।

भुजौ मे रक्तमाली च हस्तौ शक्तिधरस्तथा ॥ ३॥

वक्षः पातु वराङ्गश्च हृदयं पातु रोहितः ।

कटिं मे ग्रहराजश्च मुखं चैव धरासुतः ॥ ४॥

जानुजङ्घे कुजः पातु पादौ भक्तप्रियः सदा ।

सर्वाण्यन्यानि चाङ्गानि रक्षेन्मे मेषवाहनः ॥ ५॥

य इदं कवचं दिव्यं सर्वशत्रुनिवारणम् ।

भूतप्रेतपिशाचानां नाशनं सर्वसिद्धिदम् ॥ ६॥

सर्वरोगहरं चैव सर्वसम्पत्प्रदं शुभम् ।

भुक्तिमुक्तिप्रदं नॄणां सर्वसौभाग्यवर्धनम् ।

रोगबन्धविमोक्षं च सत्यमेतन्न संशयः ॥ ७॥

मंगल के अनेक उपाय शास्त्रों में वर्णित हैं | यहाँ पर सिर्फ वही उपाय दिए गए हैं जो मंगल के शुभ या अशुभ होने पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता | क्योंकि ख़राब मंगल के अलग उपाय होते हैं | कुछ उपाय ऐसे भी होते हैं जो बिना जातक की कुंडली देखे नहीं कराये जा सकते | उपरोक्त सभी उपाय बहुत ही सरल हैं तथा शीघ्र ही फल देने वाले हैं |     

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

1. मंगल ग्रह को ज्योतिष में क्या माना जाता है?

  • ज्योतिष में, मंगल को एक मंत्री और सेनापति के रूप में जाना जाता है। इसे साहस, ऊर्जा और पराक्रम का कारक माना जाता है। इसे भूमि पुत्र होने के कारण भौम भी कहा जाता है।

2. क्या मंगल दोष हमेशा अशुभ होता है?

  • नहीं, मंगल दोष हमेशा अशुभ नहीं होता। इसका प्रभाव कुंडली में मंगल की स्थिति और राशि के अनुसार अलग-अलग हो सकता है। यदि मंगल शुभ स्थिति में हो तो यह व्यक्ति को मजबूत और निडर बनाता है, जबकि अशुभ स्थिति में होने पर कुछ परेशानियाँ दे सकता है।

3. क्या mangal ke upay सिर्फ मंगल दोष वालों के लिए हैं?

  • नहीं, इस ब्लॉग में दिए गए mangal ke upay सभी के लिए समान रूप से लाभकारी हैं। ये उपाय न सिर्फ मंगल दोष के प्रभावों को कम करते हैं, बल्कि यदि आपकी कुंडली में मंगल शुभ है, तो उसकी शक्ति को और भी बढ़ाते हैं।

4. हनुमान जी की पूजा मंगल के लिए क्यों की जाती है?

  • हनुमान जी को मंगल ग्रह का देवता माना जाता है। हनुमान जी की पूजा करने से मंगल ग्रह के दुष्प्रभाव कम होते हैं और व्यक्ति को बल, बुद्धि और साहस की प्राप्ति होती है।
5. क्या उपाय 1 में झंडा हमेशा लगा रहने देना चाहिए?
  • हाँ, उपाय 1 में बताया गया झंडा पीपल के पेड़ पर लगा रहने देना चाहिए। यह जितना ज्यादा हवा में लहराएगा, उतना ही शुभ फल देगा। जब झंडा बहुत पुराना हो जाए या फट जाए, तो आप नया झंडा लगा सकते हैं।

6. क्या मंगल कवच का पाठ कोई भी कर सकता है?

  • हाँ, कोई भी व्यक्ति मंगल कवच का पाठ कर सकता है। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है जिनकी मंगल की महादशा चल रही हो, या जो बार-बार बीमारी, शत्रु या कर्ज की समस्या से परेशान हों।

7. इन उपायों को शुरू करने का सबसे अच्छा दिन कौन सा है?

  • आप इन उपायों को किसी भी मंगलवार से शुरू कर सकते हैं, खासकर शुक्ल पक्ष के मंगलवार से।

8. क्या इन उपायों से कोई नुकसान हो सकता है?

  • नहीं, इस ब्लॉग में बताए गए सभी उपाय सरल और सुरक्षित हैं। इनका कोई दुष्प्रभाव नहीं होता। ये सिर्फ मंगल ग्रह के शुभ प्रभाव को बढ़ाते हैं और अशुभ प्रभाव को शांत करते हैं।

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