Sankashti Chaturthi 2026: तिथि, चंद्रोदय, शुभ मुहूर्त और व्रत की सम्पूर्ण जानकारी
Sankashti Chaturthi 2026 – हमारे हिन्दू धर्म में सभी व्रतों की गणना चन्द्र मास से की जाती है, और चन्द्र माह में दो पक्ष होते हैं | प्रथम कृष्ण पक्ष एवं दूसरा शुक्ल पक्ष के नाम से जाना जाता है | तिथियों के अनुसार एक माह में एक तिथि दो बार आती है इसीलिए कृष्ण पक्ष अर्थात पूर्णिमा के बाद आने वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी और शुक्ल पक्ष अर्थात अमावस्या के बाद आने वाली चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं |
Sankashti Chaturthi 2026
हांलाकि विनायक चतुर्थी और संकष्टी चतुर्थी प्रत्येक माह में आतीं हैं लेकिन सबसे महत्वपूर्ण विनायक चतुर्थी भाद्रपद माह में आती है इसको गणेश चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है | भगवान गणेश का आशीर्बाद प्राप्त करने के लिए लोग इस व्रत को करते हैं | भगवान गणेश रिद्धि-सिद्धि के दाता माने जाते हैं | इस तिथि को भगवान गणेश जी के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है | और संकष्टी चतुर्थी को जीवन में किसी प्रकार के संकटों से बचने के लिए व्रत करते हैं |

संकष्टी चतुर्थी अर्थात संकटों को दूर करने वाली चतुर्थी | इस चतुर्थी का व्रत करने से पौराणिक कथाओं के अनुसार मनुष्य सभी प्रकार के पापों से मुक्त हो जाता है | भगवान गणेश को बुद्धि का दाता भी माना जाता है, इसलिए इस व्रत के प्रभाव से बुद्धि भी प्रखर होती है |
sankashti chaturthi january 2026
06 जनवरी 2026 मंगलवार को लम्बोदर संकष्टी चतुर्थी | माघ, कृष्ण चतुर्थी
प्रारम्भ – 08:01 ए एम, जनवरी 06 से समाप्त – 06:52 ए एम, जनवरी 07 तक | जबलपुर, MP के लिए चंद्रोदय समय: 08:47 पी एम्
Vinayak Chaturthi january 2026
22 जनवरी 2026 गुरुवार को विनायक चतुर्थी | माघ, शुक्ल चतुर्थी प्रारम्भ – 02:47 ए एम, जनवरी 22 से समाप्त – 02:28 ए एम, जनवरी 23 तक |
sankashti chaturthi February 2026
05 फरवरी 2026 गुरुवार को द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी | फाल्गुन, कृष्ण चतुर्थी
प्रारम्भ – 12:09 ए एम, फरवरी 05 से समाप्त – 12:22 ए एम, फरवरी 06
तक | जबलपुर, MP के लिए चंद्रोदय समय: 09:20 पी एम्
Vinayak Chaturthi February 2026
21 फरवरी 2026 शनिवार को विनायक चतुर्थी | फाल्गुन, शुक्ल चतुर्थी प्रारम्भ – 02:38 पी एम, फरवरी 20 से समाप्त – 01:00 पी एम, फरवरी 21 तक |
sankashti Chaturthi March 2026
06 मार्च 2026 शुक्रवार को भालचन्द्र संकष्टी चतुर्थी | चैत्र, कृष्ण चतुर्थी
प्रारम्भ – 05:53 पी एम, मार्च 06 से समाप्त – 07:17 पी एम, मार्च 07 तक |
जबलपुर, MP के लिए चंद्रोदय समय: 08:55 पी एम्
Vinayak Chaturthi March 2026
22 मार्च 2026 रविवार को विनायक चतुर्थी | चैत्र, शुक्ल चतुर्थी प्रारम्भ – 11:56 पी एम, मार्च 21 से समाप्त – 09:16 पी एम, मार्च 22 तक |
Sankashti Caturthi 2026 April
