प्रथम भाव पर शुक्र की पूर्ण दृष्टि का फल-
(shukra drishti ka fal) – शुक्र प्रथम भाव को पूर्ण दृष्टि से देखता हो तो ऐसे जातक देखने में सुंदर और शौकीन होते हैं | ऐसे व्यक्ति बहुत ही भाग्यशाली होते हैं, और चतुर भी होते हैं | किंतु ऐसे व्यक्ति पर स्त्री गमन के कारण अपने आचरणों से गिर जाते हैं |
द्वतीय भाव पर शुक्र की पूर्ण दृष्टि का फल-
दूसरे भाव को शुक्र पूर्ण दृष्टि से देखता हो तो व्यक्ति धन तथा कुटुंब परिवार से सुखी होता है | ऐसे व्यक्ति यथेष्ट धन अर्जित करने वाले होते हैं | परिश्रमी भी बहुत होते हैं, परंतु कुछ बिलासी प्रवृत्ति के होते हैं |
तृतीय भाव पर शुक्र की पूर्ण दृष्टि का फल-
शुक्र तीसरे भाव को पूर्ण दृष्टि से देखता हो तो व्यक्ति शासन करने वाला होता है | ऐसे व्यक्तियों के अधिक भाई-बहन होते हैं | इनका भाग्योदय लगभग 25 वर्ष की अवस्था में होता ,है परंतु ऐसे जातकों को वीर्य से संबंधित समस्या उत्पन्न होती है |
चतुर्थ भाव पर शुक्र की पूर्ण दृष्टि का फल-(shukra drishti ka fal)
चौथे भाव को पूर्ण दृष्टि से शुक्र देवता हो तो ऐसे व्यक्ति देखने में सुंदर तथा सुखी होते हैं | समाज सेवा में अग्रसर रहने वाले और भाग्यशाली होते हैं | ऐसे व्यक्ति अपने माता-पिता के आज्ञाकारी होते हैं, तथा राज्य सेवा को ऐसे व्यक्ति अपना परम धर्म मानते हैं |
पंचम भाव पर शुक्र की पूर्ण दृष्टि का फल-
पांचवे भाव पर शुक्र की पूर्ण दृष्टि हो तो व्यक्ति बहुत विद्वान होता है | ऐसे व्यक्तियों के पास धन का अभाव नहीं रहता | ऐसे व्यक्तियों को सिर्फ एक ही कन्या होती है | ऐसे व्यक्ति बड़े प्रेमी और बुद्धिमान होते हैं |
षष्ठ भाव पर शुक्र की पूर्ण दृष्टि का फल-
शुक्र छठे भाव को पूर्ण दृष्टि से देखता हो तो जातक पराक्रमी और शत्रु को नाश करने वाला होता है | किंतु ऐसे जातक कभी-कभी कुमार्गगामी हो जाते हैं | ऐसे व्यक्तियों को वीर्य से संबंधित विकार उत्पन्न होता है | अनुभव में आया है कि यदि शुक्र निर्बल हो, अशुभ ग्रह युक्त हो या अशुभ ग्रह से दृष्ट है तो ऐसे व्यक्तियों को श्वेत कुष्ठ भी हो जाता है | ऐसे व्यक्ति बहुत वाचाल होते हैं |
सप्तम भाव पर शुक्र की पूर्ण दृष्टि का फल-(shukra drishti ka fal)
सातवें भाव को शुक्र पूर्ण दृष्टि से देखता हो तो ऐसे जातक बहुत ही कामी प्रवृत्ति के होते हैं | यदि शुक्र बलवान ना हो तो ऐसे व्यक्ति व्यभिचार करने में भी पीछे नहीं हटते, जबकि ऐसे व्यक्तियों की पत्नी बहुत ही सुंदर होती है | 25 वर्ष की अवस्था से स्वाधीन जीवन व्यतीत करने वाले होते हैं |
अष्टम भाव पर शुक्र की पूर्ण दृष्टि का फल-
शुक्र आठवें भाव को पूर्ण दृष्टि से देखता हो तो ऐसे व्यक्तियों को प्रमेह रोग होने का भय रहता है | ऐसे व्यक्ति बहुत दुखी रहते हैं | हर समय धन का अभाव रहता है, तथा कुटुंब परिवार से भी इनके अच्छे संबंध नहीं रहते | ऐसे व्यक्ति साधु-संतों की सेवा करने में आगे रहते हैं, परंतु कफ तथा वात रोग से पीड़ित रहते हैं |
नवम भाव पर शुक्र की पूर्ण दृष्टि का फल-
नौवें भाव को शुक्र पूर्ण दृष्टि से देखता हो तो ऐसा जातक कुलदीपक होता है | ऐसे व्यक्ति ग्राम अधिपति, शत्रुजयी तथा धर्मात्मा होते हैं | शुक्र के ऊपर यदि पाप ग्रहों की दृष्टि या शुक्र के साथ पाप ग्रहों की युति ना हो तो ऐसे व्यक्ति बहुत ही कीर्तिमान और विलक्षण होते हैं |
दशम भाव पर शुक्र की पूर्ण दृष्टि का फल-(shukra drishti ka fal)
शुक्र दशम भाव को पूर्ण दृष्टि से देखता हो तो व्यक्ति धनी और भाग्यशाली होते हैं | ऐसे व्यक्ति प्रवासी होते हैं, तथा राज्य सेवी भी होते हैं | ऐसे व्यक्तियों को माताजी का पूर्ण सुख तथा सहयोग प्राप्त होता है, और यह अनेक भू-संपत्तियों के मालिक होते हैं |
एकादश भाव पर शुक्र की पूर्ण दृष्टि का फल-
ग्यारहवें भाव को शुक्र पूर्ण दृष्टि से देखता हो तो इस प्रकार के व्यक्ति नाना प्रकार से लाभ प्राप्त करने वाले होते हैं | ऐसे व्यक्ति प्रमुख तथा नेता होते हैं | ऐसे व्यक्तियों का काव्य रचना में बड़ा ही मन लगता है | परंतु कभी-कभी ऐसे व्यक्ति पर स्त्री गामी हो जाते हैं |
बारहवें भाव पर शुक्र की पूर्ण दृष्टि का फल-(shukra drishti ka fal)
शुक्र बारहवें भाव को पूर्ण दृष्टि से देखता हो तो व्यक्ति को वीर्य से संबंधित होने वाले रोगों से विशेष सावधान रहना चाहिए | ऐसे व्यक्तियों का हाथ बिल्कुल खुला हुआ होता है | विशेषकर विवाह आदि कार्यों में अत्यधिक व्यय करने वाले होते हैं | शत्रुओं से पीड़ित रहते हैं चिंतित रहते हैं, और अपनी स्त्री से द्वेष करने वाले होते हैं |
जानिए आपको कौनसा यंत्र धारण करना चाहिए ?
Namaste, Pandit ji.
Aap astrology sikhate bhi hain?
जी नहीं समय का आभाव रहता है
Pandit ji mai thodi parishan hu. Mere bhavi husband kis field se honge batayiye
बेटा आप अपनी डिटेल भेज दीजिये