matr sukh aur jyotish-मातृसुख एवं ज्योतिष
माँ का सुख देने वाले योग- (matr sukh aur jyotish) – इस लेख में माताजी के सुख के बारे में विचार करेंगे कि जातक को
माँ का सुख देने वाले योग- (matr sukh aur jyotish) – इस लेख में माताजी के सुख के बारे में विचार करेंगे कि जातक को
कुंडली में अरिष्ट भंग योग (arishta bhanga yoga) – मित्रों पिछले लेख में अर्थात बालारिष्ट योग मैं जाना की ऐसे कौन से योग कुंडली में
कुण्डली में अल्पायु योग- (balarishta yoga in kundali) – ज्योतिष शास्त्र के अनुसार व्यक्ति की आयु को तीन भागों में विभक्त किया गया है |
कुण्डली में 5 ग्रहों की युति का फल- सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, गुरु युति का फल- 5 graho ki yuti (5 graho ki yuti)
4 ग्रहों की युति का फल- सूर्य, चन्द्र, मंगल, बुध युति का फल- surya chandra mangal budh yuti (4 graho ki yuti) – यदि
कुण्डली में 3 ग्रहों की युति का फल सूर्य, चन्द्र, मंगल युति का फल-(3 graho ki yuti) 3 graho ki yuti – कुण्डली में
कुण्डली में दो ग्रहों की युति का फल- सूर्य और चंद्र युति का फल- (do graho ki yuti) (do graho ki yuti) – यदि सूर्य
प्रथम भाव पर राहु की पूर्ण दृष्टि का फल- (Rahu drishti ka fal) – लग्न भाव को राहु पूर्ण दृष्टि से देखता हो तो ऐसे जातक
प्रथम भाव पर शनि की पूर्ण दृष्टि का फल- (shani drishti ka fal) – लग्न भाव को शनि पूर्ण दृष्टि से देखता हो तो ऐसे
प्रथम भाव पर शुक्र की पूर्ण दृष्टि का फल- (shukra drishti ka fal) – शुक्र प्रथम भाव को पूर्ण दृष्टि से देखता हो तो ऐसे
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