Panchak Muhurat 2026 – हमारा भारत देश धर्म प्रधान देश है | हमारे देश में हर कार्य धर्म- अधर्म का विचार करते हुए किया जाता है | श्री रामायण, श्रीमद्भागवत और गीता जैसे धर्म ग्रंथों का पठन-पाठन और श्रवण करने वाले भला बिना शुभ मुहूर्त के कोई कार्य आरम्भ कैसे कर सकते हैं | क्योंकि हमारे धर्म ग्रंथों में मुहूर्त का बड़ा ही महत्व बताया गया है | इसलिए वैदिक ज्योतिष में सर्व प्रथम मुहूर्त की गणना दी गयी है | किसी भी कार्य को उचित मुहूर्त में आरम्भ करना चाहिए | शुभ मुहूर्त में किये गए कार्य निर्विघ्न रूप से सम्पन्न होते हैं वहीँ बिना मुहूर्त में किये गए कार्य या तो सफल नहीं होते हैं या उनमे अनेक बाधाएं उत्पन्न होतीं है | इन्हीं मुहूर्त में Panchak Muhurat 2026 भी आती है |
पंचक क्या है ? (Panchak Muhurat 2026)
चन्द्रमा के भ्रमण से बनने वाले एक योग को पंचक कहते हैं | हमारे मनीषियों ने पुरे आकाश मंडल को 9 ग्रह 12 राशियाँ एवं 27 नक्षत्रों में बांटा है | और प्रत्येक ग्रह, राशि एवं नक्षत्र को चलायमान बताया है | इसी कारण जब चन्द्रमा कुछ विशेष नक्षत्रो पर भ्रमण करता है तब-तब एक मुहूर्त का निर्माण होता है | जब चंद्रमा इन पांच नक्षत्रों के ऊपर से गोचर वश आता है तब पंचक नामक मुहूर्त बनता है जिसे हम लोग अशुभ मुहूर्त मानते हैं |
Panchak Muhurat 2026 पंचक नक्षत्र
जब चन्द्रमा गोचर वश धनिष्ट नक्षत्र के तृतीय चरण में प्रवेश होते हैं और पंचक प्रारंभ होती है | उसके बाद शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती नक्षत्र ये पांच नक्षत्र पंचक नक्षत्र कहलाते हैं | इनके ऊपर चन्द्रमा का भ्रमण काल लगभग पांच दिवस का होता है | और यह मुहूर्त लगभग प्रत्येक सत्ताईस दिन में एक बार पुनः आता है | क्योंकि चन्द्रमा का एक नक्षत्र पर भ्रमण काल लगभग एक दिवस का होता है |

पंचक के अनुसार कार्य
हमारे शास्त्रों के अनुसार सभी कार्य मुहूर्त देखकर किये जाते हैं | ऐसी मान्यता है कि शुभ मुहूर्त में किये गए कार्यों में आसानी से सफलता मिलती है वहीँ बिना मुहूर्त के कार्यों में असफलता की संभावना ज्यादा रहती है | इसी संदेह के कारण मुहूर्तो के अनुसार कार्य किये जाते हैं | पंचक एक पांच नक्षत्रों के योग से बनती है | और इस कार्य में विशेषकर मृत्यु को एवं मृत्यु के समय उपयुक्त होने वाली सामग्री की खरीदी का विशेष ध्यान रखा जाता है | पंचक में झाड़ू, वांस से बनी हुए बस्तुएं, मिट्टी के बर्तन, कपड़ा, आदि जो भी सामग्री मृत्यु के समय उपयोग में लायी जाती है उस सामग्री को पंचक में नहीं खरीदना चाहिए |
पंचक कितने प्रकार के होते हैं ? (Panchak Muhurat 2026)
पंचक पांच प्रकार की होती है | पंचक के नाम दिन विशेष से शुरू होने के कारण बनते हैं | अर्थात किसी ख़ास दिन से शुरू होने वाली पंचक एक अलग नाम से जानी जाती है | तथा हर पंचक का अपना अलग प्रभाव होता है | नीचे दिन के हिसाब से पंचक के नाम तथा उस अवधि में क्या करना चाहिए और क्या नहीं –
रोग पंचक
रविवार से प्रारंभ होने पंचक को रोग पंचक कहते हैं | इस पंचक में शुभ कार्य नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह पंचक प्रत्येक शुभ कार्य में अशुभ मानि जाती है | इस पंचक के पुरे पांच दिन कष्ट और मानसिक परेशानियां देने वाले होते हैं |
