Pandit Ji

Memory and astrology-याददाश्त और ज्योतिष

याददास्त और ज्योतिष: कुंडली से कैसे समझें स्मरण शक्ति की ताकत और कमजोरी

Memory and astrology – हर व्यक्ति की याददाश्त एक जैसी नहीं होती। कोई आसानी से सब कुछ याद रख लेता है, तो कोई बार-बार भूल जाता है। क्या इसका कोई ज्योतिषीय कारण हो सकता है? इस लेख में हम यह समझने का प्रयास करेंगे कि कैसे जन्म कुंडली का पंचम भाव और उसका स्वामी हमारी स्मरण शक्ति को प्रभावित करता है। हम कुछ वास्तविक उदाहरणों के माध्यम से यह भी देखेंगे कि कुंडली के योग कैसे हमारी मानसिक क्षमता को मजबूत या कमजोर बनाते हैं

अध्यन करने पर हमने पाया कि यदि कुंडली में पंचम भाव या पंचम भाव का स्वामी ख़राब स्थिति में है तो जातक की याददास्त कमजोर रहती है | हम यहीं नहीं रुके हमने अनेक लोगों की कुंडली पर अध्यन किया और उनसे प्रश्न किये कि क्या आपकी याददास्त कुछ कमजोर है जबाब हाँ में था और जिन जातकों से हमारा प्रश्न था कि आपकी याददास्त बहुत अच्छी होना चाहिए, जबाब था हां | तब हम इस निश्चय पर पहुंचे कि याददास्त के लिए पंचम भाव और पंचम भाव का स्वामी जिम्मेदार है |

Memory and astrology
Memory and astrology

पहले जान लेते हैं जिन-जिन जातकों की याददास्त बहुत ही अच्छी थी उनके बारे में | अच्छी याददास्त वाले जातकों की कुंडली में पाया कि यदि पंचम भाव का स्वामी शुभ ग्रहों के साथ है या उसे शुभ ग्रह देख रहे हैं तो जातक की स्मरण शक्ति बहुत अच्छी रहती है | यदि पंचम भाव शुभ ग्रहों से दृष्ट हो या पंचम भाव में कोई शुभ ग्रह स्थित हो तो भी व्यक्ति की याददास्त बहुत अच्छी होती है | यदि पंचम भाव का स्वामी गुरु से केंद्र या त्रकोंण में स्थित हो तथा उस पर किसी पाप ग्रह की युति या दृष्टि सम्बन्ध न हो तो भी जातक की स्मरण शक्ति बहुत अच्छी होती है |

जन्म पत्रिका के अनुसार(Memory and astrology)

यह योग एक बहुत ही अच्छे शास्त्री जी की कुंडली में पाया | उनकी जन्म पत्रिका में देखा तो पाया कि उनका जन्म मीन लग्न में हुआ था | और पंचम भाव का स्वामी तीसरे भाव में उच्च का होकर बैठा था | और लग्नेश गुरु भाग्य भाव में बैठकर पंचमेश चन्द्रमा पर अपनी पूर्ण दृष्टि डाल रहा था | इस योग के प्रभाव से जब शास्त्री जी अनेकानेक शास्त्रों के उदाहरण देते थे तो ऐसा लगता था जैसे इन्हें समस्त वेद-पुराण कंठस्थ हों | 

दूसरी कुंडली एक वकील साहब की देखी जब वे अदालत में जिरह करते थे तब ऐसा महसूस होता था जैसे इन्हें बकालत की सभी पुस्तकें याद हों | इनकी कुंडली देखने पर पाया कि वृश्चिक लग्न की कुंडली थी | द्वातीयेश और पंचमेश गुरु नवम भाव में उच्च का बैठा था | और पंचम भाव पर उच्चस्थ गुरु की पूर्ण दृष्टि पड़ रही थी | और लग्नेश मंगल लग्न में गुरु से त्रकोंण में स्थिति है तथा गुरु की पंचम दृष्टि भी मंगल पर पड़ रही है | इस योग के प्रभाव से इन सज्जन की याददास्त बहुत ही तेज थी |

एक और याददास्त के धनी पुलिश विभाग में थाना प्रभारी के पद पर नियुक्त थे | इन टी. आई महोदय को बहुत सारे मोबाइल नंबर याद थे | इनकी कुंडली पर अध्यन करने पर पाया कि इनकी कर्क लग्न की कुंडली थी | लग्न में स्थित गुरु की उच्चस्थ दृष्टि और उच्चस्थ चन्द्रमा की दृष्टि पंचम भाव पर थी | और पंचमेश मंगल भी नवम भाव में गुरु की राशि में स्थित था | इसी योग के कारण इन महाशय की इतनी विलक्षण स्मरण शक्ति थी |

