गण्डमूल दोष 2026: गंड मूल कब-कब है | नक्षत्र, अभुक्त मूल, प्रभाव व शांति उपाय
Gand Mool Dosh 2026 – हमारे वैदिक ज्योतिष में नक्षत्रों का विशेष महत्व माना जाता है | कृष्नामूर्ति पद्धति में तो नक्षत्रों का और भी विशेष महत्व माना गया है | हमारे जितने भी मुहूर्त हैं सभी नक्षत्रों के अधीन हैं | कुल सत्ताईस नक्षत्रों में सभी मुहूर्त विद्दमान हैं जिनमे कुछ शुभ और कुछ बहुर ही अशुभ माने गए हैं | इनमे से कुछ नक्षत्र जन्म के समय आ जाने से बहुत ही अशुभ माने जाते हैं | इन नक्षत्रों का कुछ भाग अशुभ होने के कारण इस अशुभ भाग में जन्म लेने वाले जातक को जीवन में अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है | जिन्हें हम गंडमूल के नाम से जानते हैं |
गण्डमूल की संज्ञा में आने वाले कुल छः नक्षत्र माने गए हैं | जिनमे से तीन नक्षत्र बड़े मूल अर्थात 27 दिन के तथा तीन नक्षत्र छोटे मूल अर्थात 12 दिन के माने जाते हैं | 27 दिन के मूलो की शांति उसी नक्षत्र के पुनः आ जाने पर उसकी शान्ति का विधान है और 12 दिन के मूलों की शान्ति 12 वें दिन या किसी शुभ मुहूर्त में करने का विधान है |

गण्डात नक्षत्र
अश्विनी, अश्लेशा, मघा, ज्येष्ठा, मूल तथा रेवती ए छः नक्षत्र गण्डमूल की संज्ञा में आते हैं | इनमे तीन नक्षत्र अश्लेशा, ज्येष्ठा व मूल को बड़े कहते हैं | और अश्विनी, मघा व रेवती को छोटे मूल कहते हैं | बड़े मूल की पूजा 27 दिन में और छोटे मूल की पूजा 12 दिन के बाद की जाती है |
अभुक्त मूल
ज्येष्ठा नक्षत्र की अंतिम 4 घटी और मूल नक्षत्र की आदि की 4 घटी अभुक्त मूल की संज्ञा में आतीं हैं | इन नक्षत्रों में जन्मे जातकों की उचित रीति से मूलों की पूजा तथा मूलों के मन्त्रों का जाप कराना चाहिए
Gand Mool Dosh January 2026
गण्ड मूल आरम्भ 05 जनवरी सोमवार को 01:25 पी एम से गण्ड मूल अन्त 07 जनवरी बुधवार को 11:56 ए एम तक |
गण्ड मूल आरम्भ 15 जनवरी गुरुवार को 03:03 ए एम से
गण्ड मूल अन्त 17 जनवरी , शनिवार को 08:12 ए एम तक |
गण्ड मूल आरम्भ 24 जनवरी शनिवार को 02:16 पी एम से गण्ड मूल अन्त 26 जनवरी सोमवार को 12:32 पी एम तक |
गंड मूल फरवरी 2026
गण्ड मूल आरम्भ फरवरी 1, , रविवार को 11:58 पी एम से गण्ड मूल अन्त 03 फरवरी मंगलवार को 10:10 पी एम तक |
गण्ड मूल आरम्भ 11 फरवरी बुधवार को 10:53 ए एम से गण्ड मूल अन्त 13 फरवरी शुक्रवार को 04:12 पी एम तक |
गण्ड मूल आरम्भ 20 फरवरी शुक्रवार को 08:07 पी एम से गण्ड मूल अन्त 22 फरवरी , रविवार को 05:54 पी एम तक |
Gand Mool Dosh March 2026
गण्ड मूल आरम्भ 01 मार्च रविवार को 08:34 ए एम से गण्ड मूल अन्त 03 मार्च , मंगलवार को 07:31 ए एम तक |
गण्ड मूल आरम्भ 10 मार्च मंगलवार को 07:05 पी एम से गण्ड मूल अन्त 13 मार्च शुक्रवार को 12:43 ए एम तक |
