वर्ष 2023 में पड़ने वाले पंचक date और टाइम
Panchak 2023 – हमारा भारत देश धर्म प्रधान देश है | हमारे देश में हर कार्य धर्म- अधर्म का विचार करते हुए किया जाता है | श्री रामायण, श्रीमद्भागवत और गीता जैसे धर्म ग्रंथों का पठन-पाठन और श्रवण करने वाले भला बिना शुभ मुहूर्त के कोई कार्य आरम्भ कैसे कर सकते हैं | क्योंकि हमारे धर्म ग्रंथों में मुहूर्त का बड़ा ही महत्व बताया गया है | इसलिए वैदिक ज्योतिष में सर्व प्रथम मुहूर्त की गणना दी गयी है | किसी भी कार्य को उचित मुहूर्त में आरम्भ करना चाहिए | शुभ मुहूर्त में किये गए कार्य निर्विघ्न रूप से सम्पन्न होते हैं वहीँ बिना मुहूर्त में किये गए कार्य या तो सफल नहीं होते हैं या उनमे अनेक बाधाएं उत्पन्न होतीं है | इन्हीं मुहूर्त में पंचक भी आती है |
पंचक क्या है ? (Panchak 2023)
चन्द्रमा के भ्रमण से बनने वाले एक योग को पंचक कहते हैं | हमारे मनीषियों ने पुरे आकाश मंडल को 9 ग्रह 12 राशियाँ एवं 27 नक्षत्रों में बांटा है | और प्रत्येक ग्रह, राशि एवं नक्षत्र को चलायमान बताया है | इसी कारण जब चन्द्रमा कुछ विशेष नक्षत्रो पर भ्रमण करता है तब-तब एक मुहूर्त का निर्माण होता है | जब चंद्रमा इन पांच नक्षत्रों के ऊपर से गोचर वश आता है तब पंचक नामक मुहूर्त बनता है जिसे हम लोग अशुभ मुहूर्त मानते हैं |
पंचक नक्षत्र
जब चन्द्रमा गोचर वश धनिष्ट नक्षत्र के तृतीय चरण में प्रवेश होते हैं और पंचक प्रारंभ होती है | उसके बाद शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती नक्षत्र ये पांच नक्षत्र पंचक नक्षत्र कहलाते हैं | इनके ऊपर चन्द्रमा का भ्रमण काल लगभग पांच दिवस का होता है | और यह मुहूर्त लगभग प्रत्येक सत्ताईस दिन में एक बार पुनः आता है | क्योंकि चन्द्रमा का एक नक्षत्र पर भ्रमण काल लगभग एक दिवस का होता है |
पंचक के अनुसार कार्य
हमारे शास्त्रों के अनुसार सभी कार्य मुहूर्त देखकर किये जाते हैं | ऐसी मान्यता है कि शुभ मुहूर्त में किये गए कार्यों में आसानी से सफलता मिलती है वहीँ बिना मुहूर्त के कार्यों में असफलता की संभावना ज्यादा रहती है | इसी संदेह के कारण मुहूर्तो के अनुसार कार्य किये जाते हैं | पंचक एक पांच नक्षत्रों के योग से बनती है | और इस कार्य में विशेषकर मृत्यु को एवं मृत्यु के समय उपयुक्त होने वाली सामग्री की खरीदी का विशेष ध्यान रखा जाता है | पंचक में झाड़ू, वांस से बनी हुए बस्तुएं, मिट्टी के बर्तन, कपड़ा, आदि जो भी सामग्री मृत्यु के समय उपयोग में लायी जाती है उस सामग्री को पंचक में नहीं खरीदना चाहिए |
पंचक कितने प्रकार के होते हैं ? (Panchak 2023)
पंचक पांच प्रकार की होती है | पंचक के नाम दिन विशेष से शुरू होने के कारण बनते हैं | अर्थात किसी ख़ास दिन से शुरू होने वाली पंचक एक अलग नाम से जानी जाती है | तथा हर पंचक का अपना अलग प्रभाव होता है | नीचे दिन के हिसाब से पंचक के नाम तथा उस अवधि में क्या करना चाहिए और क्या नहीं –
रोग पंचक (Panchak 2023 list)
रविवार से प्रारंभ होने पंचक को रोग पंचक कहते हैं | इस पंचक में शुभ कार्य नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह पंचक प्रत्येक शुभ कार्य में अशुभ मानि जाती है | इस पंचक के पुरे पांच दिन कष्ट और मानसिक परेशानियां देने वाले होते हैं |
राज पंचक
सोमवार से जो पंचक आरंभ होती है उसे राज पंचक कहते हैं | विशेषतः यह पंचक शुभ माने जाते हैं | यह राज पंचक सरकारी कार्यों में लाभ दिलाने वाले होते हैं | इन पंचक युक्त पांच दिनों में संपत्ति से जुड़े कार्य काफी सफलता देने वाले होते हैं |
अग्नि पंचक