05 अप्रैल 2026 रविवार को विकट संकष्टी चतुर्थी | वैशाख, कृष्ण चतुर्थी
प्रारम्भ – 11:59 ए एम, अप्रैल 05 से समाप्त – 02:10 पी एम, अप्रैल 06 तक | जबलपुर, MP के लिए चंद्रोदय समय: 09:28 पी एम्
Vinayak Chaturthi April 2026
20 अप्रैल 2026 सोमवार को विनायक चतुर्थी | वैशाख, शुक्ल चतुर्थी प्रारम्भ – 07:27 ए एम, अप्रैल 20 से समाप्त – 04:14 ए एम, अप्रैल 21 तक |
Sankashti Caturthi May 2026
05 मई 2026 मंगलवार को एकदन्त संकष्टी चतुर्थी | ज्येष्ठ, कृष्ण चतुर्थी
प्रारम्भ – 05:24 ए एम, मई 05 से समाप्त – 07:51 ए एम, मई 06 तक | जबलपुर, MP के लिए चंद्रोदय समय: 10:01 पी एम्
Vinayak Chaturthi May 2026 – अधिक मास चतुर्थी
20 मई 2026 बुधवार को विनायक चतुर्थी | ज्येष्ठ, शुक्ल चतुर्थी प्रारम्भ – 02:18 पी एम, मई 19 से समाप्त – 11:06 ए एम, मई 20 तक |
Sankashti Caturthi June 2026 – अधिक मास चतुर्थी
03 जून 2026 बुधवार को विभुवन संकष्टी चतुर्थी | ज्येष्ठ, कृष्ण चतुर्थी
प्रारम्भ – 09:21 पी एम, जून 03 से समाप्त – 11:30 पी एम, जून 04 तक | जबलपुर, MP के लिए चंद्रोदय समय: 09:33 पी एम्
Vinayak Chaturthi June 2026
18 जून 2026 गुरुवार को विनायक चतुर्थी | ज्येष्ठ, शुक्ल चतुर्थी प्रारम्भ – 09:38 पी एम, जून 17 से समाप्त – 06:58 पी एम, जून 18 तक |
Sankashti Caturthi July 2026
03 जुलाई 2026 शुक्रवार को कृष्णपिंगल संकष्टी चतुर्थी | आषाढ़, कृष्ण चतुर्थी
प्रारम्भ – 11:20 ए एम, जुलाई 03 से समाप्त – 12:39 पी एम, जुलाई 04 तक | जबलपुर, MP के लिए चंद्रोदय समय: 09:29 पी एम्
Vinayak Chaturthi July 2026
17 जुलाई 2026 शुक्रवार को विनायक चतुर्थी | आषाढ़, शुक्ल चतुर्थी प्रारम्भ – 06:27 ए एम, जुलाई 17 से समाप्त – 04:42 ए एम, जुलाई 18 तक |
Sankashti Caturthi 2026 August
02 अगस्त 2026 रविवार को गजानन संकष्टी चतुर्थी | श्रावण, कृष्ण चतुर्थी
प्रारम्भ – 11:07 पी एम, अगस्त 01 से समाप्त – 11:15 पी एम, अगस्त 02 तक | जबलपुर, MP के लिए चंद्रोदय समय: 09:09 पी एम्
Vinayak Chaturthi August 2026
16 अगस्त 2026 रविवार को विनायक चतुर्थी | श्रावण, शुक्ल चतुर्थी प्रारम्भ – 05:28 पी एम, अगस्त 15 से समाप्त – 04:52 पी एम, अगस्त 16 तक |
Sankashti Caturthi September 2026
31 अगस्त 2026 सोमवार हेरम्ब संकष्टी चतुर्थी (बहुला चौथ) | भाद्रपद, कृष्ण चतुर्थी प्रारम्भ – 08:50 ए एम, अगस्त 31 से समाप्त – 07:41 ए एम, सितम्बर 01 तक | जबलपुर, MP के लिए चंद्रोदय समय: 08:18 पी एम्
Vinayak Chaturthi September 2026
14 सितम्बर 2026 सोमवार को विनायक चतुर्थी | भाद्रपद, शुक्ल चतुर्थी प्रारम्भ – 07:06 ए एम, सितम्बर 14 से समाप्त – 07:44 ए एम, सितम्बर 15 तक |
Sankashti Caturthi October 2026
29 सितम्बर 2026 मंगलवार को विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी | आश्विन, कृष्ण चतुर्थी प्रारम्भ – 05:09 पी एम, सितम्बर 29 से समाप्त – 02:55 पी एम, सितम्बर 30 तक | जबलपुर, MP के लिए चंद्रोदय समय: 07:38 पी एम्