गण्ड मूल आरम्भ 20 मार्च शुक्रवार को 04:05 ए एम से गण्ड मूल अन्त 22 मार्च , रविवार को 12:37 ए एम तक |
गण्ड मूल आरम्भ 28 मार्च , शनिवार को 02:50 पी एम से गण्ड मूल अन्त 30 मार्च , सोमवार को 02:48 पी एम तक |
Gand Mool Dosh April 2026
गण्ड मूल आरम्भ 07 अप्रैल मंगलवार को 02:57 ए एम से गण्ड मूल अन्त 09 अप्रैल गुरुवार को 08:48 ए एम तक |
गण्ड मूल आरम्भ 16 अप्रैल गुरुवार को 01:59 पी एम से गण्ड मूल अन्त 18 अप्रैल शनिवार को 09:42 ए एम तक |
गण्ड मूल आरम्भ 24 अप्रैल शुक्रवार को 08:14 पी एम से गण्ड मूल अन्त 26 अप्रैल , रविवार को 08:27 पी एम तक |
Gand Mool Dosh May 2026
गण्ड मूल आरम्भ 04 मई , सोमवार को 09:58 ए एम से गण्ड मूल अन्त 06 मई , बुधवार को 03:54 पी एम तक |
गण्ड मूल आरम्भ 14 मई गुरुवार को 12:17 ए एम से ण्ड मूल अन्त 15 मई शुक्रवार को 08:14 पी एम तक |
गण्ड मूल आरम्भ 22 मई शुक्रवार को 02:49 ए एम से गण्ड मूल अन्त 24 मई , रविवार को 02:09 ए एम तक |
गण्ड मूल आरम्भ 31 मई , रविवार को 04:12 पी एम से गण्ड मूल अन्त 02 जून , मंगलवार को 10:06 पी एम तक |
Gand Mool Dosh June 2026
गण्ड मूल आरम्भ 10 जून , बुधवार को 09:21 ए एम से गण्ड मूल अन्त 12 जून , शुक्रवार को 06:28 ए एम तक |
गण्ड मूल आरम्भ 18 जून गुरुवार को 11:32 ए एम से गण्ड मूल अन्त 20 जून , शनिवार को 09:25 ए एम तक |
गण्ड मूल आरम्भ 27 जून , शनिवार को 10:11 पी एम से गण्ड मूल अन्त 30 जून , मंगलवार को 04:03 ए एम तक |
Gand Mool Dosh July 2026
गण्ड मूल आरम्भ 07 जुलाई , मंगलवार को 04:24 पी एम से गण्ड मूल अन्त 09 जुलाई गुरुवार को 02:56 पी एम तक |
गण्ड मूल आरम्भ 15 जुलाई , बुधवार को 09:46 पी एम से गण्ड मूल अन्त 17 जुलाई , शुक्रवार को 06:34 पी एम तक |
गण्ड मूल आरम्भ 25 जुलाई , शनिवार को 04:36 ए एम से गण्ड मूल अन्त 27 जुलाई , सोमवार को 10:28 ए एम तक |
Gand Mool Dosh August 2026
गण्ड मूल आरम्भ 03 अगस्त , सोमवार को 10:00 पी एम से गण्ड मूल अन्त 05 अगस्त , बुधवार को 09:18 पी एम तक |
गण्ड मूल आरम्भ 12 अगस्त , बुधवार को 07:59 ए एम से गण्ड मूल अन्त 14 अगस्त , शुक्रवार को 04:38 ए एम तक |
गण्ड मूल आरम्भ 21 अगस्त , शुक्रवार को 11:53 ए एम से गण्ड मूल अन्त 23 अगस्त , रविवार को 05:44 पी एम तक |
गण्ड मूल आरम्भ 31 अगस्त , सोमवार को 03:44 ए एम से गण्ड मूल अन्त 02 सितम्बर , बुधवार को 02:42 ए एम तक |
Gand Mool Dosh September 2026
गण्ड मूल आरम्भ 08 सितम्बर , मंगलवार को 04:39 पी एम से गण्ड मूल अन्त 10 सितम्बर गुरुवार को 02:04 पी एम तक |
गण्ड मूल आरम्भ 17 सितम्बर गुरुवार को 07:53 पी एम से गण्ड मूल अन्त 20 सितम्बर , रविवार को 01:43 ए एम तक |
गण्ड मूल आरम्भ 27 सितम्बर , रविवार को 11:08 ए एम से गण्ड मूल अन्त 29 सितम्बर , मंगलवार को 09:03 ए एम तक |
