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Chakshusopanishad Mantra

शीर्षक: चाक्षुषोपनिषद मंत्र: कमजोर आँखों के लिए वरदान! जानें विधि और फायदे

आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में, हमारी आँखें सबसे ज्यादा प्रभावित होती हैं। घंटों कंप्यूटर, लैपटॉप और मोबाइल पर काम करना, प्रदूषण और नींद की कमी – ये सब हमारी आँखों पर भारी पड़ते हैं। ऐसे में, जहाँ आधुनिक विज्ञान कुछ हद तक मदद करता है, वहीं हमारे प्राचीन ग्रंथ आँखों के स्वास्थ्य के लिए कुछ अद्भुत समाधान प्रदान करते हैं। इन्हीं में से एक है Chakshusopanishad Mantra, जो सदियों से नेत्र ज्योति बढ़ाने और आँखों की बीमारियों को दूर करने के लिए प्रयोग किया जाता रहा है।

Chakshusopanishad Mantra

चाक्षुषोपनिषद क्या है?

यह चाक्षुषोपनिषद अथर्ववेद से जुड़ा एक लघु उपनिषद है, जो विशेष रूप से आँखों के स्वास्थ्य पर केंद्रित है। यह उपनिषद सूर्य देव को समर्पित है, जिन्हें नेत्रों का अधिष्ठाता देवता माना जाता है। इसमें सूर्य देव से आँखों को स्वस्थ रखने और दृष्टि को तेज करने की प्रार्थना की गई है। इस मंत्र का नियमित जाप न केवल आँखों को शारीरिक रूप से लाभ पहुंचाता है, बल्कि मानसिक शांति और एकाग्रता भी प्रदान करता है।

चाक्षुषोपनिषद मंत्र: एक दिव्य प्रकाश

चाक्षुषोपनिषद का मुख्य मंत्र इस प्रकार है:

|| श्री चाक्षुषोपनिषद विद्या || 

विनियोग – ॐ अस्याश्चाक्षुषीविद्याया अहिर्बुध्न्य ऋषिर्गायत्री छन्दः सूर्यो देवता  चक्षुरोग निवृत्तये विनियोगः | 

ॐ चक्षुः चक्षुः चक्षुः तेजः स्थिरोभव | मां पाहि पाहि | त्वरितं चक्षुरोगान शमय शमय | मम जातरूपं तेजो दर्शय दर्शय | यथा अहम् अन्धो न स्यां तथा कल्पय कल्पय | कल्याणं कुरु कुरु | यानि मम पूर्वजन्मोंपार्जितानि चक्षुःप्रतिरोधकदुष्कृतानि सर्वाणि निर्मूलय निर्मूलय | 

ॐ नमः चक्षुस्तेजोदात्रे दिव्याय भास्कराय | ॐ नमः करुणाकरायामृताय | ॐ नमः सूर्याय | ॐ नमो भगवते सूर्यायाक्षितेजसे नमः | खेचराय नमः | महते नमः | रजसे नमः | तमसे नमः | असतो माँ सद्गमय | तमसो माँ ज्योतिर्गमय | मृत्योर्मा अमृतं गमय | उष्णो भगवाञ्छुचिरूपः | हंसो भगवान् शुचिरप्रतिरूपः | 

य इमां चाक्षुष्मतीविद्यां ब्राह्मणो नित्यमधीते न तस्याक्षिरोगो भवति | न तस्य कुले अन्धो भवति | अष्टौ ब्राह्मणान सम्यग ग्राहयित्वा विद्यासिद्धिर्भवति | ॐ नमो भगवते आदित्याय अहोवाहिनी अहोवाहिनी स्वाहा || 

मंत्र का अर्थ और महत्व:

यह मंत्र सूर्य देव की स्तुति करता है और उनसे हमारी आँखों को प्रकाश, ऊर्जा और स्वास्थ्य प्रदान करने का आह्वान करता है। मंत्र में ” चक्षुस्तेजोदात्रे ” जैसे शब्द आँखों की रोशनी और तेजस्विता को दर्शाते हैं। इसमें सत्य, ब्रह्म और मन के तेज को भी आँखों के तेज से जोड़ा गया है, जो यह दर्शाता है कि आँखों का स्वास्थ्य हमारे संपूर्ण अस्तित्व से जुड़ा हुआ है।

चाक्षुषोपनिषद मंत्र के लाभ: Chakshusopanishad Mantra

  • दृष्टि में सुधार: यह मंत्र कमजोर दृष्टि को ठीक करने और आँखों की रोशनी बढ़ाने में मदद करता है।
  • आँखों के रोगों से मुक्ति: मोतियाबिंद, ग्लूकोमा, आँखों में जलन, लालिमा और अन्य नेत्र विकारों से बचाव और उपचार में सहायक।
  • आँखों की थकान दूर करना: डिजिटल स्क्रीन के अत्यधिक उपयोग से होने वाली आँखों की थकान को कम करता है।
  • आँखों की सुरक्षा: हानिकारक प्रभावों से आँखों की रक्षा करता है।
  • मानसिक शांति: मंत्र का जाप मन को शांत करता है और एकाग्रता बढ़ाता है, जिसका सकारात्मक प्रभाव आँखों पर भी पड़ता है।
  • सकारात्मक ऊर्जा: यह मंत्र शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।

Chakshusopanishad Mantra का जाप कैसे करें?