राज पंचक
सोमवार से जो पंचक आरंभ होती है उसे राज पंचक कहते हैं | विशेषतः यह पंचक शुभ माने जाते हैं | यह राज पंचक सरकारी कार्यों में लाभ दिलाने वाले होते हैं | इन पंचक युक्त पांच दिनों में संपत्ति से जुड़े कार्य काफी सफलता देने वाले होते हैं |
अग्नि पंचक
जो पंचक मंगलवार से आरम्भ होते हैं वे अग्नि पंचक कहलाते हैं | यह पंचक अशुभ माने जाते हैं | इस पंचक में कोर्ट-कचहरी के फैसलों के लिए तो उत्तम माने जाते हैं किन्तु किसी प्रकार का निर्माण कार्य आरंभ नहीं करना चाहिए |
चोर पंचक
यह पंचक शुक्रवार से आरम्भ होती है | इस पंचक के पांच दिनों की अवधि में यात्रा नहीं करनी चाहिए | विशेष रूप से किसी प्रकार व्यापर, लेन-देन तथा किसी प्रकार सौदा नहीं करना चाहिए | इन पंचकों में किये गए कार्यों में धन की हानि की सम्भावन अधिक रहती है |
मृत्यु पंचक
शनिवार से आरम्भ होने वाली पंचक को मृत्यु पंचक कहते हैं | यह पंचक पूरी तरह से अशुभ मानी जाती है | इन पंचकों के पांच दिवस में किसी प्रकार के रिस्की कार्य नहीं करने चाहिए | इस पंचक में दुर्घटना होने की संभावना ज्यादा रहती है और मृत्यु तुल्य कष्ट होते हैं | इस पंचक में विवाद से भी बचाना चाहिए |
बुधवार और गुरुवार को शुरू होने वाले पंचक में किसी को वचन नहीं देना चाहिए और न ही वचन लेना चाहिए | एसी मान्यता है कि इन पंचकों के दौरान दिए गए वचन पुरे नहीं होते | वाकी कर्यो के लिए इन पंचकों में शुभ कार्य किये जा सकते हैं |
विशेष –
पंचकों में क्या न करें (Panchak Muhurat 2026)
हमारे धर्म शास्त्रों के अनुसार पंचकों में दक्षिण दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिए | पंचक में घर की छत नहीं डालनी चाहिए | इस अवधि में लकड़ी, कंडा, चारपाई बनवाना, बिस्तर आदि नहीं खरीदना चाहिए |
पंचक में क्या कर सकते हैं
सभी पंचक अशुभ ही नहीं होते कुछ पंचक ऐसे भी होते हैं जिनमे शुभ कार्य किये जाते हैं | पंचक के दौरान कुछ नक्षत्र ऐसे होते हैं जो शुभ योगों का निर्माण करते हैं | जिनमे शुभ कार्य किये जा सकते हैं | जैसे शतभिषा, धनिष्टा, पूर्वा भाद्रपद और रेवती नक्षत्र यात्रा करने, मुंडन कार्य, तथा व्यापार आदि के लिए शुभ माने जाते हैं |
Panchak Muhurat January 2026
पंचक आरम्भ 21 जनवरी 2026 बुधवार को 01:35 ए एम से पंचक अंत
25 जनवरी 2026 रविवार को 01:35 पी एम तक |
Panchak Muhurat February 2026
पंचक आरम्भ 17 फरवरी 2026 मंगलवार को 09:05 ए एम से पंचक अंत
21 फरवरी 2026 शनिवार को 07:07 पी एम तक |
Panchak Muhurat March 2026
पंचक आरम्भ 16 मार्च 2026 सोमवार को 06:14 पी एम से पंचक अंत
21 मार्च 2026 शनिवार को 02:27 ए एम तक |
Panchak Muhurat April 2026
पंचक आरम्भ 13 अप्रैल 2026 सोमवार को 03:44 ए एम से पंचक अंत
17 अप्रैल 2026 शुक्रवार को 12:02 पी एम तक |
Panchak Muhurat May 2026
पंचक आरम्भ 10 मई 2026 रविवार को 12:12 पी एम से पंचक अंत
14 मई 2026 गुरुवार को 10:34 पी एम तक |
Panchak Muhurat June 2026
पंचक आरम्भ 06 जून 2026 शनिवार को 07:03 पी एम से पंचक अंत
