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vasuki kaal sarp yog-वासुकी काल सर्प योग
वासुकी काल सर्प योग के प्रभाव vasuki kaal sarp yog – ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जन्म पत्रिका के तीसरे भाव में राहू और नवम भाव
वासुकी काल सर्प योग के प्रभाव vasuki kaal sarp yog – ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जन्म पत्रिका के तीसरे भाव में राहू और नवम भाव
कैसे बनता है कुलिक काल सर्प योग Kulik Kaal Sarp Yog – ज्योतिष शास्त्र के अनुसार दुसरे भाव में राहू और आठवें भाव में केतु
कैसे बनता है अनंत कालसर्प योग Anant Kaal Sarp Yog – अनंत कालसर्प योग प्रथम भाव से सप्तम भाव के मध्य बनता है | जब
कैसे बनता है काल सर्प योग Kaal Sarp Yog – जब कुंडली में ग्रहों का एक विशेष स्थिति में उदय होता है, या इसे एसा
नवग्रह स्त्रोत पाठ एवं विधि navagraha stotram, इस पृथ्वी पर जन्म लेने वाले सभी वर्गों के मनुष्यों को नवग्रह स्त्रोत का पाठ करना चाहिए |
संकट मोचन हनुमान अष्टक पाठ sankat mochan hanuman ashtak, श्री पवन पुत्र हनुमान जी का नाम ही संकटमोचन है | त्रेता से द्वापर तक जब
संकट नाशक गणेश स्त्रोत के लाभ sankat nashan ganesh stotram, श्री गणेशजी वेद शास्त्रों में प्रथम पूज्य माने जाते हैं | प्रायः सभी शास्त्रों में
अनेक रोग मन्त्र एक har bimari ka mantra, मानव जीवन में होने वाली समस्याएं या त्रिविध ताप किसी न किसी प्रकार धर्म-अधर्म से जोड़कर देखे
श्री तुलसीदास कृत हनुमान बाहुक hanuman bahuk छप्पय सिंधु तरन, सिय-सोच हरन, रबि बाल बरन तनु । भुज बिसाल, मूरति कराल कालहु को काल जनु
अधि योग क्या है ? (Adhi yoga) – ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुण्डली के बारह भावों में स्थित ग्रह कोई न कोई योग का निर्माण
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