Gand Mool Dosh October 2026
गण्ड मूल आरम्भ 05 अक्टूबर , सोमवार को 11:09 पी एम से गण्ड मूल अन्त 07 अक्टूबर , बुधवार को 09:40 पी एम तक |
गण्ड मूल आरम्भ 15 अक्टूबर गुरुवार को 04:03 ए एम से गण्ड मूल अन्त 17 अक्टूबर , शनिवार को 09:47 ए एम तक |
गण्ड मूल आरम्भ 24 अक्टूबर , शनिवार को 08:32 पी एम से गण्ड मूल अन्त 26 अक्टूबर , सोमवार को 05:41 पी एम तक |
Gand Mool Dosh November 2026
गण्ड मूल आरम्भ 02 नवम्बर , सोमवार को 04:30 ए एम से गण्ड मूल अन्त 04 नवम्बर , बुधवार को 03:26 ए एम तक |
गण्ड मूल आरम्भ 11 नवम्बर , बुधवार को 11:38 ए एम से गण्ड मूल अन्त 13 नवम्बर , शुक्रवार को 05:17 पी एम तक |
गण्ड मूल आरम्भ 21 नवम्बर , शनिवार को 06:50 ए एम से गण्ड मूल अन्त 23 नवम्बर , सोमवार को 04:15 ए एम तक |
गण्ड मूल आरम्भ 29 नवम्बर , रविवार को 10:59 ए एम से गण्ड मूल अन्त 01 दिसम्बर , मंगलवार को 09:00 ए एम तक |
Gand Mool Dosh December 2026
गण्ड मूल आरम्भ 08 दिसम्बर , मंगलवार को 06:16 पी एम से गण्ड मूल अन्त 10 दिसम्बर गुरुवार को 11:58 पी एम तक |
गण्ड मूल आरम्भ 18 दिसम्बर , शुक्रवार को 04:10 पी एम से गण्ड मूल अन्त 20 दिसम्बर , रविवार को 02:55 पी एम तक |
गण्ड मूल आरम्भ 26 दिसम्बर , शनिवार को 08:12 पी एम से गण्ड मूल अन्त 28 दिसम्बर , सोमवार को 04:32 पी एम तक |
Gand Mool Dosh 2026 – निष्कर्ष: गंडमूल दोष और सतर्कता
गंडमूल दोष (Gand Mool Dosh 2026) का नाम सुनकर घबराने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि ज्योतिषीय गणनाओं के आधार पर समय पर शांति उपाय करना आवश्यक है। यदि किसी जातक का जन्म इन नक्षत्रों में हुआ है, तो 27वें दिन या किसी शुभ मुहूर्त में विधिवत शांति पूजा कराने से इस दोष के नकारात्मक प्रभाव समाप्त हो जाते हैं और जातक को जीवन में सफलता प्राप्त होती है। वर्ष 2026 की इन गंडमूल तिथियों को ध्यान में रखकर आप समय रहते योग्य विद्वान ब्राह्मण से परामर्श कर शांति पाठ सुनिश्चित कर सकते हैं। याद रखें, नक्षत्रों का प्रभाव शांति और दान-पुण्य से नियंत्रित किया जा सकता है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न – Gand Mool Dosh 2026 (FAQ)
1- गण्डमूल दोष क्या होता है?
उत्तर:
जन्म कुंडली में जब जातक का जन्म अश्विनी, अश्लेषा, मघा, ज्येष्ठा, मूल या रेवती नक्षत्र में होता है, तो उसे गण्डमूल दोष कहा जाता है। इसे Gand Mool Dosh भी कहते हैं। शास्त्रों में इसे अशुभ माना गया है, परंतु उचित शांति से दोष शांत हो जाता है।
2- 2026 में गण्डमूल दोष कब-कब है?
उत्तर:
वर्ष 2026 में गण्डमूल दोष जनवरी से दिसंबर तक कई बार पड़ेगा। प्रत्येक माह गण्डमूल की तिथियाँ अलग-अलग हैं, जिनकी पूरी सूची लेख में माहवार दी गई है।
3- गण्डमूल के नक्षत्र कौन-कौन से होते हैं?