11 जून 2026 गुरुवार को 08:16 ए एम तक |
Panchak Muhurat July 2026
पंचक आरम्भ 04 जुलाई 2026 शनिवार को 12:48 ए एम से पंचक अंत
08 जुलाई 2026 बुधवार को 04:00 पी एम तक |
पंचक आरम्भ 31 जुलाई 2026 शुक्रवार को 06:38 ए एम से पंचक अंत
04 अगस्त 2026 मंगलवार को 09:54 पी एम तक |
Panchak Muhurat August 2026
पंचक आरम्भ 27 अगस्त 2026 गुरुवार को 01:35 पी एम से पंचक अंत
01 सितम्बर 2026 मंगलवार को 03:23 ए एम तक |
Panchak Muhurat September 2026
पंचक आरम्भ 23 सितम्बर 2026 बुधवार को 09:57 पी एम से पंचक अंत
28 सितम्बर 2026 सोमवार को 10:16 ए एम ता |
Panchak Muhurat October 2026
पंचक आरम्भ 21 अक्टूबर 2026 बुधवार को 07:00 ए एम से पंचक अंत
25 अक्टूबर 2026 रविवार को 07:22 पी एम तक |
Panchak Muhurat November 2026
पंचक आरम्भ 17 नवम्बर 2026 मंगलवार को 03:30 पी एम से पंचक अंत
22 नवम्बर 2026, रविवार को 05:54 ए एम तक |
Panchak Muhurat December 2026
पंचक आरम्भ 14 दिसम्बर 2026 सोमवार को 10:35 पी एम से पंचक अंत
19 दिसम्बर 2026 शनिवार को 03:58 पी एम बजे तक |
(Conclusion) निष्कर्ष:
पंचक मुहूर्त 2026 वैदिक ज्योतिष का एक महत्वपूर्ण विषय है, जिसमें चंद्रमा के विशेष नक्षत्रों पर गोचर के कारण कुछ कार्यों को वर्जित और कुछ को शुभ माना गया है। शास्त्रों के अनुसार पंचक के दौरान बिना विचार किए कार्य करने से बाधाएं उत्पन्न हो सकती हैं, जबकि पंचक के नियमों का पालन करने से अनावश्यक कष्टों से बचा जा सकता है।
वर्ष 2026 में आने वाले सभी पंचक मुहूर्तों की तिथियां जानकर यदि व्यक्ति शुभ-अशुभ कार्यों का चयन विवेकपूर्वक करता है, तो जीवन में स्थिरता, सुरक्षा और सफलता बनी रहती है। अतः पंचक मुहूर्त 2026 की जानकारी प्रत्येक गृहस्थ, व्यापारी और साधक के लिए उपयोगी एवं मार्गदर्शक सिद्ध होती है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न – पंचक मुहूर्त 2026
❓1. 2026 में पंचक मुहूर्त कब-कब है?
उत्तर:
वर्ष 2026 में पंचक मुहूर्त कई बार बनेंगे। पंचक चंद्रमा के धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती नक्षत्रों में गोचर के दौरान बनता है। पंचक मुहूर्त 2026 की सभी तिथियां जनवरी से दिसंबर तक ऊपर लेख में माहवार दी गई हैं।
❓2. पंचक क्या है और यह क्यों अशुभ माना जाता है?
उत्तर:
पंचक चंद्रमा के पांच विशेष नक्षत्रों में भ्रमण से बनने वाला एक मुहूर्त है। शास्त्रों के अनुसार पंचक में कुछ कार्य वर्जित माने गए हैं, क्योंकि इस अवधि में किए गए कार्यों में बाधा, हानि या विलंब की संभावना अधिक रहती है।
❓3. पंचक के नक्षत्र कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
पंचक के पांच नक्षत्र होते हैं —
धनिष्ठा (तृतीय चरण से), शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती।
इन नक्षत्रों में चंद्रमा के गोचर से पंचक मुहूर्त बनता है।
❓4. पंचक कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर:
शास्त्रों के अनुसार पंचक पांच प्रकार के होते हैं —
- रोग पंचक
- राज पंचक
- अग्नि पंचक
- चोर पंचक
- मृत्यु पंचक
प्रत्येक पंचक का प्रभाव अलग-अलग माना गया है।
❓5. रोग पंचक क्या होता है?