कमजोर याददास्त के लक्षण

अधिकतर विद्द्यार्थियों को देखा है कि उनका अधिकतर समय पढ़ाई में गुजरता है | कुछ विद्द्यार्थियों के माता-पिता भी यही शिकायत लेकर आये कि पुत्र-पुत्री पढ़ते तो बहुत हैं परन्तु इनके नंबर कम ही आते हैं | बच्चों से पूछने पर पाया कि वो पढ़ते हैं परन्तु कुछ याद ही नहीं रहता | कुछ युवा बर्ग के लोगों की शिकायत रहती है कि आज-कल याददास्त कमजोर हो रही है | कुछ लोगों की यह शिकायत तो यहाँ तक मिली कि घर से किसी काम के लिए निकलते हैं और बापिस घर पहुँचने पर याद आता है कि जिस कार्य के लिए गए थे वह तो किया ही नहीं | ऐसे अनेकानेक उदहारण कमजोर स्मरण शक्ति के देखने को मिले | उन सभी की कुंडली में अध्यन करने पर पाया कि उनका पंचम भाव या पंचम भाव का स्वामी कहीं न कहीं ख़राब स्थिति में पाया |

(Memory and astrology) – कुंडलियों में पाए गए कुछ योगों की इस लेख में चर्चा करंगे | यदि पंचम भाव में शनि और राहू हो और किसी शुभ ग्रह की दृष्टि न हो तो ऐसे जातक की याददास्त कमजोर होती है | यदि पंचम भाव के स्वामी पर पाप ग्रह की दृष्टि हो या पाप ग्रह की युति हो और बुध बारहवें भाव में स्थित हो तो भी जातक की स्मरण शक्ति कमजोर होती है | यदि पंचम भाव के दोनों और पाप ग्रह हों और पंचम भाव पर किसी शुभ ग्रह की दृष्टि न हो तो भी जातक की याददास्त कमजोर होती है | पंचम भाव का स्वामी जहां पर स्थित हो और वह पापाक्रांत हो तो भी स्मरण शक्ति कमाजोर होती है |

उपाय (Memory and astrology)

जिन जातकों की स्मरण शक्ति कमजोर हो उन्हें किसी योग्य ज्योतिषी से कुंडली का परिक्षण करना चाहिए | पंचम भाव के स्वामी का रत्न धारण करना चाहिए | यदि पंचम भाव का स्वामी पापी ग्रह है या पापाक्रांत हो या नीच राशिगत हो तो उसका जप कराना चाहिए, और उसका यंत्र धारण करना चाहिए | विद्द्यार्थियों के लिए सरस्वती यंत्र धारण करना चाहिए तथा सरस्वती मन्त्र का भी जप करना चाहिए |  

कुंडली परीक्षण के बाद ही विषय का चयन करना चाहिए | क्योंकि आपको किस प्रकार के व्यवसाय या नौकरी में सफ़लता मिलेगी उसी प्रकार का विषय का चयन करना चाहिए | शिक्षा जीवन की नीव होती है और नीव मजबूत हो तो मकान सैकड़ों वर्षीं तक चलता है | इसलिये विषय का चयन करते समय कुंडली का परीक्षण अवश्य कराना चाहिए | कमजोर याददास्त वाले जातकों को चाहिए कि वो नियमित ध्यान (meditation) करें | ध्यान से एकाग्रता बढती है तथा स्मरण शक्ति मजबूत होती है |

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ) Memory and astrology

प्रश्न 1: क्या कुंडली देखकर याददास्त की स्थिति सही बताई जा सकती है?
उत्तर: जी हाँ, पंचम भाव, उसका स्वामी और उस पर पड़ने वाले शुभ या अशुभ ग्रहों की स्थिति से स्मरण शक्ति का आकलन किया जा सकता है। हालांकि जीवनशैली, मानसिक तनाव आदि भी प्रभाव डालते हैं।

प्रश्न 2: क्या पंचम भाव का रत्न पहनने से तुरंत याददास्त बढ़ जाती है?
उत्तर: नहीं, रत्न एक सहायक उपाय है। इसे ज्योतिषीय परामर्श के बाद और सही विधि से पहनना चाहिए। साथ ही ध्यान, योग, आहार आदि का पालन आवश्यक है।

प्रश्न 3: क्या बच्चों की पढ़ाई में ज्योतिषीय मार्गदर्शन मदद कर सकता है?
उत्तर: बिल्कुल। कुंडली के आधार पर उपयुक्त विषय चयन और ग्रहों की शांति से मानसिक एकाग्रता और स्मरण शक्ति में सुधार संभव है।

प्रश्न 4: क्या केवल पंचम भाव ही स्मरण शक्ति का कारण है?
उत्तर: पंचम भाव प्रमुख भूमिका निभाता है, परंतु लग्न, चंद्र, बुध, गुरु आदि ग्रह भी मानसिक स्थिति और एकाग्रता को प्रभावित करते हैं।

प्रश्न 5: ध्यान करने से सच में स्मरण शक्ति बढ़ती है?
उत्तर: हाँ, ध्यान से मन शांत होता है, तनाव घटता है और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता बढ़ती है, जिससे स्मरण शक्ति मजबूत होती है।

जानिए आपको कौनसा यंत्र धारण करना चाहिए ?

जानें कैसे कराएँ ऑनलाइन पूजा ?

श्री मद्भागवत महापूर्ण मूल पाठ

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top