Vinayak Chaturthi October 2026
14 अक्टूबर 2026 बुधवार को विनायक चतुर्थी | आश्विन, शुक्ल चतुर्थी प्रारम्भ – 11:27 पी एम, अक्टूबर 13 से समाप्त – 01:13 ए एम, अक्टूबर 15 तक |
Sankashti Caturthi October 2026
29 अक्टूबर 2026 गुरुवार को वक्रतुण्ड संकष्टी चतुर्थी (करवा चौथ) | कार्तिक, कृष्ण चतुर्थी प्रारम्भ – 01:06 ए एम, अक्टूबर 29 से समाप्त – 10:09 पी एम, अक्टूबर 29 तक | जबलपुर, MP के लिए चंद्रोदय समय: 08:13 पी एम्
Vinayak Chaturthi November 2026
13 नवम्बर 2026 शुक्रवार को विनायक चतुर्थी | कार्तिक, शुक्ल चतुर्थी प्रारम्भ – 06:09 पी एम, नवम्बर 12 से समाप्त – 08:42 पी एम, नवम्बर 13 तक |
Sankashti Caturthi 2026 November
27 नवम्बर 2026 शुक्रवार को गणाधिप संकष्टी चतुर्थी | मार्गशीर्ष, कृष्ण चतुर्थी
प्रारम्भ – 09:48 ए एम, नवम्बर 27 से समाप्त – 06:39 ए एम, नवम्बर 28 तक | जबलपुर, MP के लिए चंद्रोदय समय: 08:13 पी एम्
Vinayak Chaturthi December 2026
13 दिसम्बर 2026 रविवार को विनायक चतुर्थी | मार्गशीर्ष, शुक्ल चतुर्थी प्रारम्भ – 02:06 पी एम, दिसम्बर 12 से समाप्त – 04:47 पी एम, दिसम्बर 13 तक |
Sankashti Caturthi December 2026
26 दिसम्बर 2026 शनिवार को अखुरथ संकष्टी चतुर्थी | पौष, कृष्ण चतुर्थी
प्रारम्भ – 08:04 पी एम, दिसम्बर 26 से समाप्त – 05:12 पी एम, दिसम्बर 27 तक | जबलपुर, MP के लिए चंद्रोदय समय: 08:11 पी एम्
लेख का निष्कर्ष (Conclusion)
(आपके ब्लॉग की शैली के अनुसार यह आध्यात्मिक, सरल और प्रभावशाली लिखा गया है)
निष्कर्ष
संकष्टी चतुर्थी भगवान श्री गणेश का अत्यंत पावन व्रत है, जिसे सौभाग्य, बुद्धि, बाधा-निवारण और संकट-दूर करने के लिए किया जाता है। वर्ष 2026 में यह व्रत हर महीने विशिष्ट नामों और विशेष महत्व के साथ उपस्थित हो रहा है। शास्त्रों के अनुसार संकष्टी चतुर्थी पर उपवास रखकर चंद्रोदय के समय भगवान गणेश का दर्शन, पूजन और कथा-श्रवण करने से समस्त कष्टों का नाश होता है और जीवन में नई ऊर्जा, सफलता व मानसिक शांति प्राप्त होती है।
आप अपने शहर के अनुसार चंद्रोदय समय देखकर व्रत करें, ताकि पूजा पूर्ण विधि-विधान से संपन्न हो सके।
भगवान गणेश आपके जीवन से सभी विघ्नों को दूर करें और रिद्धि-सिद्धि का आशीर्वाद प्रदान करें।
संकष्टी चतुर्थी 2026 – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
1. संकष्टी चतुर्थी 2026 कब-कब है?
वर्ष 2026 में संकष्टी चतुर्थी हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को आती है। जनवरी से दिसंबर तक कुल 12 संकष्टी चतुर्थियाँ पड़ेंगी। प्रत्येक माह की तिथि, समय और चंद्रोदय समय ऊपर लेख में विस्तार से दिया गया है।
2. Sankashti Chaturthi 2026 की पहली तिथि कौन-सी है?
संकष्टी चतुर्थी 2026 की पहली तिथि 06 जनवरी 2026 (मंगलवार) को है। इस दिन लम्बोदर संकष्टी चतुर्थी मनाई जाएगी।
3. संकष्टी चतुर्थी 2026 में चंद्रोदय समय कैसे पता करें?