उत्तर:
गण्डमूल के कुल 6 नक्षत्र होते हैं:
- अश्विनी
- अश्लेषा
- मघा
- ज्येष्ठा
- मूल
- रेवती
इन्हें ही गण्डमूल नक्षत्र या Gand Mool Nakshatra कहा जाता है।
4- बड़े गण्डमूल और छोटे गण्डमूल में क्या अंतर है?
उत्तर:
- बड़े गण्डमूल नक्षत्र: अश्लेषा, ज्येष्ठा, मूल (इनकी शांति 27वें दिन)
- छोटे गण्डमूल नक्षत्र: अश्विनी, मघा, रेवती (इनकी शांति 12वें दिन)
5- अभुक्त मूल क्या होता है?
उत्तर:
- ज्येष्ठा नक्षत्र की अंतिम 4 घटी
- मूल नक्षत्र की प्रारंभिक 4 घटी
इन दोनों को अभुक्त मूल कहा जाता है।
अभुक्त मूल में जन्म होने पर Gand Mool Dosh का प्रभाव अधिक माना जाता है।
6- गण्डमूल दोष का प्रभाव किस पर पड़ता है?
उत्तर:
गण्डमूल दोष का प्रभाव:
- माता-पिता के स्वास्थ्य पर
- संतान के जीवन में बाधाओं पर
- शिक्षा, करियर और मानसिक स्थिरता पर
पड़ सकता है, यदि समय पर गण्डमूल शांति न कराई जाए।
7- क्या गण्डमूल दोष जीवन भर रहता है?
उत्तर:
नहीं। गण्डमूल दोष स्थायी नहीं होता। शास्त्रों में बताए गए गण्डमूल शांति उपाय करने से इसका प्रभाव पूर्णतः समाप्त हो जाता है।
8- गण्डमूल शांति कब करनी चाहिए?
उत्तर:
- बड़े गण्डमूल की शांति: 27वें दिन या उसी नक्षत्र की पुनरावृत्ति पर
- छोटे गण्डमूल की शांति: 12वें दिन या किसी शुभ मुहूर्त में
9- गण्डमूल दोष की पूजा विधि क्या है?
उत्तर:
गण्डमूल शांति में सामान्यतः:
- हवन
- नक्षत्र मंत्र जप
- ग्रह शांति
- ब्राह्मण भोजन और दान किया जाता है। यह पूजा योग्य विद्वान आचार्य द्वारा ही करानी चाहिए।
10- क्या गण्डमूल दोष में नामकरण संस्कार करना चाहिए?
उत्तर:
गण्डमूल काल में नामकरण, मुंडन, विवाह जैसे संस्कार वर्जित माने गए हैं।
यदि आवश्यक हो तो पहले गण्डमूल शांति कराना उत्तम होता है।
11- गण्डमूल दोष और कालसर्प दोष में क्या अंतर है?
उत्तर:
- गण्डमूल दोष नक्षत्र आधारित दोष है
- कालसर्प दोष राहु–केतु की स्थिति पर आधारित होता है
दोनों दोष अलग-अलग हैं और उनके उपाय भी अलग होते हैं।
12- क्या गण्डमूल दोष वाले जातक सफल नहीं होते?
उत्तर:
ऐसा नहीं है। उचित शांति और ईश्वर कृपा से गण्डमूल दोष वाले जातक अत्यंत सफल होते हैं। कई महान व्यक्तियों का जन्म भी गण्डमूल नक्षत्र में हुआ है।
13- क्या गण्डमूल दोष केवल जन्म कुंडली से देखा जाता है?
उत्तर:
हाँ, गण्डमूल दोष जन्म समय के नक्षत्र से निर्धारित होता है। इसके लिए जन्म तिथि, समय और स्थान का सही होना आवश्यक है।
14- Gand Mool Dosh 2026 में जन्मे बच्चे के लिए क्या करें?
उत्तर:
यदि 2026 में जन्म गण्डमूल नक्षत्र में हो:
- भयभीत न हों
- शास्त्रानुसार शांति कराएं
- अनुभवी ज्योतिषी से मार्गदर्शन लें
15- गण्डमूल दोष के लिए ज्योतिषीय सलाह क्यों आवश्यक है?
उत्तर:
क्योंकि प्रत्येक कुंडली अलग होती है। सही गण्डमूल दोष उपाय कुंडली देखकर ही तय किए जाते हैं, जिससे अनावश्यक पूजा से बचा जा सके।
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जानिए आपको कौनसा यंत्र धारण करना चाहिए ?



