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guru drishti ka fal-गुरु की दृष्टि का फल

गुरु दृष्टि का फल 

guru drishti ka fal – हमारे ज्योतिष शास्त्र में गुरु की तीन दृष्टि बतायीं गयीं हैं | जिन्हें पूर्ण दृष्टि मानी जाती है | 1- पंचम 2- सप्तम तथा तीसरी नवम दृष्टि मानी जाती है | यह गुरु की पूर्ण दृष्टि बताई गयीं हैं | 

प्रथम भाव पर गुरु की पूर्ण दृष्टि का फल-

(guru drishti ka fal) – गुरु प्रथम भाव को पूर्ण दृष्टि से देखता हो तो ऐसे जातक धर्मात्मा, कीर्तिवान, कुलीन और विद्वान होते हैं | ऐसे जातकों की पत्नी पतिव्रता एवं शुभ आचरण करने वाली होती हैं |

द्वतीय भाव पर गुरु की पूर्ण दृष्टि का फल- guru drishti ka fal 

गुरु दूसरे भाव को पूर्ण दृष्टि से देखता हो तो व्यक्ति पिताजी के द्वारा कमाए गए धन को बर्बाद करने वाला होता है | तत्पश्चात स्वयं धन अर्जित करता है | ऐसे जातक कुटुम्बियों तथा मित्र वर्ग में श्रेष्ठ होता है | और राजमान्य भी होता है |

तृतीय भाव पर गुरु की पूर्ण दृष्टि का फल-

तीसरे भाव को गुरु पूर्ण दृष्टि से देखता हो तो ऐसे व्यक्ति भाग्यवान होते हैं | पराक्रमी भी बहुत होते हैं | ऐसे जातकों को भाई बहनों का पर्याप्त सुख प्राप्त होता है | ऐसे व्यक्ति प्रवासी होते हैं, मगर इनका प्रवास धर्मार्थ अर्थात धर्म क्षेत्रों की ओर ज्यादा रहता है |

चतुर्थ भाव पर गुरु की पूर्ण दृष्टि का फल-(guru drishti ka fal)

गुरु चौथे भाव को पूर्ण दृष्टि से देखता हो तो व्यक्ति श्रेष्ठ विद्यावान होता है | ऐसे व्यक्ति भूमि पति और वाहन आदि से सुख युक्त होते हैं | ऐसे जातकों को  माता-पिता का पूर्ण सुख तथा सहयोग प्राप्त होता है |

पंचम भाव पर गुरु की पूर्ण दृष्टि का फल- (guru ki drishti)

पांचवे भाव को गुरु पूर्ण दृष्टि से देखता हो तो व्यक्ति धनिक, एश्वर्यवान और विद्वान होता है | ऐसे व्यक्ति किसी भी विषय की व्याख्या करने में बहुत कुशल होते हैं | ऐसे व्यक्तियों के पुत्र ज्यादा होते हैं, और ये व्यक्ति कला कौशल में भी बहुत निपुण होते हैं |

षष्ठ भाव पर गुरु की पूर्ण दृष्टि का फल-

गुरु छठे भाव को पूर्ण दृष्टि से देखता हो तो ऐसे जातक अधिकतर व्याधि ग्रस्त रहते हैं | इनके माध्यम से धन भी बहुत नष्ट होता है | ऐसे व्यक्ति क्रोधी स्वभाव के होते हैं | कभी-कभी ऐसे व्यक्तियों के मन में कपट भाव भी बहुत रहता है |

सप्तम भाव पर गुरु की पूर्ण दृष्टि का फल-(guru drishti ka fal)

सातवें भाव को गुरु पूर्ण दृष्टि से देखता हो तो व्यक्ति देखने में सुंदर, धनवान और कीर्तिमान होता है | ऐसे व्यक्ति बहुत ही भाग्यशाली होते हैं | इनके मित्र बुद्धिमान होते हैं, और यह बुद्धिमान व्यक्तियों से ही मित्रता करना पसंद करते हैं |

अष्टम भाव पर गुरु की पूर्ण दृष्टि का फल-

गुरु आठवें भाव को पूर्ण दृष्टि से देखता हो तो ऐसे व्यक्तियों को राजभय रहता है | ऐसे व्यक्ति हर समय चिंतित दिखाई देते हैं | ऐसे व्यक्तियों को 8 वर्ष की अवस्था में मृत्यु तुल्य कष्ट होता है, और 26 वर्ष की आयु में कारागारजन्य कष्ट पाने का भी योग बनता है |

नवम भाव पर गुरु की पूर्ण दृष्टि का फल- (guru ki drishti ka fal)

नौवें भाव को गुरु पूर्ण दृष्टि से देखता हो तो व्यक्ति कुलीन और बहुत ही भाग्यवान होते हैं | ऐसे व्यक्ति शास्त्रज्ञ और बड़े ही धर्मात्मा होते हैं | ऐसे व्यक्ति स्वतंत्र रहना ज्यादा पसंद करते हैं | संतान का सुख भोगते हैं, धनी होते हैं और व्रत उपवास करने वाले होते हैं |

दशम भाव पर गुरु की पूर्ण दृष्टि का फल-(guru drishti ka fal)

दसवें भाव को पूर्ण दृष्टि से गुरु देखता हो तो व्यक्ति राजमान्य सुखी और धन पुत्र आदि से युक्त होता है | ऐसे व्यक्ति भूमि वाहन आदि से संपन्न होते हैं, और यह ऐश्वर्यवान भी होते हैं |

ग्यारहवें भाव पर गुरु की पूर्ण दृष्टि का फल-

एकादश भाव को गुरु पूर्ण दृष्टि से देखता हो तो व्यक्ति बहुत बुद्धिमान होता है | इनके बहुत से पुत्र होते हैं | ऐसे व्यक्ति बहुत ही विद्वान और कला कौशल के चाहने वाले होते हैं | ये बहुत ही स्नेही होते हैं, और इनकी आयु लंबी रहती है |

बारहवें भाव पर गुरु की पूर्ण दृष्टि का फल-(guru drishti ka fal)

गुरु बारहवें भाव को पूर्ण दृष्टि से देखता हो तो यह रजोगुण प्रधान होते हैं | दुखी होते हैं धन खर्च करने में इनका हाथ बिल्कुल ही खुला हुआ होता है | कुछ अनुभव में आया है कि बहुत से लोगों में बुद्धि की भी विशेष कमी पाई गई है |

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Pandit Rajkumar Dubey

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