संकष्टी चतुर्थी के व्रत में चंद्रोदय समय अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। यह स्थान के अनुसार अलग-अलग होता है। ऊपर दिए गए लेख में प्रत्येक तिथि के साथ जबलपुर (MP) के चंद्रोदय समय शामिल है। आप अपने शहर का चंद्रोदय समय स्थानीय पंचांग से देख सकते हैं।
4. संकष्टी चतुर्थी और विनायक चतुर्थी में क्या अंतर है?
- संकष्टी चतुर्थी: कृष्ण पक्ष की चतुर्थी, संकट दूर करने के लिए व्रत।
- विनायक चतुर्थी: शुक्ल पक्ष की चतुर्थी, भगवान गणेश के जन्म का उत्सव।
2026 में दोनों की पूरी लिस्ट लेख में दी गई है।
5. Sankashti Chaturthi 2026 में व्रत कैसे करें? (व्रत विधि)
- सूर्योदय से पहले उठें
- स्नान करके गणेश जी का पूजन करें
- सुबह–शाम मंत्र जाप करें
- दिनभर व्रत रखें
- चंद्रोदय के बाद गणेश चतुर्थी व्रत कथा सुनें
- अर्घ्य देकर व्रत खोलें
6. संकष्टी चतुर्थी व्रत में क्या खाना चाहिए?
व्रत रखने वाले लोग फल, दूध, पानी, मूंगफली, साबूदाना, मखाने, और व्रत का नमक (सेंधा नमक) का प्रयोग कर सकते हैं। चंद्रोदय के बाद सामान्य भोजन किया जाता है।
7. Sankashti Chaturthi 2026 में कौन-सी संकष्टी सबसे महत्वपूर्ण है?
बहुला चतुर्थी (भाद्रपद कृष्ण चतुर्थी) और अखुरथ संकष्टी चतुर्थी (पौष कृष्ण चतुर्थी) विशेष फलदायी मानी जाती हैं।
इसके अलावा करवा चौथ 2026 भी संकष्टी चतुर्थी ही होती है।
8. संकष्टी चतुर्थी 2026 क्यों महत्वपूर्ण है?
2026 में कई संकष्टी चतुर्थियाँ शुभ योगों में पड़ रही हैं, जिनमें व्रत करने से—
- बाधाएँ दूर होती हैं
- कार्य सिद्धि मिलती है
- घर-परिवार में सुख-शांति बढ़ती है
- बुद्धि-विवेक तीव्र होता है
9. क्या संकष्टी चतुर्थी व्रत महिलाएँ और पुरुष दोनों कर सकते हैं?
जी हाँ। यह व्रत सर्वसुलभ है और स्त्री-पुरुष, विवाहित-अविवाहित सभी इस व्रत को कर सकते हैं।
10. Sankashti Chaturthi 2026 पर कौन-सा मंत्र जपना चाहिए?
आप निम्न मंत्रों का जाप कर सकते हैं—
- ॐ गं गणपतये नमः
- वक्रतुंड महाकाय….
- संकष्ट नाशन गणेश स्तोत्र
आख़िरी मंत्र विशेष रूप से संकट दूर करने वाला माना गया है।
11. संकष्टी चतुर्थी 2026 की तिथि कैसे निर्धारित होती है?
चंद्र कैलेंडर के अनुसार पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्ण पक्ष की चौथ को संकष्टी चतुर्थी माना जाता है। तिथि का निर्धारण सूर्यास्त और चंद्रोदय के समय के आधार पर किया जाता है।
12. Sankashti Chaturthi 2026 में चंद्रोदय न दिखे तो व्रत कैसे खोलें?
यदि बादलों के कारण चंद्रमा दिखाई न दे, तब पंचांग में दिए गए चंद्रोदय समय पर ही व्रत खोला जा सकता है।
13. क्या संकष्टी चतुर्थी 2026 में गणेश कथा सुनना आवश्यक है?
जी हाँ। कथा सुनना अनिवार्य माना गया है। बिना कथा के व्रत अपूर्ण माना जाता है।
इन्हें भी देखें :-
जानिए आपको कौनसा यंत्र धारण करना चाहिए ?



