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Panchak Muhurat 2025 

पंचक मुहूर्त 2025: क्यों है पंचक इतना महत्वपूर्ण?

Panchak Muhurat 2025 – हमारा भारत देश धर्म प्रधान देश है | हमारे देश में हर कार्य धर्म- अधर्म का विचार करते हुए किया जाता है | श्री रामायण, श्रीमद्भागवत और गीता जैसे धर्म ग्रंथों का पठन-पाठन और श्रवण करने वाले भला बिना शुभ मुहूर्त के कोई कार्य आरम्भ कैसे कर सकते हैं | क्योंकि हमारे धर्म ग्रंथों में मुहूर्त का बड़ा ही महत्व बताया गया है | इसलिए वैदिक ज्योतिष में सर्व प्रथम मुहूर्त की गणना दी गयी है | किसी भी कार्य को उचित मुहूर्त में आरम्भ करना चाहिए | शुभ मुहूर्त में किये गए कार्य निर्विघ्न रूप से सम्पन्न होते हैं वहीँ बिना मुहूर्त में किये गए कार्य या तो सफल नहीं होते हैं या उनमे अनेक बाधाएं उत्पन्न होतीं है | इन्हीं मुहूर्त में Panchak Muhurat 2025 भी आती है |

Panchak Muhurat 2025
Panchak Muhurat 2025

पंचक क्या है ? (Panchak Muhurat 2025)

चन्द्रमा के भ्रमण से बनने वाले एक योग को पंचक कहते हैं | हमारे मनीषियों ने पुरे आकाश मंडल को 9 ग्रह 12 राशियाँ एवं 27 नक्षत्रों में बांटा है | और प्रत्येक ग्रह, राशि एवं नक्षत्र को चलायमान बताया है | इसी कारण जब चन्द्रमा कुछ विशेष नक्षत्रो पर भ्रमण करता है तब-तब एक मुहूर्त का निर्माण होता है | जब चंद्रमा इन पांच नक्षत्रों के ऊपर से गोचर वश आता है तब पंचक नामक मुहूर्त बनता है जिसे हम लोग अशुभ मुहूर्त मानते हैं |

पंचक नक्षत्र

जब चन्द्रमा गोचर वश धनिष्ट नक्षत्र के तृतीय चरण में प्रवेश होते हैं और पंचक प्रारंभ होती है | उसके बाद शतभिषा,  पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती नक्षत्र ये पांच नक्षत्र पंचक नक्षत्र कहलाते हैं | इनके ऊपर चन्द्रमा का भ्रमण काल लगभग पांच दिवस का होता है | और यह मुहूर्त लगभग प्रत्येक सत्ताईस दिन में एक बार पुनः आता है | क्योंकि चन्द्रमा का एक नक्षत्र पर भ्रमण काल लगभग  एक दिवस का होता है |

पंचक के अनुसार कार्य

हमारे शास्त्रों के अनुसार सभी कार्य मुहूर्त देखकर किये जाते हैं | ऐसी मान्यता है कि शुभ मुहूर्त में किये गए कार्यों में आसानी से सफलता मिलती है वहीँ बिना मुहूर्त के कार्यों में असफलता की संभावना ज्यादा रहती है | इसी संदेह के कारण मुहूर्तो के अनुसार कार्य किये जाते हैं | पंचक एक पांच नक्षत्रों के योग से बनती है | और इस कार्य में विशेषकर मृत्यु को एवं मृत्यु के समय उपयुक्त होने वाली सामग्री की खरीदी का विशेष ध्यान रखा जाता है | पंचक में झाड़ू, वांस से बनी हुए बस्तुएं, मिट्टी के बर्तन, कपड़ा, आदि जो भी सामग्री मृत्यु के समय उपयोग में लायी जाती है उस सामग्री को पंचक में नहीं खरीदना चाहिए |

पंचक कितने प्रकार के होते हैं ? (Panchak Muhurat 2025)

पंचक पांच प्रकार की होती है | पंचक के नाम दिन विशेष से शुरू होने के कारण बनते हैं | अर्थात किसी ख़ास दिन से शुरू होने वाली पंचक एक अलग नाम से जानी जाती है | तथा हर पंचक का अपना अलग प्रभाव होता है | नीचे दिन के हिसाब से पंचक के नाम तथा उस अवधि में क्या करना चाहिए और क्या नहीं –

रोग पंचक

रविवार से प्रारंभ होने पंचक को रोग पंचक कहते हैं | इस पंचक में शुभ कार्य नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह पंचक प्रत्येक शुभ कार्य में अशुभ मानि जाती है | इस पंचक के पुरे पांच दिन कष्ट और मानसिक परेशानियां देने वाले होते हैं |

राज पंचक

सोमवार से जो पंचक आरंभ होती है उसे राज पंचक कहते हैं | विशेषतः यह पंचक शुभ माने जाते हैं | यह राज पंचक सरकारी कार्यों में लाभ दिलाने वाले होते हैं | इन पंचक युक्त पांच दिनों में संपत्ति से जुड़े कार्य काफी सफलता देने वाले होते हैं |

अग्नि पंचक

जो पंचक मंगलवार से आरम्भ होते हैं वे अग्नि पंचक कहलाते हैं | यह पंचक अशुभ माने जाते हैं | इस पंचक में कोर्ट-कचहरी के फैसलों के लिए तो उत्तम माने जाते हैं किन्तु किसी प्रकार का निर्माण कार्य आरंभ नहीं करना चाहिए |