उत्तर:
रोग पंचक रविवार से प्रारंभ होने वाला पंचक होता है। यह पंचक अधिकांश शुभ कार्यों के लिए अशुभ माना जाता है और इस अवधि में मानसिक एवं शारीरिक कष्ट की संभावना बताई गई है।
❓6. राज पंचक में कौन से कार्य शुभ होते हैं?
उत्तर:
राज पंचक सोमवार से प्रारंभ होता है और इसे शुभ पंचक माना जाता है। इस पंचक में सरकारी कार्य, संपत्ति से जुड़े कार्य, भूमि-भवन से संबंधित निर्णय और प्रशासनिक कार्यों में सफलता मिलती है।
❓7. अग्नि पंचक में क्या करना चाहिए और क्या नहीं?
उत्तर:
अग्नि पंचक मंगलवार से शुरू होता है। इस पंचक में निर्माण कार्य, घर की छत डालना और अग्नि से जुड़े कार्य वर्जित माने जाते हैं, जबकि कोर्ट-कचहरी और विवाद संबंधी मामलों के लिए इसे अनुकूल माना गया है।
❓8. चोर पंचक क्यों अशुभ माना जाता है?
उत्तर:
चोर पंचक शुक्रवार से प्रारंभ होता है। इस पंचक में यात्रा, व्यापार, लेन-देन और बड़े सौदे करने से बचना चाहिए, क्योंकि धन हानि और चोरी की संभावना अधिक रहती है।
❓9. मृत्यु पंचक में कौन से कार्य नहीं करने चाहिए?
उत्तर:
मृत्यु पंचक शनिवार से शुरू होता है और इसे अत्यंत अशुभ माना जाता है। इस पंचक में जोखिम भरे कार्य, यात्रा, विवाद, निर्माण कार्य और बड़े निर्णय लेने से बचना चाहिए।
❓10. पंचक में क्या-क्या कार्य वर्जित हैं?
उत्तर:
पंचक में वर्जित कार्य इस प्रकार हैं —
दक्षिण दिशा की यात्रा, घर की छत डालना, लकड़ी या बांस की वस्तुएं खरीदना, चारपाई बनवाना, मिट्टी के बर्तन, कंडा, बिस्तर आदि खरीदना।
❓11. पंचक में कौन से कार्य किए जा सकते हैं?
उत्तर:
सभी पंचक अशुभ नहीं होते। राज पंचक तथा कुछ विशेष नक्षत्रों में मुंडन संस्कार, सामान्य पूजा, व्यापार, सरकारी कार्य और आवश्यक दैनिक कार्य किए जा सकते हैं।
❓12. क्या पंचक में यात्रा करना शुभ होता है?
उत्तर:
शास्त्रों के अनुसार पंचक में विशेषकर दक्षिण दिशा की यात्रा वर्जित मानी जाती है। अन्य दिशाओं की यात्रा पंचक के प्रकार और आवश्यकता के अनुसार की जा सकती है।
❓13. बुधवार और गुरुवार से शुरू होने वाले पंचक का क्या प्रभाव होता है?
उत्तर:
बुधवार और गुरुवार से प्रारंभ होने वाले पंचक में वचन देना या लेना वर्जित माना गया है। मान्यता है कि इस अवधि में दिए गए वचन पूर्ण नहीं होते, हालांकि अन्य सामान्य शुभ कार्य किए जा सकते हैं।
❓14. पंचक में मृत्यु होने पर क्या दोष लगता है?
उत्तर:
लोकमान्यता के अनुसार पंचक में मृत्यु होने पर पंचक दोष की आशंका बताई जाती है। इसके निवारण हेतु विशेष शांति कर्म और पंचक शांति पूजा कराने का विधान है।
❓15. पंचक मुहूर्त 2026 की जानकारी क्यों आवश्यक है?
उत्तर:
पंचक मुहूर्त 2026 की जानकारी होने से व्यक्ति शुभ और अशुभ कार्यों का सही चयन कर सकता है, जिससे अनावश्यक बाधाओं, आर्थिक हानि और मानसिक तनाव से बचा जा सकता है।
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