जो पंचक मंगलवार से आरम्भ होते हैं वे अग्नि पंचक कहलाते हैं | यह पंचक अशुभ माने जाते हैं | इस पंचक में कोर्ट-कचहरी के फैसलों के लिए तो उत्तम माने जाते हैं किन्तु किसी प्रकार का निर्माण कार्य आरंभ नहीं करना चाहिए |
चोर पंचक
यह पंचक शुक्रवार से आरम्भ होती है | इस पंचक के पांच दिनों की अवधि में यात्रा नहीं करनी चाहिए | विशेष रूप से किसी प्रकार व्यापर, लेन-देन तथा किसी प्रकार सौदा नहीं करना चाहिए | इन पंचकों में किये गए कार्यों में धन की हानि की सम्भावन अधिक रहती है |
मृत्यु पंचक
शनिवार से आरम्भ होने वाली पंचक को मृत्यु पंचक कहते हैं | यह पंचक पूरी तरह से अशुभ मानी जाती है | इन पंचकों के पांच दिवस में किसी प्रकार के रिस्की कार्य नहीं करने चाहिए | इस पंचक में दुर्घटना होने की संभावना ज्यादा रहती है और मृत्यु तुल्य कष्ट होते हैं | इस पंचक में विवाद से भी बचाना चाहिए |
बुधवार और गुरुवार को शुरू होने वाले पंचक में किसी को वचन नहीं देना चाहिए और न ही वचन लेना चाहिए | एसी मान्यता है कि इन पंचकों के दौरान दिए गए वचन पुरे नहीं होते | वाकी कर्यो के लिए इन पंचकों में शुभ कार्य किये जा सकते हैं |
विशेष –
पंचकों में क्या न करें (Panchak 2023)
हमारे धर्म शास्त्रों के अनुसार पंचकों में दक्षिण दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिए | पंचक में घर की छत नहीं डालनी चाहिए | इस अवधि में लकड़ी, कंडा, चारपाई बनवाना, बिस्तर आदि नहीं खरीदना चाहिए |
पंचक में क्या कर सकते हैं
सभी पंचक अशुभ ही नहीं होते कुछ पंचक ऐसे भी होते हैं जिनमे शुभ कार्य किये जाते हैं | पंचक के दौरान कुछ नक्षत्र ऐसे होते हैं जो शुभ योगों का निर्माण करते हैं | जिनमे शुभ कार्य किये जा सकते हैं | जैसे शतभिषा, धनिष्टा, पूर्वा भाद्रपद और रेवती नक्षत्र यात्रा करने, मुंडन कार्य, तथा व्यापार आदि के लिए शुभ माने जाते हैं |
panchak january 2023
पंचक आरम्भ 23 जनवरी 2023 सोमवार को 01:49 पी एम से पंचक समाप्त 27 जनवरी 2023 शुक्रवार को 06:35 पी एम तक |
पंचक फरवरी 2023
पंचक आरम्भ 20 फरवरी 2023 सोमवार को 01:12 ए एम से पंचक समाप्त 24 फरवरी 2023 शुक्रवार को 03:42 ए एम तक |
पंचक मार्च 2023
पंचक आरम्भ 19 मार्च 2023 रविवार को 11:15 ए एम से पंचक समाप्त 23 मार्च 2023 गुरुवार को 02:06 पी एम तक |
पंचक अप्रैल 2023
पंचक आरम्भ 15 अप्रैल 2023 शनिवार को 06:42 पी एम से पंचक समाप्त 19 अप्रैल 2023 बुधवार को 11:51 पी एम तक |
पंचक मई 2023
पंचक आरम्भ 13 मई 2023 शनिवार को 12:16 ए एम से पंचक समाप्त 17 मई 2023 बुधवार को 07:37 ए एम तक |
पंचक जून 2023
पंचक आरम्भ 09 जून 2023 शुक्रवार को 06:00 ए एम से पंचक समाप्त 13 जून 2023 मंगलवार को 01:30 पी एम तक |
पंचक जुलाई 2023
पंचक आरम्भ 06 जुलाई 2023 गुरुवार को 01:36 पी एम से पंचक समाप्त 10 जुलाई 2023 सोमवार को 06:57 पी एम तक |
पंचक अगस्त 2023
पंचक आरम्भ 02 अगस्त 2023 बुधवार को 11:24 पी एम से पंचक समाप्त 07 अगस्त 2023 सोमवार को 01:41 ए एम तक |
अगस्त 2023
पंचक आरम्भ 30 अगस्त 2023 बुधवार को 10:17 ए एम से पंचक समाप्त 03 सितम्बर 2023 रविवार को 10:36 ए एम तक |
पंचक सितम्बर 2023
पंचक आरम्भ 26 सितम्बर 2023 मंगलवार को 08:26 पी एम से पंचक समाप्त 30 सितम्बर 2023, शनिवार को 09:06 पी एम तक |
पंचक अक्टूबर 2023
पंचक आरम्भ 24 अक्टूबर 2023 मंगलवार को 04:21 ए एम से पंचक समाप्त 28 अक्टूबर 2023 शनिवार को 07:29 ए एम तक |
पंचक नवम्बर 2023
पंचक आरम्भ 20 नवम्बर 2023 सोमवार को 10:05 ए एम से पंचक समाप्त 24 नवम्बर 2023 शुक्रवार को 04:00 पी एम तक |
पंचक दिसम्बर 2023
पंचक आरम्भ 17 दिसम्बर 2023 रविवार को 03:43 पी एम से पंचक समाप्त 21 दिसम्बर 2023 गुरुवार को 10:07 पी एम तक |
इन्हें भी देखें –
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