मेष लग्न की कुंडली के सप्तम भाव में स्थित सूर्य
sun in 7th house – सातवें भाव में अपने शत्रु शुक्र की राशि में स्थित नीच के सूर्य के प्रभाव से जातक को अपने स्वरोजगार के लिए काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा | व्यक्ति का रोजगार उतार-चढ़ाव युक्त रहेगा |
सप्तम भाव से पत्नी का विचार करते हैं, इसलिए दाम्पत्य जीवन भी नीरस रहेगा | यदि अन्य ग्रहों की शुभ दृष्टि न हो तो व्यक्ति का वैवाहिक जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है |
ऐसे जातकों के मित्र प्रायः स्वार्थी होते हैं | इन व्यक्तियों को सांझेदारी का व्यवसाय भूलकर भी नहीं करना चाहिए | यदि सांझेदारी का व्यवसाय करते हैं तो, पूरे नुकसान की भरापाई आपको ही करनी पड़ेगी |
सप्तम उच्च दृष्टि से मंगल की राशि वाले लग्न भाव को देखने के कारण व्यक्ति का कद लंबा होता है | व्यक्ति अपने स्वाभिमान की रक्षा करने वाला होता है | तथा तेजस्वी भी होता है |
ऐसे जातक अपनी युक्ति एवं बुद्धि बल से अपना काम निकालने में प्रवीण होते हैं, परन्तु प्रत्येक क्षेत्र में सफल नहीं होते | क्योंकि नीच का सूर्य व्यक्ति के आत्मबल को कमजोर करता हैं | जिससे वे फैसला लेने में सोच-विचार अधिक करते हैं |
सूर्य के पंचमेश होने के कारण जातक का शिक्षा का क्षेत्र भी कमजोर रहता है | यदि शुभ ग्रहों की दृष्टि होने के कारण शिक्षा पूर्ण भी हो जाती है तो भी, व्यक्ति उस शिक्षा के माध्यम से धनोपार्जन बड़ी कठिनाइयों से कर पाता है |
व्यक्ति का संतान का पक्ष भी कमजोर रहेगा | ऐसे जातकों की संतान अपरिमितव्ययी होती है | अर्थात खर्चीले स्वभाव की होती है | तथा इन्हें किसी कार्य में रूचि नहीं होती |
ऐसे जातकों को जीवन यापन के क्षेत्र में भी कठिनाइयां का सामना करना पड़ता है | और कभी-कभी तो इन्हें कर्ज लेकर अपना उदार पोषण करना पड़ता है | इसके उपरांत भी ये स्वाभिमान के साथ जीते हैं |
सप्तम भाव में स्थित सूर्य के उपाय – (sun in 7th house)
- आदित्य ह्रदय स्त्रोत का पाठ करना चाहिए |
- तांवे का चोकोर टुकड़ा अपने सिरहाने या शयनकक्ष में रखना चाहिए |
- लक्ष्मी नारायण मंदिर में पूर्णमासी के दिन पीली ध्वजा लगानी चाहिए |
- जब भी किसी कार्य के लिए घर से निकलें तो मीठा पानी पीकर जाएँ |
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