इस मंत्र का जाप करने की विधि सरल है, लेकिन इसमें श्रद्धा और नियमितता महत्वपूर्ण है:

  1. समय: सुबह सूर्योदय के समय इस मंत्र का जाप करना सबसे उत्तम माना जाता है।
  2. स्थान: स्वच्छ और शांत स्थान पर बैठें।
  3. दिशा: पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें, जहाँ से सूर्योदय होता है।
  4. स्नान: जाप से पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  5. एकाग्रता: आँखें बंद करके या सूर्य की ओर देखते हुए (यदि सहज हो) मंत्र पर ध्यान केंद्रित करें।
  6. जाप संख्या: प्रतिदिन कम से कम 21 बार या (एक माला) इस मंत्र का जाप करें। आप अपनी सुविधा अनुसार जाप की संख्या कर सकते हैं।
  7. आहार: सात्विक आहार का सेवन करें और आँखों के लिए पौष्टिक खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल करें।

कुछ अतिरिक्त सुझाव:

  • मंत्र जाप के बाद हथेली को रगड़कर गर्म करें और धीरे से अपनी आँखों पर रखें। यह आँखों को आराम देता है।
  • सूर्य नमस्कार का अभ्यास भी आँखों के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है।
  • नियमित रूप से आँखों के व्यायाम करें।
  • पर्याप्त नींद लें और डिजिटल स्क्रीन से ब्रेक लेते रहें।

निष्कर्ष:

चाक्षुषोपनिषद मंत्र केवल एक धार्मिक पाठ नहीं है, बल्कि यह आँखों के स्वास्थ्य के लिए एक प्राचीन और शक्तिशाली विज्ञान है। नियमित और श्रद्धापूर्ण जाप से आप न केवल अपनी आँखों को स्वस्थ रख सकते हैं, बल्कि अपनी दृष्टि को भी तेज कर सकते हैं। यह मंत्र उन लोगों के लिए एक वरदान है जो अपनी आँखों को प्राकृतिक रूप से स्वस्थ और मजबूत बनाना चाहते हैं। आज ही इस दिव्य मंत्र को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं और अपनी आँखों को एक नई रोशनी प्रदान करें!

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs) – Chakshusopanishad Mantra

1. चाक्षुषोपनिषद मंत्र क्या है?

  • उत्तर: चाक्षुषोपनिषद मंत्र अथर्ववेद का एक प्राचीन वैदिक मंत्र है, जो विशेष रूप से आँखों के स्वास्थ्य, दृष्टि में सुधार और नेत्र रोगों से मुक्ति के लिए सूर्य देव को समर्पित है।

2. चाक्षुषोपनिषद मंत्र का जाप क्यों करना चाहिए?

  • उत्तर: इस मंत्र का जाप आँखों की रोशनी बढ़ाने, आँखों की थकान दूर करने, मोतियाबिंद और ग्लूकोमा जैसे नेत्र रोगों से बचाव और उपचार में मदद करता है। यह मानसिक शांति और एकाग्रता भी प्रदान करता है।
3. इस Chakshusopanishad Mantra का जाप कब और कैसे करें?
  • उत्तर: चाक्षुषोपनिषद मंत्र का जाप सुबह सूर्योदय के समय, स्नान के बाद, पूर्व दिशा की ओर मुख करके करना चाहिए। प्रतिदिन कम से कम 21 बार या 108 बार (एक माला) जाप करना उत्तम माना जाता है।

4. क्या चाक्षुषोपनिषद मंत्र से आँखों की रोशनी सचमुच बढ़ती है?

  • उत्तर: हाँ, प्राचीन मान्यताओं और अनुभव के आधार पर, नियमित और श्रद्धापूर्वक जाप से यह मंत्र नेत्र ज्योति में सुधार और आँखों की समस्याओं को कम करने में सहायक माना जाता है।

5. क्या यह मंत्र बच्चों के लिए भी फायदेमंद है?

  • उत्तर: हाँ, यह मंत्र बच्चों की आँखों के स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। माता-पिता उनकी ओर से जाप कर सकते हैं या उन्हें सही विधि सिखा सकते हैं।

6. क्या इस मंत्र के साथ कोई परहेज भी करना होता है?

  • उत्तर: मंत्र जाप के साथ सात्विक आहार का सेवन करना, आँखों के लिए पौष्टिक भोजन लेना, पर्याप्त नींद लेना और डिजिटल स्क्रीन से उचित दूरी बनाए रखना लाभकारी होता है।

7. क्या बिना गुरु के इस मंत्र का जाप कर सकते हैं?

  • उत्तर: हाँ, इस मंत्र का जाप कोई भी व्यक्ति श्रद्धा और विश्वास के साथ स्वयं कर सकता है। इसके लिए किसी विशेष गुरु की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन विधि का सही ज्ञान होना चाहिए।

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