Pandit Ji

mithun lagna

मिथुन लग्न (mithun lagna)

free janam kundali analysis 6कुण्डली कैसे देखें भाग 6

 

कुण्डली कैसे देखें के छटवें भाग में आपका पुनः स्वागत है | पिछले भाग में वृषभ लग्न के जातक के बारे में जाना | छटवें भाग में जानेगे ( mithun lagna ) मिथुन लग्न का फल | जिन व्यक्तियों का जन्म मिथुन लग्न में हुआ है, उनका शारीरिक गठन, स्वभाव कैसा होगा, और उन्हें स्वास्थ को लेकर किस प्रकार की सावधानी रखनी चाहिए |  

mithun lagna मिथुन लग्न के जातकों का शारीरिक गठन –

यदि आपका जन्म (mithun lagna) मिथुन लग्न मैं हुआ है तो आपके हाँथ पैर लम्बे और दुबले नेत्र सुन्दर और नाक खड़ी होगी | आपके चहरे से तीक्ष्णता और प्रसन्नता स्पष्ट झलकती दिखाई देगी |

\"mithun-lagna-1\"

 

मिथुन लग्न के जातकों का स्वभाव –

 

कुशाग्र बुद्धि, उत्तम वक्ता, अत्यंत उद्द्यमी, वार्तालाप मैं कुशल, बात की छानवीन करने वाले, सुगमता से समझने वाले, बातों का तत्व जानने वाले, कला कौशल के प्रेमी, इन्द्रियों के वशीभूत रहने वाले, बहस करने में प्रभावोत्पादक और तर्क पूर्ण होंगें |

आप सदा परिवर्तनशील अर्थात किसी कार्य में विशेष समय तक दृढ चिर स्थिर नहीं रहने वाले होंगें | आप किसी विषय का वर्णन विशद रूप से और प्रभावपूर्ण कर सकते हैं | कठिन विषयों की ब्याख्या सुगमता पूर्वक और स्पष्ट रूप से कर सकते हैं |

ऐसे जातकों मैं किसी विषय को सांगोपांग सोचने की दूरदर्शिता होगी | आपके लेख तथा वाद विवाद प्रभावशाली तथा योग्यतापूर्ण होंगें |आप बुद्धिमान, तीक्ष्ण बुद्धि, दक्ष विवेचक, चतुर कार्य कुशल परन्तु क्रोधी और अपने चरित्र तथा मेधाबळ से प्रभाव तथा उन्नति करने वाले होंगें | 

कला तथा विज्ञान के प्रति आपकी विशेष रूचि रहेगी | असंयमी तथा अधीर होने के कारण अस्वस्थ रहेंगें | आपके सम्बन्धी आपकी सहायता करने वाले होंगें |

mithun lagna में कन्या जन्म के कुछ विशेष फल – 

 

कठोर बात करने वाली, स्वभाव की कड़ी, अतिब्ययी अर्थात खर्चीले स्वभाव वाली और वायु तथा कफ प्रकृति की होंगीं | 

सावधानी  –

 

आपको फेफड़े और तंतु जनित ( Nervons System ) रोग प्रायः होने का भय रहता है | इस कारण स्वच्छ वायु का सेवन करें, तथा उत्तेजना देने वाली क्रियाओं से बचे रहना अति आवश्यक है |

 

नोट – ध्यान रखें यह स्थूल फलादेश है | जब तक किसी व्यक्ति की कुण्डली का सम्पूर्ण निरिक्षण नहीं किया जाता, तब तक सही फलादेश नहीं किया जा सकता | सटीक फलादेश जानने के लिए व्यक्ति की जन्म तारीख, जन्म समय और जन्म स्थान सही होना आवश्यक है |

इन्हें भी देखें :-

जानिए आपको कौनसा यंत्र धारण करना चाहिए ?

जानें कैसे कराएँ ऑनलाइन पूजा ?

श्री मद्भागवत महापूर्ण मूल पाठ से लाभ

गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) जाने इस दिन का महत्त्व

रोग के अनुसार धारण करें रुद्राक्ष

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top