चोर पंचक 

यह पंचक शुक्रवार से आरम्भ होती है | इस पंचक के पांच दिनों की अवधि में यात्रा नहीं करनी चाहिए | विशेष रूप से किसी प्रकार व्यापर, लेन-देन तथा किसी प्रकार सौदा नहीं करना चाहिए | इन पंचकों में किये गए कार्यों में धन की हानि की सम्भावन अधिक रहती है |

मृत्यु पंचक

शनिवार से आरम्भ होने वाली पंचक को मृत्यु पंचक कहते हैं | यह पंचक पूरी तरह से अशुभ मानी जाती है | इन पंचकों के पांच दिवस में किसी प्रकार के रिस्की कार्य नहीं करने चाहिए | इस पंचक में दुर्घटना होने की संभावना ज्यादा रहती है और मृत्यु तुल्य कष्ट होते हैं | इस पंचक में विवाद से भी बचाना चाहिए |

बुधवार और गुरुवार को शुरू होने वाले पंचक में किसी को वचन नहीं देना चाहिए और न ही वचन लेना चाहिए | एसी मान्यता है कि इन पंचकों के दौरान दिए गए वचन पुरे नहीं होते | वाकी कर्यो के लिए इन पंचकों में शुभ कार्य किये जा सकते हैं |

विशेष –

पंचकों में क्या न करें (Panchak Muhurat 2025)

हमारे धर्म शास्त्रों के अनुसार पंचकों में दक्षिण दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिए | पंचक में घर की छत नहीं डालनी चाहिए | इस अवधि में लकड़ी, कंडा, चारपाई बनवाना, बिस्तर आदि नहीं खरीदना चाहिए |

पंचक में क्या कर सकते हैं

सभी पंचक अशुभ ही नहीं होते कुछ पंचक ऐसे भी होते हैं जिनमे शुभ कार्य किये जाते हैं | पंचक के दौरान कुछ नक्षत्र ऐसे होते हैं जो शुभ योगों का निर्माण करते हैं | जिनमे शुभ कार्य किये जा सकते हैं | जैसे शतभिषा, धनिष्टा, पूर्वा भाद्रपद और रेवती नक्षत्र यात्रा करने, मुंडन कार्य, तथा व्यापार आदि के लिए शुभ माने जाते हैं |

Panchak Muhurat January 2025

पंचक आरम्भ 03 जनवरी 2025, शुक्रवार को 10:45 ए एम बजे से पंचक अंत

07 जनवरी 2025, मंगलवार को 05:50 पी एम बजे तक |

पंचक आरम्भ 30 जनवरी 2025 गुरुवार को 06:33 पी एम बजे से पंचक अंत

03 फरवरी 2025, सोमवार को 11:16 पी एम बजे तक |

Panchak Muhurat February 2025

पंचक आरम्भ 27 फरवरी 2025 गुरुवार को 04:35 ए एम बजे से पंचक अंत

03 मार्च 2025, सोमवार को 06:37 ए एम बजे तक |

Panchak Muhurat March 2025

पंचक आरम्भ 26 मार्च 2025, बुधवार को 03:12 पी एम बजे से पंचक अंत

30 मार्च 2025, रविवार को 04:33 पी एम बजे तक |

Panchak Muhurat April 2025

पंचक आरम्भ 23 अप्रैल 2025, बुधवार को 12:30 ए एम बजे से पंचक अंत

27 अप्रैल 2025, रविवार को 03:38 ए एम बजे तक |

Panchak Muhurat May 2025

पंचक आरम्भ 20 मई 2025, मंगलवार को 07:33 ए एम बजे से पंचक अंत

24 मई 2025, शनिवार को 01:47 पी एम बजे तक |

Panchak Muhurat June 2025

पंचक आरम्भ 16 जून 2025, सोमवार को 01:10 पी एम बजे से पंचक अंत

20 जून 2025, शुक्रवार को 09:43 पी एम बजे तक |

Panchak Muhurat July 2025

पंचक आरम्भ 13 जुलाई 2025, रविवार को 06:51 पी एम बजे से पंचक अंत

18 जुलाई 2025, शुक्रवार को 03:38 ए एम बजे तक |

Panchak Muhurat August 2025

पंचक आरम्भ 10 अगस्त 2025, रविवार को 02:10 ए एम बजे से पंचक अंत

14 अगस्त 2025 गुरुवार को 09:05 ए एम बजे तक |

Panchak Muhurat September 2025

पंचक आरम्भ 06 सितम्बर 2025, शनिवार को 11:20 ए एम बजे से पंचक अंत

10 सितम्बर 2025, बुधवार को 04:01 पी एम बजे तक |

Panchak Muhurat October 2025

पंचक आरम्भ 03 अक्टूबर 2025, शुक्रवार को 09:25 पी एम बजे से पंचक अंत

08 अक्टूबर 2025, बुधवार को 01:26 ए एम बजे तक |

पंचक आरम्भ 31 अक्टूबर 2025, शुक्रवार को 06:46 ए एम बजे से पंचक अंत

04 नवम्बर 2025, मंगलवार को 12:32 पी एम बजे तक |

Panchak Muhurat November 2025

पंचक आरम्भ 27 नवम्बर 2025 गुरुवार को 02:05 पी एम बजे से पंचक अंत

01 दिसम्बर 2025, सोमवार को 11:16 पी एम बजे तक |

Panchak Muhurat December 2025

पंचक आरम्भ 24 दिसम्बर 2025, बुधवार को 07:45 पी एम बजे से पंचक अंत

29 दिसम्बर 2025, सोमवार को 07:40 ए एम बजे तक |

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