Pandit Ji

Ruchaka yoga रुचक योग का सत्य

रुचक योग की सही जानकारी

(Ruchaka yoga) ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुण्डली के बारह भावों में स्थित ग्रह कोई न कोई योग का निर्माण करते हैं | जिनमे से कुछ योग विशेष लाभप्रद एवं कुछ योग विशेष हानिकारक होते हैं | और कुछ योग सामान्य होते हैं, जिनका विशेष महत्त्व न होने के कारण योगों की श्रेणी में नहीं रखा गया | कुण्डली में निर्मित विशेष योगों के बारे में इस योगाध्याय में बताएँगे |

इस लेख में जानेगें पञ्च महापुरुष योग के रुचक योग के बारे में, रुचक योग का निर्माण कैसे होता है | और इसके क्या फल जातक को प्राप्त होते हैं |  

रुचक योग – यदि मंगल मेष, वृश्चिक या मकर राशि का होकर जन्म कुंडली में केंद्र में बैठे तो रूचक योग होता है | यह रुचक योग की सामान्य परिभाषा है | जो आपको अधिकतर कुंडलियों में देखने मिल जाएगा | जबकि रुचक योग पञ्च महापुरुष योग में से एक योग है शेष चार योग भद्र योग, हंस योग, मालव्य योग और शश योग मिलकर पञ्च महापुरुष योग होते हैं | और यदि किसी जातक की कुण्डली में इन पांच योगों में से कोई भी एक योग का निर्माण होता है, तो वह जातक सर्वसुख संपन्न होता है |

(Ruchaka yoga) योग के बारे में ऊपर बताया गया है कि मेष, वृच्शिक, या मकर राशि का होकर किसी केंद्र में बैठे तो रुचक योग बनाता है | किन्तु यदि मंगल एक, चार, या सात में बैठे तो मंगल दोष भी होता है | और कुण्डली में (1, 4, 7, 10) ये चार केंद्र होते हैं | जिनमे तीन केन्द्रों (1,4,7) में मंगल दोष माना जाता है |

रुचक योग में जन्म लेने वाले जातकों का स्वभाव

इस योग में जन्म लेने वाले जातक के बारे में ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि जो व्यक्ति रूचक योग में पैदा होता है, उसका चेहरा बहुत ही प्रभावशाली होता है | वह साहस से धन प्राप्त करने वाला, शूर और बली होता है | शत्रुओं को परास्त करने वाला, सेनापति (सेनापति से उच्च पदाधिकारी समझना चाहिए) अपने गुणों के कारण प्रसिद्ध, कीर्तिमान और प्रत्येक कार्य में विजय प्राप्त करने वाला होता है | मंगल का शासन बहुत ही कठोर होता है | और मंगल उग्र स्वभाव का भी होता है |

मिथुन, कन्या, धनु और मीन लग्न को छोड़कर वाकी मेष, वृष, कर्क, सिंह, तुला, वृश्चिक, मकर, और कुंभ लग्न में जन्म लेने वाले जातको की कुण्डली में रुचक योग बनता है | यदि बारीकी से विचार किया जाय तो एक लग्न लगभग दो घन्टे की होती है, अर्थात 24 घन्टे में 12 लग्न हुई जिसमे 8 लग्नों में अर्थात 24 घन्टे में से 16 घन्टे में जन्म लेने वाले जातको की कुण्डली में रुचक योग बनता है | जिनका फल उपरोक्त बताया गया है |

फल का विचार कैसे करें

जबकि अध्यन में पाया गया है की प्रत्येक रुचक योग अपना पूर्ण फल नहीं दे सकता | उदहारण के लिए मेष लग्न की कुण्डली में बनने वाले रुचक योग का विचार करें तो मंगल मकर या मेष राशि में स्थित होने पर रुचक योग बनता है | यदि मंगल मेष राशि में प्रथम भाव में स्थित हुआ तो मंगल की तीन (4,7,8) पूर्ण दृष्टि  मानी गयीं हैं | यह मेष का मंगल चतुर्थ भाव को चोथी पूर्ण दृष्टि से देख रहा है, चतुर्थ भाव में कर्क राशि विद्धमान है जो मंगल की नीच राशि है |

चतुर्थ भाव से भवन, खेती, उत्पाद, पानी, कंस्ट्रक्शन, सीमेंट, रेती, स्कुल, कौलेज, क्लासेस, शिक्षा संस्था, शिक्षा मंडल, परीक्षा, वाहन, दूध, शरबत, आदि का विचार किया जाता है | मंगल की नीच राशि विद्धमान होने के कारण उपरोक्त वस्तुओं के सुख में न्यूनता आना निश्चित है | इसी प्रकार मकर राशि में स्थित मंगल के सप्तम भाव में कर्क राशि आती है | सप्तम भाव से विचारनीय विषय में भी न्यूनता आएगी |

(Ruchaka yoga) ध्यान में रखने योग्य विषय

रुचक योग का विचार करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि मंगल के ऊपर किस ग्रह की दृष्टि है | मंगल की दूसरी राशि में कौनसा ग्रह विद्धमान है | मंगल की नवांश, सप्तमांश, दशमांश, द्वादशांश, और त्रशांश कुण्डली में क्या स्थिति है |

मंगल मकर के 266 अंश 40 कला से 280 अंश तक सूर्य के नक्षत्र में रहता है | कुण्डली में सूर्य की स्थिति पर भी विचार करना चाहिए | 280 अंश से 293 अंश 20 कला तक चन्द्र के नक्षत्र में रहेगा | तथा 293 अंश 20 कला से 296 अंश 40 कला तक स्वयं के नक्षत्र में रहता है | जन्म पत्रिका में नक्षत्रेश की क्या स्थिति है उस पर विचार कर रुचक योग का फल जानना चाहिए |   

नोट – (Ruchaka yoga) कुण्डली में उपरोक्त नियमो पर विचार करने पर मंगल यदि बलवान होकर बैठा है तो निश्चित ही रुचक योग के अनुसार ही फल प्राप्त होगा | मंगल के बलाबल के अनुसार फल में न्यूनाधिकता होगी |

मित्रो ज्योतिष से सम्बंधित आपके मन में कोई प्रश्न है तो आप कमेन्ट बाक्स में लिखें, हम पूरी कोशिस करेंगे की आपके प्रश्न का सही उत्तर आप को प्राप्त हो सके |

धन्यवाद 

जानिए आपको कौनसा यंत्र धारण करना चाहिए ?

जानें कैसे कराएँ ऑनलाइन पूजा ?

श्री मद्भागवत महापूर्ण मूल पाठ

3 thoughts on “Ruchaka yoga रुचक योग का सत्य”

  1. संजय सिंह

    जन्मतिथि 23 जनवरी 1974 समय सुबह 7 बजे जन्मस्थान हैदरगढ़ बाराबंकी उत्तर प्रदेश कृपया मार्ग दर्शन करें

    1. Pandit Rajkumar Dubey

      संजय सिंह जी आप अपना प्रश्न भेजिए |
      आप हमारे Whatsaap नंबर ( 7470934089 ) भी संपर्क कर सकते हैं |

      1. Pandit Rajkumar Dubey

        आप यदि अपनी जन्म तारीख़, जन्म समय एवं जन्म स्थान भेज दें तो हमें काफी आसानी होगी बताने में |
        आप हमारे Whatsaap नंबर ( 7470934089 ) भी संपर्क कर सकते हैं |

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top